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J&k: महबूबा की मोदी सरकार को चेतावनी-'श्रीलंका की राह पर बढ़ रहा भारत, यहां भी होंगे वैसे ही हालात'
महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट में लिखा, 'श्रीलंका में जो कुछ भी हुआ उससे सबक लेने की जरूरत है। साल 2014 से भारत को सांप्रदायिक भय की ओर धकेला जा रहा है।'
Mehbooba Mufti Comments On Modi Govt. : जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने बुधवार, 11 मई को श्रीलंका की स्थितियों का उदाहरण देते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को नसीहत दी। मुफ्ती ने कहा, 'श्रीलंका के मौजूदा हालात से भारत को सबक लेना चाहिए। क्योंकि, देश उसी राह पर आगे बढ़ रहा है। जिस रास्ते पर हमारा पड़ोसी मुल्क है।'
गौरतलब है कि, भारत का पड़ोसी मुल्क श्रीलंका वर्तमान में अभूतपूर्व आर्थिक संकट (Economic Crisis) से गुजर रहा है। श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajapaksa) ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके कुछ समय बाद ही उनके समर्थकों और सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों में जमकर झड़प और हिंसा हुई। इसी क्रम में प्रदर्शनकारियों ने सत्ताधारी दल के एक सांसद की हत्या कर दी। जिसके बाद देश में कर्फ्यू (Curfew) लगाना पड़ा। राजधानी कोलंबो में सेना की तैनाती की गई है।
श्रीलंका से सबक लेने की जरूरत
इसी मुद्दे को आधार बनाते हुए पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, 'श्रीलंका में जो कुछ भी हुआ उससे सबक लेने की जरूरत है। साल 2014 से भारत को सांप्रदायिक भय की ओर धकेला जा रहा है। यह उसी 'अति राष्ट्रवाद' और 'धार्मिक बहुसंख्यकवाद' के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। सामाजिक ताने-बाने और आर्थिक सुरक्षा को इसकी कीमत चुकानी होगी।' बता दें कि, वर्ष 2014 में ही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पहली बार सत्ता में आई थी। मुफ़्ती के इस ट्वीट से साफ जाहिर है कि वो देश के वर्तमान हालात का दोषी केंद्र की मोदी सरकार को मानती हैं।
आर्थिक संकट और सियासी अनिश्चितता का दौर
जानकारी के लिए बता दें कि, बीते सोमवार को श्रीलंका में सरकार समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। उग्र भीड़ ने हिंसा के दौरान प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के पैतृक आवास सहित कई अन्य नेताओं के घरों को भी आग के हवाले कर दिया। इस हिंसा में 8 लोगों के मारे जाने की खबर है। 200 से अधिक लोग घायल हुए। श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में हालात पर काबू पाने के लिए आख़िरकार सेना को उतारना पड़ा। श्रीलंका वक्त गंभीर आर्थिक संकट और सियासी अनिश्चितता सामना कर रहा है।