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Hijab Controversy: हिजाब विवाद में गिरिराज सिंह की एंट्री, बोले- अब देश के लिए समान नागरिक संहिता जरूरी

Hijab Controversy: हिजाब मामले में अब भाजपा के फायर ब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी विवाद में कूद पड़े हैं।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Vidushi Mishra
Published on: 11 Feb 2022 8:22 AM GMT
Giriraj Singh
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गिरिराज सिंह (फोटो-सोशल मीडिया)

Hijab Controversy: कर्नाटक से शुरू हुए हिजाब विवाद पर देश की सियासत गरमा गई है। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है और शीर्ष अदालत ने तत्काल इस मामले में सुनवाई से इनकार कर दिया है। इस बीच भाजपा के फायर ब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी जब विवाद में कूद पड़े हैं।

उनका कहना है कि देश के स्कूलों और कालेजों में हिजाब पहने की छूट देने की मांग करके देश तोड़ने की साजिश रची जा रही है। हालत यह हो गई है कि देश के कुछ खास वर्ग के लोगों ने देश के कानून को तय करने का काम भी शुरू कर दिया है। उन्होंने समान नागरिक संहिता की वकालत करते हुए कहा कि ऐसे वक्त में इसे लागू किया जाना बहुत जरूरी है।

समान नागरिक संहिता वक्त की जरूरत

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पहले भी कई मौकों पर देश में समान नागरिक संहिता को लागू करने की मांग कर चुके हैं। हिजाब विवाद पैदा होने के बाद उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि सच्चाई तो यह है कि इस तरह के कदमों से देश को तोड़ने की साजिश रची जा रही है। देश के विभिन्न हिस्सों में प्रांत और धर्म के नाम पर ऐसी साजिश रची जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि देश के हालात ऐसे हो गए हैं कि समान नागरिक संहिता वक्त की जरूरत बन चुकी है। इस दिशा में तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है। ऐसे समय में जब देश के कुछ खास वर्ग के लोगों ने देश का कानून तय करना शुरू कर दिया है तो समान नागरिक संगीता पर गंभीरता से विचार करना जरूरी है। गिरिराज सिंह से पहले भाजपा के कई अन्य नेता भी समान नागरिक संहिता को लागू करने की मांग कर चुके हैं।

हिजाब पहनने की छूट की वकालत

इस बीच कर्नाटक कांग्रेस के नेता सीएम इब्राहिम ने मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने की छूट देने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि यदि लड़कियां अपना सिर ढक लेती हैं तो इसमें किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने राजस्थान और दक्षिण भारत का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां काफी संख्या में महिलाएं सिर पर पल्लू रखती हैं। इसलिए लड़कियों के सिर ढकने को लेकर पैदा हुए विवाद का कोई मतलब नहीं है।

उन्होंने भाजपा पर महिलाओं की आजादी पर हमला करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सारा विवाद भाजपा की ओर से ही पैदा किया गया है। इसके पीछे भाजपा की सोच यह है कि वह महिलाओं के पहनावे भी अपने हिसाब से तय करना चाहती है।

सुप्रीम कोर्ट का तत्काल सुनवाई से इनकार

इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने हिजाब पहनने पर रोक के खिलाफ दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया। चीफ जस्टिस एन वी रमन्ना की बेंच ने इस मामले में उचित समय पर सुनवाई करने की बात कही है। शीर्ष अदालत ने इस मामले में अर्जी दाखिल करने वालों को मामले को ज्यादा बड़े स्तर पर ना फैलाने की नसीहत भी दी है।

बेंच ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि इस मामले को राष्ट्रीय मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि इस मामले में हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार किया जाना चाहिए। कर्नाटक हाईकोर्ट में यह मामला बड़ी बेंच के पास भेजा जा चुका है और सोमवार को इस मामले में फिर सुनवाई होनी है।

Vidushi Mishra

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