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फिर लौट रहा लॉकडाउन, वापस जा रहे मजदूर
कई राज्यों में लॉकडाउन की स्थिति बन गई है, नतीजन काम की तलाश में शहर आए मजदूर भी वापस अपने गांवों का रुख कर रहे हैं।
नई दिल्ली। देश में कोरोना की नई लहर के साथ साथ अब किसी न किसी रूप में लॉकडाउन लौट गया है और इसका नतीजा ये है कि गांवों से काम की तलाश में शहर लौटे मजदूर भी वापस अपने गांवों का रुख कर रहे हैं। यूपी में लखनऊ समेत कई शहरों में रात का कर्फ्यू लगा दिया गया है। राजधानी दिल्ली में 30 अप्रैल तक नाइट कर्फ्यू की घोषणा कर दी गई है। महाराष्ट्र में भी नाइट कर्फ्यू लगाया गया है और राज्य भर में वीकएंड के दौरान लॉकडाउन की घोषणा हो चुकी है।
इस लहर में सबसे अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि रोजाना सामने आ रहे नए मामलों में सबसे अधिक संख्या युवाओं की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि फरवरी से शुरू हुई संक्रमण की दूसरी लहर से देश के 11 राज्य सबसे अधिक प्रभावित हैं और नए मामलों में करीब 85 प्रतिशत मामले इन्हीं राज्यों में सामने आ रहे हैं। मंत्रालय ने कहा है कि नए मामलों में सबसे ज्यादा संख्या 15-44 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं की है। दूसरी लहर में प्रतिदिन हो रही मौतों में सबसे अधिक संख्या 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की हैं। इनमें पुरानी बीमारियों से ग्रसित लोगों की संख्या अधिक है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश की सकारात्मकता दर 8.40 पर पहुंच गई है और यह बेहद चिंता का विषय है। एक महीने पहले यह दर 2.29 प्रतिशत थी। ऐसे में इसमें 6.11 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
वापस लौटने लगे कामगार
पिछले साल के लॉकडाउन के दौरान मुसीबतें झेल चुके कामगार मुम्बई और अन्य बड़े शहरों से अपने घर लौटने लगे हैं। मुम्बई से यूपी, एमपी और बिहार की ओर जाने वाली ट्रेनों में जगह नहीं मिल रही है। दिक्कत ये है कि इस बार ट्रेनों में बिना रिजर्वेशन घुसने की इजाजत नहीं है और जनरल टिकट भी नहीं मिल रहे हैं सो वापस लौटने वालों के सामने सीमित विकल्प हैं।
समूचे महाराष्ट्र में कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप सबसे ज्यादा है। सरकार ने हालात पर काबू पाने के लिए कई बंदिशें लगा दी हैं। मुंबई में काम करने वाले प्रवासियों में पूर्ण लॉकडाउन का डर समाया हुआ है इसलिए बोरिया बिस्तर बाँध कर लोग वापसी की राह पकड़ रहे हैं। मुम्बई के सभी ट्रेन टर्मिनस पर भरी भीड़ देखी जा रही है।
राजधानी दिल्ली में रात का कर्फ्यू लगने के बाद से बसों, ट्रेनों और आरक्षण केंद्रों पर अचानक भीड़ बढ़ गई है। कारखानों और अन्य जगहों पर काम करने वाले श्रमिकों को आशंका है कि जिस तरह अचानक रात का कर्फ्यू घोषित कर दिया गया, अचानक उसी तरह लॉकडाउन भी घोषित कर दिया जाएगा। दिल्ली के बाजारों में काम करने वाले यूपी – बिहार के मजदूर वापस जा चुके हैं या वापस जाने की जुगत लगा रहे हैं जिसके चलते रेस्तरां, खाने के स्टाल, दुकानों में कर्मचारियों की कमी साफ़ नजर आने लगी है।
संक्रमण पर नियंत्रण के लिए बंदिशें लगा दी गईं
पिछले साल मध्य प्रदेश का इंदौर कोरोना का केंद्र बना हुआ था।इस बार भी स्थिति उसी दिशा में जाती दिख रही है। पूरे राज्य में कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर नियंत्रण के लिए बंदिशें लगा दी गईं हैं। महाराष्ट्र के लिए बस सेवा पहले ही बंद की जा चुकी है अब सभी शहरों में रात का कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया गया है। इसके अलावा सभी शहरों में हर रविवार को पूर्ण लॉकडाउन भी रहेगा। पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में भी संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए रायपुर जिले में 19 अप्रैल तक लॉकडाउन लगा दिया है और इस अवधि के दौरान रायपुर जिले की सभी सीमाएं सील रहेगी। इस दौरान केवल दवा दुकानों को अपने निर्धारित समय में खुलने की अनुमति होगी।
महाराष्ट्र के बाद सबसे बुरा हाल पंजाब का है। राज्य में सभी 22 जिलों में रात का कर्फ्यू लगा दिया गया है। राजनीतिक आयोजनों पर रोक लगा दी गई है। नयी पाबंदियों के तहत बंद जगह में अंतिम संस्कार या शादियों में बस 50 तथा खुली जगह में ऐसे अवसरों में बस 100 अतिथियों की अनुमति होगी।
कोरोना की नई लहर से ग्रसित गुजरात में 20 शहरों में रात का कर्फ्यू लगा दिया गया है। इसके अलावा अब मास्किंग और अन्य एहतियातों को सख्ती से लागू किया जा रहा है।
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