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मरीजों को बड़ी राहत, अस्पतालों में भर्ती होने के लिए अब कोरोना रिपोर्ट जरूरी नहीं

कोरोना की राष्ट्रीय नीति में बड़ा बदलाव किया गया है, जिसके तहत बिना पॉजिटिव रिपोर्ट के भी मरीजों को भर्ती किया जा सकेगा।

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Newstrack Network NetworkPublished By Shreya
Published on: 8 May 2021 5:20 PM IST
मरीजों को बड़ी राहत, अस्पतालों में भर्ती होने के लिए अब कोरोना रिपोर्ट जरूरी नहीं
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मरीज को ले जाते स्वास्थ्यकर्मी (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: देश में तेजी से कोरोना वायरस (Corona Virus) का संक्रमण अपने पैर पसार रहा है। संक्रमितों के आंकड़े आए दिन नए रिकॉर्ड कायम कर रहे हैं। साथ ही मृतकों की संख्या में भी बेहिसाब बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। लगातार बढ़ती मरीजों की संख्या के चलते अस्पतालों में भी भीड़ बढ़ने लगी है, जिसके चलते बेड और ऑक्सीजन की भारी कमी हो गई है।

इसके साथ ही कई अस्पतालों में मरीजों को बिना कोविड रिपोर्ट (Corona Test Report) के भर्ती नहीं किया जा रहा है। लेकिन अब इस नियम से लोगों की बड़ी राहत दी गई है। दरअसल, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना की राष्ट्रीय नीति (National policy) में बड़ा बदलाव किया है, जिसके तहत अब कोविड हेल्थ फैसिलिटी (Covid Health Facility) में बिना पॉजिटिव रिपोर्ट के भी मरीजों को भर्ती करने का प्रावधान किया गया है।

स्ट्रेचर पर मरीज को ले जाते स्वास्थ्यकर्मी (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

मंत्रालय ने किया ये बदलाव

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से अस्पताल में भर्ती होने के मानदंडों को संशोधित किया गया है। इसके साथ ही राज्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि सभी कोरोना संदिग्ध मरीजों को एडमिट किया जाए। ऐसे मरीजों को CCC, DCHC, या DHC के संदिग्ध वार्ड में भर्ती किया जा सकता है।

साथ ही इस नई नीति के मुताबिक, किसी भी मरीज को ऑक्सीजन और दवा देने से मना नहीं किया जाना चाहिए, भले ही वो अलग शहर का ही हो। नई नीति में प्रावधान किया गया है कि ऐसे किसी भी मरीज को इस आधार पर भर्ती करने से मना नहीं किया जाएगा, जिसके पास उस शहर या जिले, जहां पर अस्पताल है, का वैध पहचान पत्र नहीं है।

मंत्रालय द्वारा साफ कहा गया है कि जरूरत के हिसाब से मरीज को हॉस्पिटल में भर्ती किया जाए। साथ ही ये सुनिश्चित किया जाए कि अस्पताल में किसी ऐसे मरीज द्वारा बेड नहीं घेरे गए हों, जिन्हें भर्ती होने की जरूरत नहीं है। इसी के साथ ही मंत्रालय ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को तीन दिन के अंदर इस संबंध में आवश्यक आदेश और परिपत्र जारी करने को कहा है।



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Shreya

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