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कहां हुआ था हनुमान जी का जन्म? इन दो राज्यों में मचा घमासान
कर्नाटक और आंध्र प्रदेश दोनों राज्य भगवान हनुमान की जन्मस्थली पर दावा कर रहे हैं। आज हनुमान जी के जन्मस्थान चर्चा में।
लखनऊ : बाल समय रवि भक्ष लियो तब तीनहुं लोक भयो अंधियारो।ताहि सों त्रास भयो जग को यह संकट काहु सों जात न टारो॥ देवन आनि करी बिनती तब छांडि दियो रवि कष्ट निवारो।को नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो।।
हनुमान जी आज भी जो है विद्यमान, जिनकी बुद्धि और बल का बखान त्रेतायुग से लेकर कलयुग (kalyog) तक चला आ रहा है। पौराणिक ग्रंथों और सनातन धर्म में संकटमोचन हनुमान अद्भुत महिमा है। हिंदू धर्म की आस्था के सबसे बड़े वाहक और भक्तों के शिरोमणी है हनुमान।
आज उन्हीं हनुमान का जन्मस्थान चर्चा का विषय बना हुआ है। इन दिनों दक्षिण भारत में हनुमान जी के जन्म स्थान पर घमासान छिड़ा है।कर्नाटक (Karnataka) और आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh )दोनों राज्य भगवान हनुमान की जन्मस्थली पर दावा कर रहे हैं।अब कर्नाटक के शिवमोगा के एक धर्मगुरु ने मारुतिनंदन के जन्म स्थान पर नया अधिकार बताया है। उनका कहना है कि उत्तर कन्नड़ जिले के तीर्थस्थल गोकर्ण में रामदूत हनुमान जी का धर्मस्थान है।
क्या है पूरा विवाद...
हनुमान का जन्म किष्किंधा के अंजनाद्रि पर्वत पर हुआ था। यह जगह कोप्पल जिले के अनेगुंडी में बताई जाती है। ये कर्नाटक का दावा है। वहीं दूसरी ओर आंध्र प्रदेश भी हनुमान की जन्मस्थली का दावा कर रहा है। इनके दावे के अनुसार हनुमान की जन्मभूमि तिरुपति की 7 पहाड़ियों में से एक है। इस पहाड़ी का नाम भी अंजनाद्रि है।
तिरुपति में स्थित तिरुमला मंदिर हिंदुओं की मान्यता का बड़ा केंद्र है। तेलुगू में तिरुमला का अर्थ होता है सात पहाड़ियां। यह मंदिर इन्हीं सात पहाड़ियों को पार करने पर आता है।
शिवमोगा के मठ का दावा
कर्नाटक के शिवमोगा स्थित रामचंद्रपुर मठ के प्रमुख राघवेश्वर भारती रामायण के अनुसार अपने दावे के समर्थन में कहते हैं कि हनुमान सीता से समुद्र के पार गोकर्ण में अपना जन्म स्थान होने की बात कहते हैं। रामायण में मिले प्रमाण भी हैं कि गोकर्ण हनुमान की जन्मभूमि है और किष्किंधा स्थित अंजनाद्रि उनकी कर्मभूमि है।
ये तो एक बात हुई इसके अलावा भले ही झारखंड राज्य का गुमला चर्चा में ना हो, लेकिन गुमला का आंजन धाम भी हनुमानजी की जन्मस्थली मानी जाती है। कहा जाता है कि आंजन धाम में ही मां अंजनी ने पवनसुच तो जन्म दिया था।