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ब्रह्मोस और उरण एंटी-शिप मिसाइल का सफल प्रक्षेपण, भारत की एक और बड़ी कामयाबी

भारत की ताकत दिखाने के लिए इस बार अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से ब्रह्मोस और उरण एंटी-शिप मिसाइल दागी गई है।

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Newstrack NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 2 Feb 2022 10:57 AM IST (Updated on: 2 Feb 2022 11:37 AM IST)
brahmos missile
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ब्रह्मोस मिसाइल (ट्विटर)

 

New Delhi: भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है। भारत की ताकत दिखाने के लिए इस बार अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से ब्रह्मोस और उरण एंटी-शिप मिसाइल दागी गई है।

भारत ने आज वैश्विक स्तर पर अपनी एक अलग ही महत्वता दर्ज कराते हुए अंडमान और निकोबार त्रि-सेवा थिएटर कमांड ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से ही भारत की ब्रह्मोस और kh-35E "उरण" का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है।

अंडमान और निकोबार कमांड ने ट्वीट कर इस संबंध में जानकारी दी है। लॉन्च के वीडियो को साझा करते हुए ट्वीट में कहा गया, "एएनसी नेवल कंपोनेंट द्वारा ब्रह्मोस और उरण एंटी-शिप मिसाइलों का सफल प्रक्षेपण जो हमारे द्वीपों की रक्षा करने की हमारी क्षमताओं को दर्शाता है।"

इस सफल परीक्षण के चलते भारत की सैन्य ताकत में एक और नाम का इजाफा हो गया है। द्वीप समूह से इस मिसाइल के परीक्षण का सीधा सा उद्देश्य भारत के द्वीप की ताकत को दर्शाना है, जिससे कोई दुश्मन इस रास्ते घुसने की ना सोचे।

आपको बता दें कि इस ब्रह्मोस और उरण के परीक्षण हेतु लक्ष्य जहाज के तौर पर भारतीय नौसेना के L-38 लैंडिंग क्राफ्ट यूटिलिटी (LCU) पोत का इस्तेमाल किया गया था, जिसे 2019 में सेवानिवृत्त किया जा चुका है।

जैसा कि संबंधित अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत के पास मौजूदा हालात में ब्रह्मोस मिसाइल के चार लड़ाकू संस्करण मौजूद हैं, जिसमें कि युद्धपोत से लांच होने वाला एन्टी-शिप संस्करण, जमीन से हमला करने वाला संस्करण, पनडुब्बी से लांच होने वाला एन्टी-शिप संस्करण और पनडुब्बी से जमीन पर हमला करने वाला संस्करण।

इसकी गति करीब 4321 किलोमीटर प्रति घंटे की है, जो कि पलक झपकते ही दुश्मन को निशाना बना सकती है। तथा इसी के साथ इसमें रैमजेट इंजन प्रदान किया गया है जो कि मिसाइल को बेहद ही तेज़ गति प्रदान करने के साथ ही कम ईंधन का इस्तेमाल करता है।

भारत के ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड ने हाल ही में फिलीपींस से एक अनुबंध के तहत करीब 2 हजार 780 करोड़ रुपए के प्रस्ताव पर स्वीकृति जताई गई है, जिसके तहत अब भारत फिलीपींस नवसेना को तट आधारित एंटी-शिप मिसाइल की आपूर्ति करेगा।

भारत ने ब्रह्मोस और उरण के सफल परीक्षण के साथ ही भारत का नाम तटीय सुरक्षा के मामले में बेहतर कर लिया है।



Vidushi Mishra

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