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गर्मी से मिली है फौरी राहत, 11 मई से फिर शुरू होगा गर्मी का तांडव, डॉक्टर्स से जानिए कैसे बचना है
Heat Wave in India: पश्चिमी विक्षोभ ठंड के कारण बूंदाबांदी हो रही है। लेकिन 11 मई के बाद गर्मी फिर अपना प्रचंड रूप अपना लेगी।
Heat Wave in India: राजधानी लखनऊ में पिछले कुछ दिनों से मौसम ऑसम बना गया है। गर्मी से राहत मिली हुई है। लेकिन बाबू भैया! ज़रा ठहरो ये आने वाली कड़क गर्मी से पहले उसको बर्दास्त करने लिए ऊपर वाले का पूर्व अभ्यास जैसा है। वो इसलिए क्योंकि ये सब हुआ है पश्चिमी विक्षोभ के चलते, जो पहाड़ों पर आकर बैठ गया है। इसे वेस्टर्न डिस्टर्बन्स भी कहते हैं। इतना पता चला गया ना.. अब आते हैं मुद्दे पर! मुद्दा ये है कि क्या अभी और गर्मी पड़ेगी या नहीं और पड़ेगी तो क्या करना होगा बचने के लिए। सबसे पहले हमने बात कि विज्ञानी सतीश पांडे से हमने उनसे पूछा कि ये पश्चिमी विक्षोभ या वेस्टर्न डिस्टर्बन्स क्या होता है? क्या इसने मौसम अच्छा कर दिया है? उन्होंने जो बताया वो हम आपको पॉइंट्स में बता देते हैं वो क्या है कि बड़े विज्ञानी हैं ज्ञान बहुत दिए हमें..
पश्चिमी विक्षोभ (western disturbance) इसलिए कहते हैं, क्योंकि ये देश में पश्चिम की तरफ से प्रवेश करता है। पश्चिमी विक्षोभ उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का वेरियंट होता है। इसमें ध्रुवीय इलाकों से अधिक नमी के साथ गर्म हवा वाले इलाके की तरफ ठंडी हवा का बहाव होने लगता है। पश्चिमी विक्षोभ ठंड के समय अधिक सक्रीय होते हैं लेकिन गर्मी में भी ये देखे गए हैं। अभी जो मौसम कुछ सही हुआ है। बूंदाबांदी हो रही है। ये उसी के कारण है। लेकिन इसकी सक्रियता 11 तारीख तक समाप्त हो जाएगी और उसके बाद गर्मी फिर अपना प्रचंड रूप अपना लेगी। ऐसा अनुमान है कि 11 मई से हर दिन फिर पारा ऊपर जाने लगेगा और हीट वेव्स यानि की लू लखनऊ को अपनी चपेट में ले लेंगी। इसके बाद हमने बात कि डॉक्टर प्रतिभा पांडे से कि प्रचंड गर्मी एक बार फिर वापसी करने वाली है तो ऐसे में हार्ट पेशेंट को कैसे बचाव करना है?
उन्होंने बताया कि अत्यधिक गर्मी में जिस्म का तापमान अधिक होने लगता है। इसके बाद जिस्म ठंडा करने के लिए हार्ट को और अधिक ब्लड पंप करना पड़ता है। इससे जिस्म की धमनियों पर अत्यधिक दबाव बनता है आम आदमी की अपेक्षा हार्ट पेशेंट में। इसलिए ही अटैक और हाई बीपी का जोखिम होता है।
डॉक्टर ने बताया जो हार्ट पेशेंट हैं सुबह 11 बजे से 4 बजे घर में ही रहें। कोई इमरजेंसी है तो कार का प्रयोग करें। यदि नहीं कर सकते तो सिर को अंगौछे से ढक लें और पानी की बोतल साथ रख लें। बाहर हैं तो खाली पेट रहने से बचें। तला-भुना मसालेदार खाने से बचना है। अधिक से अधिक सूती और खुले वस्त्रों का प्रयोग करें।
हमने अगला सवाल किया कैसे पता करें कि हीट वेव (लू) से पीड़ित हैं?
डॉक्टर ने बताया कि हीट वेव (लू) को हलके में नहीं लेना चाहिए। जब हम इसके शिकार होते हैं तो आरंभ में थकान फिर ऐंठन और बाद में हीट स्ट्रोक या हाइपरथर्मिया हमपर हमला करता है। समय पर इलाज न मिलने पर इससे पीड़ित की मौत भी हो जाती है।
क्या करना है और क्या नहीं करना चाहिए। उन्होंने बताया, जब भी गर्मी अधिक हो एकसरसाइज कम से कम करनी चाहिए। क्योंकि पसीना जिस्म से नमक और नमी निचोड़ लेता है। इससे जिस्म के अलग अलग हिस्से में असहनीय दर्द पैदा होता है। गर्मी और ह्यूमीडीटी से स्किन में जलन पिंपल्स और चक्कते हो जाते हैं। डॉक्टर प्रतिभा से हार्ट पेशेंट के बारे में जानकारी मिलने के बाद हम पहुंचे डॉक्टर अंकित के पास.. ये जानने के लिए कि गर्मी में कैसे अपने को बचा के रखना है।
अंकित ने बताया कि नंगे पैर खुला सिर लेकर धूप में जाने से बचें। निकलना जरुरी है तो सनग्लासेस जरुर लगायें। सूती या लिनेन के कपडें पहनें। एसी कूलर में बैठे हों तो ऐसे ही उठ के कहीं न चल दें। यदि कच्चा प्याज खाने में अच्छा लगता है तो हर दिन इसे खाना है। बाहर जब भी निकलें नींबू नमक का पानी कम से कम दिन में दो बार अवश्य पीना है। उन्होंने कहा, चाय और कॉफी के जगह आम पन्ना मट्ठा और लस्सी का सेवन करिए फ्रिज के पानी की जगह सुराही का पानी पीजिये प्यास अच्छे से बुझेगी और शरीर को कोई नुकसान भी नहीं होगा। बर्फीले पानी कोल्ड ड्रिंक और बर्फ के गोले का सेवन बाहर न करें। खाना सुपाच्य होना चाहिए मौसमी फल और सब्जी को ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करें बादी सब्जी से दूरी बना के रखें। उन्होंने बताया कि अगली बात जो मै बताने वाला हूं वो कुछ अजीब लग सकती है। लेकिन आप अपनी जेब में एक छोटा प्याज रखते हैं तो इससे लू नहीं लगेगी।
हमने डॉक्टर से सवाल किया कि इतना सब करके भी हीट वेव्स यानि की लू अपना शिकार बना लेती है तो क्या करें?
डॉक्टर ने बताया सबसे पहले डॉक्टर के पास ही जाना है। लेकिन यदि डॉक्टर दूर है तो पीड़ित के तलवे पर लौकी घिस कर मलते रहना है, बार-बार करते रहना है। इससे लू का असर कम हो जाएगा। बुखार यदि 104 डिग्री से ज्यादा है तो बर्फ की पट्टी करनी चाहिए।
डॉक्टर अंकित कहते हैं, बताया जौ के आटे के साथ प्याज पीस कर शरीर पर लेप करें। मेथी की सूखी पत्ती अगर घर में मिल जाए तो इसे ठंडे पानी में 30 मिनट के लिए भिगो दें। इसके बाद इसके पानी में शहद मिलाकर हर दो घंटे पर पीड़ित को देना है। इस दौरान गीले तौलिए से शरीर पोंछते रहना चाहिए। लेकिन इस सबके साथ ये मत भूलें कि आपको डॉक्टर के पास जाना है क्योंकि यदि समस्या गंभीर है तो डॉक्टर ही उसे सही कर सकता है।
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