कोरोना त्रासदी में इंसानियत: गुरुद्वारों ने खोले अस्पताल, जमाती कर रहे अंतिम संस्कार, चर्च बांट रहे मदद

गुरुद्वारे के अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह रम्मी ने कहा है कि अस्पताल के अलावा ऑक्सीजन के लिए तीन सेंटर स्थापित किये गए हैं।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Chitra Singh
Published on: 12 May 2021 9:59 AM GMT
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कोरोना में लोगों ने की मदद (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया)

लखनऊ: भारत में कोरोना (Corona) त्रासदी के दौरान जहां पीड़ितों के साथ अमानवीय व्यवहार और लूटखसोट की विचलित करने वाली खबरें आईं हैं, वहीं भारी मुसीबत में नागरिकों द्वारा एक दूसरे की मदद की भी ढेरों खबरें हैं।

मिसाल के तौर पर जहां केरल में लोगों की मदद करने के लिए चर्च और उससे जुड़े संगठन आगे बढ़ कर आये हैं, वहीं दिल्ली में गुरुद्वारों ने मरीजों के इलाज के लिए अस्पताल खोल दिये। तेलंगाना में तो तब्लीगी जमात के लोग ने मृतकों के अंतिम संस्कार में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।

गुरुद्वारे और सिख जुटे सेवा में

नई दिल्ली के गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब ने आनन फानन में ऑक्सीजन युक्त 400 बेड का अस्पताल खोल दिया है। दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा के अनुसार कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए हरसंभव कोशिश की जाएगी, और भी अस्पताल खोले जा रहे हैं और ऑक्सीजन और एम्बुलेंस उपलब्ध कराई जा रही है।

दिल्ली की सीमा पर इंदिरापुरम में भी एक गुरुद्वारे ने अस्पताल खोला है। इंदिरापुरम गुरुद्वारे के अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह रम्मी ने कहा है कि अस्पताल के अलावा ऑक्सीजन के लिए तीन सेंटर स्थापित किये गए हैं जहां लोगों को मुफ्त में ऑक्सीजन दी जाएगी। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में भी अस्पताल और ऑक्सीजन सप्लाई सेंटर स्थापित किये जा रहे हैं। रम्मी ने कहा कि उनके स्वयंसेवक रोजाना सैकड़ों किलोमीटर सफर करके गंभीर मरीजों के लिए ऑक्सीजन ला रहे हैं।

गुरुद्वारा (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

लंदन स्थित खालसा एड के चीफ एग्जेक्युटिव रवि सिंह के अनुसार सिखों के साथ जन सेवा का इतिहास जुड़ा हुआ है। चूंकि सिखों को अपनी आय का दस फीसदी चैरिटी में देने को प्रोत्साहित किया जाता है सो हमारे पास संसाधन की कोई बड़ी कमी नहीं होती।

दिल्ली में ही एक सिख संगठन के युवक अंत्येष्टि स्थलों में शवों को डिसइन्फेक्ट करने के काम में रात दिन जुटे हुए हैं। अपनी खुद की सुरक्षा दांव पर लगा कर ये युवक शवों पर स्प्रे करने के काम में लगे हुए हैं।

जमाती कर रहे शवों का अंतिम संस्कार

पिछले साल जिन तब्लीगी जमात वालों पर जानबूझकर कोरोना संक्रमण फैलाने के आरोप लग रहे थे वही जमाती अब कोरोना से मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार में जुटे हुए हैं। मृतक चाहे जिस धर्म के हों, जमाती पूरी शिद्दत से और सेवाभाव से उनके अंतिम संस्कार कर रहे हैं।

आंध्र प्रदेश के तिरुपति में जमाती अब तक 560 से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं। दरअसल, बहुत से मामलों में मृतकों के रिश्ते नातेदार संक्रमण के खौफ से अंतिम संस्कार करने से डरते हैं सो ऐसे में जमाती आगे आये हैं।

तब्लीगी जमात की जॉइंट एक्शन कमेटी के अध्यक्ष शेख इमाम ने बताया कि शवों का अंतिम संस्कार उनके धर्म के अनुरूप किया जाता है। शेख इमाम का मानना है कि ये जमातियों के प्रति लोगों में धर कर गई नफरत को दूर करने का एक अवसर भी है।

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