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New Delhi: CBI के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा पर कार्रवाई, गृह मंत्रालय ने की सिफारिश

CBI के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने और संबंधित सेवा नियमों का उल्लंघन करने के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई की केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सिफारिश की है।

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Newstrack NetworkPublished By Shashi kant gautam
Published on: 5 Aug 2021 4:53 AM GMT (Updated on: 5 Aug 2021 4:54 AM GMT)
Union Home Ministry has recommended disciplinary action against former CBI Director Alok Verma
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सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा: फोटो- सोशल मीडिया

New Delhi: सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने और संबंधित सेवा नियमों का उल्लंघन करने के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई की केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सिफारिश की है। अधिकारियों ने बुधवार को इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय (एमएचए) ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के नोडल मंत्रालय कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को वर्मा के खिलाफ आवश्यक अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए लिखा गया है।

बता दें कि आलोक वर्मा सीबीआई में अपने कार्यकाल के दौरान, 1979-बैच (सेवानिवृत्त) भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी वर्मा, भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर गुजरात-कैडर के आईपीएस अधिकारी और उनके डिप्टी राकेश अस्थाना के साथ झगड़े हुए थे। वर्मा और अस्थाना दोनों ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। अस्थाना अभी दिल्ली पुलिस कमिश्नर हैं।

वर्मा की पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभों को जब्त किया जा सकता है

सम्बंधित अधिकारियों ने बताया कि अगर आलोक वर्मा के खिलाफ कार्रवाई को मंजूरी दी जाती है, तो वर्मा की पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभों को अस्थायी या स्थायी रूप से जब्त किया जा सकता है। नाम गोपनीय रखने की शर्त पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 'वर्मा पर अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने और सेवा नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है। गृह मंत्रालय ने उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की सिफारिश की है। 'गृह मंत्रालय IPS अधिकारियों के लिए कैडर नियंत्रण प्राधिकरण है।

परामर्श के लिए यूपीएससी को भेजी सिफारिश

अधिकारियों ने बताया कि डीओपीटी ने गृह मंत्रालय की सिफारिश संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को भेज दी है। उन्होंने कहा कि आईपीएस अधिकारियों पर जुर्माना लगाने से पहले यूपीएससी से परामर्श करने की जरूरत है।

आलोक वर्मा

बता दें कि आलोक वर्मा ने 1 फरवरी, 2017 को दो साल के निश्चित कार्यकाल के लिए सीबीआई प्रमुख के रूप में पदभार संभाला। लेकिन उन्हें 10 जनवरी, 2019 को पद से हटाकर डीजी, फायर सर्विसेज और होम गार्ड्स के तौर पर तैनाती दी गई थी। वर्मा ने इसे स्वीकार नहीं किया और सरकार से सेवा निवृत्ति की अनुमति मांगी थी। क्योंकि उन्होंने 31 जुलाई, 2017 को सेवानिवृत्ति की 60 वर्ष की आयु पूरी कर ली है।

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