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भारत-चीन के बीच आज होगी कोर कमांडर स्तर की 13वें दौर की बातचीत, LAC पर शांति बहाली को लेकर होगी चर्चा

भारत (India) और चीन (China) के बीच कोर कमांडर स्तर की 13वें दौर की वार्ता आज चीनी बॉर्डर मीटिंग प्वाइंट मोल्डो (Moldo) में सुबह 10.30 पर शुरू होगी। इसके लिए दोनों पक्ष अपनी तैयारी कर रहे हैं।

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Newstrack NetworkPublished By Deepak Kumar
Published on: 10 Oct 2021 1:44 AM GMT (Updated on: 10 Oct 2021 2:21 AM GMT)
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भारत-चीन के बीच आज होगी कोर कमांडर स्तर की 13वें दौर की बातचीत। (Social Media)

पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर शांति बहाली के लिए भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की 13वें दौर की वार्ता रविवार को सुबह 10:30 बजे चीन की तरफ मोल्दो बॉर्डर प्वाइंट पर होगी। बैठक में भारत तनातनी वाले शेष बिंदुओं से चीनी सेना की पूरी तरह वापसी पर जोर देगा। इसके अलावा डेपसांग और देमचोक के मुद्दे पर भी चर्चा होगी।

12वें दौर में 9 घंटे चली थी बातचीत

31 जुलाई को भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की 12वें दौर की वार्ता हुई थी। यह वार्ता करीब नौ घंटे तक चली थी। इसमें भारत ने पूर्वी लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा व अन्य तनाव वाले स्थानों से सेना व हथियारों को जल्दी हटाने पर जोर दिया गया था। बैठक में दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध खत्म करने पर बातचीत की। चर्चा के दौरान भारत व चीन ने सीमा विवाद को लेकर विस्तार से चर्चा की थी।

14 जुलाई को विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक की थी। उस वक्त दुशांबे में शंघाई सहयोग सम्मेलन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर हुई इस मुलाकात में एलएसी को लेकर चल रहे मुद्दों पर चर्चा हुई थी। जयशंकर ने कहा था कि स्थिति में एकतरफा परिवर्तन किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा था कि सीमा क्षेत्रों में हमारे संबंधों के विकास के लिए शांति और व्यवस्था की पूरी तरह वापसी बहुत जरूरी है।

दोनों देश पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से अपने-अपने सैनिकों और हथियारों को हटाने की प्रक्रिया पूरी कर चुके हैं। लेकिन, टकराव वाली बाकी जगहों पर सैनिकों को वापस ले जाने की शुरुआत अभी तक नहीं हो पाई है। दोनों के बीच पिछले साल मई से पूर्वी लद्दाख में कुछ स्थानों को लेकर सैन्य गतिरोध की स्थिति बनी हुई है।

सर्दियों में भी सीमा पर डटे रहेंगे जवान: नरवणे

बैठक से ठीक एक दिन पहले सेना प्रमुख ने शनिवार को दो टूक कहा कि जब तक चीनी सैनिक वहां मौजूद रहेंगे, तब तक हमारे जवान भी डटे रहेंगे। सेना उनकी हर गतिविधि पर नजर रख रही है और किसी भी हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने अफगानिस्तान के आतंकियों की घुसपैठ को भी गंभीर मसला बताया।

सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का एलएसी के उस पार बुनियादी ढांचे बनाना चिंता का विषय जरूर है, लेकिन हमारी तैयारी भी टक्कर की है। हमारे सैनिक हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं और दुश्मन का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर इस बार की सर्दियों में भी चीनी सैनिक एलएसी पर बने रहे तो वहां भी एलओसी जैसे हालात हो जाएंगे। हालांकि हालात पाकिस्तान जैसी नहीं होगी लेकिन हमारे सैनिक वहां भी मोर्चे पर डटे रहेंगे।

चीनी सैनिक दो बार भारतीय सीमा कर चुका है घुसपैठ की कोशिश

दोनों कमांडरों की चर्चा से पहले ही चीनी सैनिकों (PLA) ने दो बार भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश की है। सितंबर में उत्तराखंड के बाराहोती में लगभग 100 चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की, जिसे भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के जवानों ने नाकाम कर दिया। पिछले हफ्ते अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीनी घुसपैठ की घटना ज्यादा गंभीर है।

सूत्रों के मुताबिक लगभग 200 चीनी सैनिकों (PLA) ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की और इसके बाद भारतीय सैनिकों से उनका आमना-सामना हुआ। खबरों के अनुसार भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को कई घंटों तक रोक कर रखा, जिन्हें बाद में सीनियर अधिकारियों के बीच चर्चा के बाद छोड़ा गया।

कई इलाकों में बना हुआ है तनाव

चीन (China) लद्दाख के बड़े हिस्से के अलावा हिमाचल, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के कई हिस्सों पर अपना दावा जताता है। दोनों देशों के सैनिक गश्त लगाते हुए कई बार आमने-सामने आ जाते हैं और टकराव की स्थिति पैदा होती है। हालांकि ऐसी स्थितियों को दोनों देशों के बीच तय व्यवस्था के मुताबिक सुलझाया जाता है ताकि मामला और न बिगड़े।

Deepak Kumar

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