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सरकार ने माना, मिली है वैक्सीन की सिर्फ 10 करोड़ खुराक

अब तक देश को कोविशील्ड और कोवैक्सीन की करीब 10 करोड़ खुराकें ही मिली हैं, जबकि 12 करोड़ डोज का पिछला आर्डर दिया गया था।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Shreya
Published on: 6 May 2021 7:01 PM IST (Updated on: 6 May 2021 8:45 PM IST)
सरकार ने माना, मिली हैं वैक्सीन की सिर्फ 10 करोड़ खुराकें
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वैक्सीन (सांकेतिक फोटो साभार- सोशल मीडिया)

लखनऊ: देश में 18 वर्ष से ज्यादा उम्र वालों के लिये कोरोना वैक्सीन लगाने का अभियान (Corona Vaccination Campaign) चलाया जा रहा है। इसे दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान बताया जा रहा है। लेकिन असलियत ये है कि वैक्सीन्स ही नदारद हैं। आलम ये है कि कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxin) की करीब 10 करोड़ खुराकें ही देश को मिली हैं, जबकि केंद्र सरकार ने 12 करोड़ खुराकों का पिछला आर्डर दिया था।

जब सप्लाई की ऐसी सुस्त रफ्तार है तो देशवासियों को कोरोना से कितने समय में सुरक्षा मिल पाएगी, ये बहुत बड़ा सवाल है, और बेहद चिंताजनक स्थिति है। रूस की स्पूतनिक वैक्सीन (Sputnik V Vaccine) कब और कितनी मिलेगी ये भी पता नहीं है। ऐसे में वैक्सीन डिप्लोमेसी करने वाले भारत को अब खुद अपने लिए अन्य देशों, खासकर अमेरिका की ओर ताकना पड़ रहा है।

सरकार की सफाई

देश में कोरोना वैक्सीन की स्थिति पर चुप्पी साधे बैठी केंद्र सरकार को अब सफाई देनी पड़ी है। सरकार ने एक बयान जारी करके सीरम इंस्टिट्यूट (Serum Institute of India) और भारत बायोटेक (Bharat Biotech) से वैक्सीन खरीद के आंकड़े सार्वजनिक किए हैं। सरकार ने बताया है कि 28 अप्रैल को सीरम इंस्टिट्यूट को उसकी कोविशील्ड वैक्सीन की 11 करोड़ खुराकों के लिए 1700 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। ये खुराकें मई, जून और जुलाई महीने में वितरित की जानी हैं।

वैक्सीन (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

सरकार ने कोवैक्सीन के लिए भारत बायोटेक कम्पनी को 28 अप्रैल को ही 5 करोड़ खुराकों के लिए 772.5 करोड़ रुपये का पेमेंट किया। कंपनी मई, जून और जुलाई में ये खुराकें सप्लाई करेगी। सरकार ने बताया है कि 3 मई तक उसे कोविशील्ड की करीब 9 करोड़ खुराकें और कोवैक्सीन की 88.13 खुराकें मिल चुकी हैं। ये सप्लाई पिछले आर्डर के बाद हुई है। पिछला आर्डर कोविशील्ड की 10 करोड़ खुराकों और कोवैक्सिन की 2 करोड़ खुराकों के लिए दिया गया था।

दबाव में दिए आंकड़े

कितनी वैक्सीन खरीदी जा रही हैं और सप्लाई की क्या स्थिति है, इस बारे में सरकार अभी तक चुप्पी साधे बैठी हुई थी। जब ऐसी रिपोर्टें छपीं कि सरकार ने अभी तक वैक्सिनों की सप्लाई हासिल ही नहीं की है, तब जाकर सरकार को आंकड़े देने पड़े।

कोविशील्ड (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

सीरम इंस्टीट्यूट

पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट के मालिक अदर पूनावाला तो देश छोड़कर ब्रिटेन में रहने चले गए हैं। उनकी कंपनी की कोविशील्ड वैक्सीन का प्रोडक्शन करीब 7 करोड़ डोज़ प्रतिमाह का है। भारत में वैक्सीन के कुल उत्पादन का ये करीब 90 फीसदी है। इन 7 करोड़ खुराकों में से 50 फीसदी केंद्र सरकार और 50 फीसदी राज्यों को चला जाता है।

भारत बायोटेक

हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक पूरी तरह स्वदेशी वैक्सीन बना रहा है लेकिन इसकी क्षमता बेहद सीमित है। ये साल में 15 करोड़ खुराकें ही बना सकता है। सितंबर तक भारत बायोटेक की कैपेसिटी 10 करोड़ खुराक प्रतिमाह होने की उम्मीद है।

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