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कोरोना को मिली खुली छूट, चुनावी राज्यों में इस तरह भयानक हुए हालात

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में कोरोना ट्रेंड ने 15 मार्च के बाद तेजी दिखानी शुरू कर दी थी। इसमें वो राज्य भी शामिल हैं...

Vidushi Mishra
Published By Vidushi Mishra
Published on: 15 April 2021 7:57 AM IST
कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा दिन प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा है।
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चुनाव प्रचार(फोटो-सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: पूरे देश में कोविड-19 की दूसरी लहर से हर दिन स्थितियां खराब होती जा रहा है। ऐसे में कई राज्य सरकारों ने अपने यहां बेहद सख्त नियमों का ऐलान कर दिया है। देशभर में सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र (Maharashtra) में बुधवार को 15 दिनों के कर्फ्यू की शुरुआत हो गई। इस बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में कोरोना ट्रेंड ने 15 मार्च के बाद तेजी दिखानी शुरू कर दी थी। इसमें वो राज्य भी शामिल हैं जहां पर अभी विधानसभा चुनाव चल रहे हैं। इनमें असम, केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी में तो 6 अप्रैल को वोटिंग सम्पन्न हो गई, पर अभी पश्चिम बंगाल में 4 चरण बाकी हैं। बड़ी बात तो ये है कि बिगड़ते हालातों के बाद भी चुनाव प्रचार, बड़ी रैलियां पहले की तरह ही जारी हैं।

ऐसे में 17 मार्च को मुख्यमंत्रियों के साथ हुई एक बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कोराना के खिलाफ मिली सफलता को लापरवाही में नहीं गंवाना है और 'टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट' के फॉर्मूले पर काम करना है। ये उपाय कोरोना की दूसरी लहर का पीक रोकने के लिए सुझाए गए। लेकिन इसके बाद जब चुनाव प्रचार हुआ तो करीब सभी पार्टियों की रैली में कोरोना नियमों का भरपूर उल्लंघन किया गया।

पश्चिम बंगाल का हाल

यहां 8 चरणों में मतदान प्रक्रिया संपन्न कराई जा रही है। इसमें चार चरणों की वोटिंग हो चुकी है और चार चरणों की बाकी है। जिसमें से 27 मार्च को पहले चरण की वोटिंग थी और 29 अप्रैल को आखिरी चरण की वोटिंग होगी। सूत्रों से सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में एक मार्च को सिर्फ 200 कोरोना मामले सामने आए थे। लेकिन अब चुनाव प्रचार के दौरान 13 अप्रैल को 3798 मामले आए और 170 मौतें हुईं।

तमिलनाडु का हाल

यहां पर 1 मार्च को सिर्फ 470 मामले दर्ज किए गए। इसमें 13 अप्रैल को ये संख्या बढ़कर 5715 हो गई। ऐसे में राज्य की सभी 234 सीटों पर 6 अप्रैल को वोटिंग संपन्न हो चुकी है। पर एक मार्च से लेकर 4 अप्रैल तक राज्य में जबरदस्त चुनाव प्रचार चला। जिसमें मामलों में भी बढ़ोत्तरी होती रही।


केरल का हाल

केरल ऐसा राज्य है जहां पर मार्च की शुरुआत में भी कोरोना के नए मामलों की संख्या अच्छीखासी थी। एक मार्च को राज्य में 3496 केस सामने आए थे जो बढ़कर 13 अप्रैल को 5615 हो गए। इस बीच 2,365,420 कोविड टेस्ट हुए और 604 मौतें हुईं। जबकि खुद राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन भी कोरोना संक्रमित हो गए।

असम का हाल

असम में 1 मार्च को 23 मामले ही सामने आए थे जो 13 अप्रैल को बढ़कर 378 हो गए। जिसमें 8,18,546 कोविड टेस्ट हुए 26 मौतें हुईं।

पुडुचेरी का हाल

पुडुचेरी में 1 मार्च को 19 मामले सामने आए थे जो 13 अप्रैल को 313 हो गए। राज्य में कुल 80,711 टेस्ट हुए और 27 मौतें हुईं। चुनाव प्रचार में हर राज्य में कोरोना के मामलों में वृद्धि हुई है।

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