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Emergency: अमित शाह ने इमरजेंसी को इस तरह किया याद, बोले- कांग्रेस के स्वार्थ व अहंकार की देन

Emergency: आज ही के दिन यानी 25 जून 1975 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाया था।

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Newstrack NetworkPublished By Shweta
Published on: 25 Jun 2021 3:29 AM GMT (Updated on: 25 Jun 2021 4:11 AM GMT)
कॉन्सेप्ट फोटो
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कॉन्सेप्ट फोटो ( फोटो सौजन्य से सोशल मीडिया)

Emergency: आज ही के दिन यानी 25 जून 1975 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाई थी। यह आपातकाल 21 महीने तक चलता रहा। बताया जाता है कि उस वक्त राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के हस्ताक्षर करने के बाद भारत में पहला आपातकाल लागू हुआ। यह आपातकाल देश के इतिहास में दर्ज हो गया और यह काले दिन के रुप में मनाया जाता है।

इस दिन को आज 46 साल पूरे हो गए और देश में गृहमंत्री अमित शाह ने इसे याद किया है। वहीं अमित शाह ने अपने ट्विटर पर लिखा है कि, '1975 में आज ही के दिन कांग्रेस ने सत्ता के स्वार्थ व अंहकार में देश पर आपातकाल थोपकर विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की हत्या कर दी। असंख्य सत्याग्रहियों को रातों रात जेल की कालकोठरी में कैदकर प्रेस पर ताले जड़ दिए। नागरिकों के मौलिक अधिकार छीनकर संसद व न्यायालय को मूकदर्शक बना दिया'।

बताया जाता है कि इस आपातकाल के पीछे पश्चिम बंगाल के सीएम एसएस राय का हाथ था। उन्होंने ही इंदिरा गांधी को जनवरी 1975 आपातकाल लगाने की सलाह दी थी। वैसे तो आपातकाल की योजना बहुत पहले से बनाई जा रही थी। सिर्फ इतना ही नहीं राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने आपातकाल लागू करने के लिए उद्घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करने से कोई आपत्ति नहीं किया था। फखरुद्दीन अली अहमद इसके लिए तैयार हो गए। इसके बाद इंदिरा ने आपातकाल को लेकर मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई और उन्हें निर्देश दिया कि जितने भी आरएसएस के सदस्य और विपक्ष के नेता है उनकी लिस्ट जल्द से जल्द तैयार कर के उन्हें बताया जाए।

लोगों से छीने गए मूल अधिकार

इस आपातकाल ने देश के जनता की हत्या कर दी थी। तानाशाही सरकार ने जनता के मूल अधिकारों को छीन लिया था। इस दौरान लोग भूखे से मरने लगे और वे सरकार ने विरोध में आवाज भी नहीं उठा पा रहे थे। जो लोग सरकार की विरोध करते उन्हें जेल भेज दिया जाता। उस दौरान लाखों लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी थी।

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