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India-China Border: डोकलाम के पास भूटान सीमा पर चीन ने सैकड़ों निर्माण किये, पढ़ें ये रिपोर्ट

India-China Border: अमेरिका की डेटा एनालिटिक्स फर्म हॉकआई 360 ने ये जानकारी उपग्रहों से खींची गई फोटो से एकत्र की है। ये फर्म जमीनी स्तर की गतिविधियों पर खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए उपग्रहों का उपयोग करती है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 14 Jan 2022 11:15 AM GMT
India china border
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भारत -चीन सीमा की तस्वीर  (Photo - Social Media)

India-China Border: चीन ने भूटान के साथ अपनी विवादित सीमा पर दो मंजिला इमारतों सहित 200 से अधिक बिल्डिंगें बना ली हैं। कम से कम छह स्थानों पर इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण में तेजी लाई गई है। जिस जगह नया निर्माण किया गया है वह भारत, भूटान और चीन की सीमाओं के तिराहे जंक्शन पर डोकलाम क्षेत्र से 9 से 27 किमी दूर है।

अमेरिका की डेटा एनालिटिक्स फर्म हॉकआई 360 ने ये जानकारी उपग्रहों से खींची गई फोटो से एकत्र की है। ये फर्म जमीनी स्तर की गतिविधियों पर खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए उपग्रहों का उपयोग करती है। इन खुफिया जानकारियों से पता चलता है कि चीन ने भूटान के साथ लगी अपनी सीमा पर हाल में व्यापक निर्माण किया है।

भूटान की पश्चिमी सीमा पर कुछ स्थानों में निर्माण से संबंधित गतिविधि 2020 की शुरुआत से चल रही है। चीन ने शुरू में पटरियों का निर्माण और क्षेत्रों को साफ किया। वर्ष 2021 में काम में काफी तेजी आई है। बीते साल उपकरण और अन्य सामान रखने के लिए पहले तो छोटे ढांचे बनाए गए थे। इसके बाद बड़ी इमारतों का निर्माण किया गया।

हॉकआई 360 में मिशन एप्लिकेशन निदेशक क्रिस बिगर्स ने कहा कि ये जानकारी उपग्रह इमेजरी फर्म कैपेला स्पेस और प्लैनेट लैब्स द्वारा प्रदान की गई सामग्री के आधार पर निकाली गई है।

भारत चीन सीमा की तस्वीर

कैपेला स्पेस द्वारा लिए गए नए निर्माण के स्थानों और अन्य जगहों की फोटो का अध्ययन करने वाले दो अन्य विशेषज्ञों ने कहा है कि सभी छह बस्तियां चीन और भूटान के विवादित क्षेत्र में बनी प्रतीत होती हैं। इस क्षेत्र में लगभग 110 वर्ग किलोमीटर का एक विवादित क्षेत्र भी शामिल है जहां पहुंचने का न तो कोई रास्ता है और न वहां कोई मूल आबादी है।

सैटेलाइट तस्वीरों के विपरीत कैपेला ने इस इलाके में घने बादलों के बावजूद हाईक्वालिटी फोटो खींचने के लिए सिंथेटिक एपर्चर रडार (एसएआर) तकनीक का उपयोग किया है। इसमें उपग्रह से टारगेट एरिया पर रेडियो तरंगों को भेजा जाता है जो सतह से टकरा कर वापस लौटती हैं और उनसे एक आईने जैसी तस्वीर बन जाती है।

भूटान के विदेश मंत्रालय का कहना है कि ने कहा है कि यह भूटान की नीति है कि वह सार्वजनिक रूप से सीमा के मुद्दों पर बात न करे। वहीं, चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि ये निर्माण स्थानीय लोगों रहने की स्थिति में सुधार के लिए है। साथ ही मंत्रालय ने कहा कि, यह चीन का संप्रभु अधिकार है कि वह अपने क्षेत्र में सामान्य निर्माण गतिविधियों को अंजाम दे।

Divyanshu Rao

Divyanshu Rao

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