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Metro Man E. Sreedharan: मेट्रो मैन श्रीधरन ने सक्रिय राजनीति को कहा अलविदा, आगे भी लोगों की सेवा में जुटे रहने का एलान
Metro Man E. Sreedharan: दिल्ली को मेट्रो का तोहफा देने वाले मेट्रोमैन (metro man) के नाम से मशहूर ई श्रीधरन (E Sreedharan) ने सक्रिय राजनीति को अलविदा कर दिया है।
Metro Man E. Sreedharan: पूरे देश में मेट्रोमैन (metro man) के नाम से मशहूर ई श्रीधरन (E Sreedharan) ने सक्रिय राजनीति को अलविदा कर दिया है। अपने गृहनगर मलप्पुरम में मीडिया से बातचीत के दौरान श्रीधरन ने सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की बात कही। श्रीधरन की उम्र 90 साल हो चुकी है और उन्होंने अपनी ज्यादा उम्र को सक्रिय राजनीति छोड़ने का बड़ा कारण बताया। केरल में हुए पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान श्रीधरन ने भाजपा उम्मीदवार के रूप में किस्मत आजमाई थी मगर उन्हें कांग्रेस (Congress) प्रत्याशी से हार का सामना करना पड़ा था।
पिछले विधानसभा चुनाव में मिली थी हार
दिल्ली को मेट्रो का तोहफा (Metro gift to Delhi) देने वाले श्रीधरन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अब मेरी उम्र 90 साल हो चुकी है और मैं अवस्था के काफी उन्नत दौर में पहुंच चुका हूं। बहुत से लोगों को मेरी उम्र के बारे में सही जानकारी नहीं है। वैसे उन्होंने इसके साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि जब मैं सक्रिय राजनीति छोड़ने की बात तो कह रहा हूं तो इसका मतलब यह नहीं है कि मैं राजनीति से पूरी तरह अलग हो जाऊंगा। पिछले विधानसभा चुनाव में मिली हार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस हार के कारण मुझे काफी दुख पहुंचा था, लेकिन अब मैं ज्यादा दुखी नहीं हूं। एक विधायक होकर ही सबकुछ नहीं किया जा सकता।
अब ट्रस्टों के जरिए करेंगे लोगों की सेवा
पूरे देश में मेट्रो मैन के रूप में प्रसिद्ध श्रीधरन ने कहा कि सही मायने में मैं एक राजनेता नहीं बल्कि नौकरशाह ही हूं। उन्होंने कहा कि सक्रिय राजनीति छोड़ने के बावजूद मैं अन्य तरीकों से लोगों की सेवा आगे भी करता रहूंगा। मेट्रो मैन ने कहा कि मैं तीन ट्रस्टों से जुड़ा हुआ हूं और आगे भी इन ट्रस्टों के जरिए लोगों की सेवा करने का इरादा है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी चीज लोगों की सेवा है और इस मामले में मैं भविष्य में भी पीछे हटने वाला नहीं हूं।
श्रीधरन की हार से भाजपा को लगा था झटका
इस साल की शुरुआत में केरल विधानसभा चुनाव (Kerala assembly elections) से पहले मेट्रो मैन ने भाजपा का दामन थामने का फैसला किया था। इतनी ज्यादा उम्र में सियासी मैदान में मेट्रो मैन के सक्रिय होने की खबर मीडिया में सुर्खियां बन गई थी। श्रीधरन को भाजपा ने पलक्कड़ विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा था। श्रीधरन के जीतने की उम्मीद जताई जा रही थी मगर कांग्रेस के युवा उम्मीदवार शफी परम्बिल ने श्रीधरन को पराजित कर दिया था। श्रीधरन को 3859 मतों से हार का सामना करना पड़ा था। केरल में श्रीधरन की इस हार से भाजपा को करारा झटका लगा था।
पीएम मोदी (PM Modi) के प्रशंसक रहे हैं मेट्रो मैन (metro man)
मेट्रो मैन के भाजपा का दामन थामने के बाद पार्टी की ओर से उन्हें मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताया गया था। भाजपा को उम्मीद थी कि मेट्रो मैन के उल्लेखनीय कामों को देखते हुए पार्टी को सियासी रूप से फायदा हो सकता है मगर मेट्रो मैन अपनी सीट भी नहीं बचा सके। श्रीधरन शुरू से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुरीद रहे हैं। उन्होंने 2014 में पीएम मोदी को देश का सबसे काबिल और योग्य नेता बताया था।
उनका कहना था कि मोदी के हाथों में देश का भविष्य पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। भाजपा (BJP) में शामिल होने के समय उन्होंने कहा था कि मैंने किसी हड़बड़ी में यह फैसला नहीं किया है बल्कि काफी सोच समझकर मैंने भाजपा का दामन थामा है। उनका कहना था कि भाजपा में शामिल होकर मैं केरल को विकास के नए रास्ते पर ले जाना चाहता हूं। हालांकि श्रीधरन का यह सपना पूरा नहीं हो सका। श्रीधरन को समय का पाबंद माना जाता रहा है और इसी कारण वे विभिन्न प्रोजेक्ट समय सीमा के भीतर पूरा करने में कामयाब रहे हैं।