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बंगाल चुनाव : हिंसा के मामले की सुनवाई पूरी, HC ने सुरक्षित रखा फैसला

पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई व्यापक हिंसा के मामले में मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई...

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Newstrack NetworkPublished By Ragini Sinha
Published on: 3 Aug 2021 1:52 PM GMT
Kolkata High Court
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कोलकाता हाई कोर्ट (social media)

पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई व्यापक हिंसा के मामले में मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई। उच्च न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सॉलिसीटर जनरल से कहा कि वे मामले से संबंधित सभी स्वत: संज्ञान के मामलों के दस्तावेज पेश करें।

बुधवार तक लिखित तौर पर अदालत में जमा करें

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से मामले पर सभी स्वत: संज्ञान मामलों के रिकॉर्ड मुहैया कराने के लिए कहा है। इसके साथ ही पीठ ने इस मामले से संबंधित सभी पक्षों से कहा कि यदि इस मामले में अभी भी उन्हें कुछ कहना है या दस्तावेज देना है तो वे बुधवार दोपहर 2:30 बजे तक लिखित तौर पर अदालत में जमा दे सकते हैं। गौरतलब है कि हिंसा मामले की जांच के लिए हाई कोर्ट के निर्देश पर गठित राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की समिति ने 13 जुलाई को पांच जजों की पीठ के समक्ष सौंपी अपनी अंतिम रिपोर्ट में बंगाल में कानून- व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए थे।

हाईकोर्ट को 50 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी थी

रिपोर्ट में चुनाव के पहले हिंसा की घटनाओं का जिक्र किया गया है। सिंघवी ने कहा कि एनएचआरसी जैसे संस्थान से ऐसी उम्मीद नहीं थी। राज्य सरकार भी हिंसा के मामलों में जिला स्तर पर रिपोर्ट तैयार कर रही है। बंगाल में चुनाव बाद हिंसा पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की टीम की ओर से कलकत्ता हाईकोर्ट को सौंपी गई अंतिम जांच रिपोर्ट में राज्य प्रशासन की कड़ी आलोचना की गई है। 13 जुलाई को एनएचआरसी ने 2021 के विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद राज्य में हिंसा के आरोपों की जांच करते हुए हाईकोर्ट को 50 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें आयोग ने कहा था कि राज्य में कानून का शासन नहीं बल्कि शासक का कानून है।


23 जुलाई को हुई सुनवाई में कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की समिति द्वारा प्रस्तुत अंतिम रिपोर्ट पर जवाब देने के लिए 26 जुलाई तक का समय दिया था। मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को हुई थी। पांच जजों की पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि चुनाव बाद हिंसा पर हाई कोर्ट को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट में अनेक विसंगतियां हैं।

Ragini Sinha

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