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Corona Vaccine: भारत अगले माह से कोरोना वैक्सीन कर सकता है निर्यात, जानें वजह
सरकार अगले महीने से बड़े पैमाने पर कोरोना टीके का निर्यात करने पर विचार कर रही है। सरकार पहले 31 दिसंबर के बाद टीके का निर्यात खोलने की तैयारी में थी, लेकिन कुछ राज्यों से टीके की एक्सपायरी डेट की आशंका से अगले महीने के शुरू में ही निर्यात शुरू किया जा सकता है।
बढ़ते कोरोना टीके के स्टाक को देखते हुए सरकार अगले महीने से बड़े पैमाने पर कोरोना टीके का निर्यात करने पर विचार कर रही है। सरकार पहले 31 दिसंबर के बाद टीके का निर्यात खोलने की तैयारी में थी, लेकिन कुछ राज्यों से टीके की एक्सपायरी डेट (खत्म बीतने ) की आशंका से अगले महीने के शुरू में ही निर्यात शुरू किया जा सकता है। उल्लेखनीय है जी-20 सम्मेलन (G20 Summit) में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 2022 में दुनिया को 500 करोड़ डोज की सप्लाई का ऐलान किया है।
धीमी रफ्तार की यह हो सकती है वजह
टीकाकरण की धीमी रफ्तार भी कोरोना टीके को निर्यात करने की वजह बन रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दीवाली, भैयादूज, गोवर्द्धन पूजा और चित्रगुप्त जयंती टीकाकरण की धीमी रफ्तार की प्रमुख वजह हो सकती है। इसीलिए सरकार 30 नवंबर तक टीकाकरण का इंतजार करेगी। इस बीच यदि टीकाकरण की रफ्तार नहीं बढ़ी तो टीके का निर्यात खोलना जरूरी हो जाएगा।
खरीद की कीमत में अंतर
सरकारी टीकाकरण अभियान में मुफ्त टीके की उपलब्धता के कारण निजी अस्पतालों में टीका लगाने के लिए लोग नहीं आ रहे हैं। निजी अस्पताल सरकार से इन टीकों को मुफ्त टीकाकरण अभियान में उपयोग करने का आग्रह कर रहे हैं लेकिन निजी और सरकारी खरीद की कीमत में अंतर बड़ी समस्या है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एक तरफ टीके की खपत कम हो रही है, वहीं उनका उत्पादन बढ़ता जा रहा है। अक्टूबर में कोविशील्ड और कोवैक्सीन ने 28 करोड़ डोज का उत्पादन किया था, लेकिन पूरे महीने में केवल 17.31 करोड़ डोज ही लग पाया। इन टीकों को निर्यात करने की वजह है।
अधिक डोज की सप्लाई
अक्टूबर महीने के उत्पादन में ही 10.69 करोड़ डोज का इस्तेमाल नहीं किया जा सका, जबकि नवंबर और दिसंबर में भारत बायोटेक (Bharat Biotech) और सीरम इंस्टीट्यूट (Serum Institute) ने हर महीने 30 करोड़ से अधिक डोज सप्लाई करने का वायदा किया है। इसके अलावा सरकार जायडस कैडिला को एक करोड़ डोज का आर्डर दे चुकी है, जो जल्द सप्लाई होना शुरू हो जाएंगे। इतने बड़े पैमाने )टीके के स्टाक को रखना भी राज्यों के लिए समस्या बन जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि टीके के निर्यात में मित्र देशों और अंतरराष्ट्रीय समझौते वाली सप्लाई को प्राथमिकता दी जाएगी। भारत ने अक्टूबर में भी ईरान, बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार को 40 लाख डोज, वैक्सीन मैत्री के तहत सप्लाई किया था।
अगले महीने से शुरू हो सकता है निर्यात
वहीं, भारत को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को अपने उत्पादन का एक हिस्सा सप्लाई करने की प्रतिबद्धता है, जिसे रोक दिया गया था। इसे अगले महीने शुरू किया जा सकता है। इसके अलावा सीरम इंस्टीट्यूट ने एस्ट्राजेनेका कंपनी के साथ उत्पादन के एक हिस्से को सप्लाई करने का समझौता किया था, लेकिन प्रतिबंध के कारण वह इसे पूरा नहीं कर पाया था।