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India-China dispute: पूर्वी लद्दाख में जल्द होगी शांति बहाल, तय हो गई मुद्दे हल करने की रूटलाइन

India-China dispute: वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लगातार जारी तनाव के मुद्दों पर जल्द ही निपटारा कर बॉर्डर पर शांति होगी।

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Newstrack NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 6 Aug 2021 3:46 AM GMT
Peace will be restored by early settlement of remaining issues of tension on Eastern Ladakh
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वास्तविक नियंत्रण रेखा (फोटो- सोशल मीडिया)

India-China dispute: पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh Region) में भारत और चीन के बीच चल रहे भूमि विवाद को लेकर सकारात्मक संकेत मिले हैं। वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) पर लगातार जारी तनाव के मुद्दों पर जल्द ही निपटारा कर बॉर्डर पर शांति बहाल होगी। दोनों देशों के बीच आपसी समझौते की वजह से ये परिणाम सामने आए हैं।

वास्तविक नियंत्रण रेखा(LAC) के बारे में विदेश मंत्रालय ने गुरूवार को बताया कि सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच सार्थक सैन्य वार्ताओं का दौर जारी है। ऐसे में तनाव वाले बिंदुओं से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया जारी है।

कई दौर की वार्ता से निकला हल

इस बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, दोनों पक्ष बचे हुए मुद्दों पर तेजी से काम कर हैं। अब तक बनी सहमतियों पर काम जारी है और भविष्य में शांति बहाली के लिए बातचीत का दौर जारी रखा जाएगा।

पूर्वी लद्दाख क्षेत्र (फोटो- सोशल मीडिया)

आगे बागची ने कहा, आगे जो भी सूचना मंत्रालय को मिलेगी उसे जनता से साझा किया जाएगा। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले साल 5 मई को विवाद बढ़ा था, जिसके बाद पैंगोंग झील के पास गलवां घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। दोनों देशों ने तनाव के बीच 50 से 60 हजार सैनिक एलएसी पर तैनात कर दिए थे। फिलहाल जल्द ही ये तनाव शांति में बदल जाएगा।

पेट्रोलिंग पाइंट 17-ए से पीछे हटने को तैयार

दरअसल दोनों देश भारत और चीन के बीच 12वें दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता हुई। इस वार्ता में दोनों पक्ष पेट्रोलिंग पाइंट 17-ए से पीछे हटने के लिए राजी हुए हैं। बता दें, पूर्वी लद्दाख में इस पेट्रोलिंग पाइंट को लेकर दोनों देशों में तनाव लगातार बना हुआ था।

सूत्रों से सामने आई जानकारी में बताया गया कि 12वें दौर की वार्ता में दोनों पक्षों में पेट्रोलिंग पाइंट 17-ए से पीछे हटने को लेकर समझौता हुआ है। इस पट्रोलिंग पाइंट 17-ए को गोगरा के नाम से जाना जाता है। वहीं इससे पहले इस साल फरवरी में दोनों पक्ष पैंगोंग झील से अपने सैनिकों को पीछे हटाने पर राजी हुए थे।

साथ ही सूत्रों का कहना है कि जमीनी कार्रवाई की पुष्टि की जाएगी। ऐसे में ये आशा है कि जल्द ही इस सिलसिले में कदम उठाया जाएगा। फिलहाल दोनों पक्ष पीपी-15 (हाट स्पि्रंग्स) और डेपसांग सहित टकराव के अन्य बिंदुओं को हल करने के लिए अपनी वार्ता जारी रखेंगे।



Vidushi Mishra

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