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बड़ी खबर: कोरोना के खिलाफ भारत को मिलीं 2 नई वैक्सीनें स एंटी-वायरल दवा
भारत में अभी तक कुल आठ वैक्सीनों को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है।
India Vaccine: कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में भारत को अब दो और वैक्सीनें और एक नई विशिष्ट दवा मिल गयी है। भारत के ड्रग्स कंट्रोलर ने कोवावैक्स वैक्सीन, कोर्बेवैक्स वैक्सीन और एंटी-वायरल दवा मोलनुपिरावीर(Molnupiravir) को सीमित आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूदी दे दी है। इन दो वैक्सीनों और मोलनुपिरावीर को ऐसे समय पर मंजूरी दी है जब देश में ओमीक्रान के कारण तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है।
देश में धीरे-धीरे इस वेरिएंट के मामले बढ़ रहे हैं। ओमीक्रान (Omicron) को रोकने के लिए सरकार ने 15 से 18 साल के बच्चों के वैक्सीनेशन (children's vaccinations) और स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन कर्मचारियों को प्रीकॉशन खुराक लगाने का ऐलान किया है। ऐसे में देश को ज्यादा खुराकों की जरूरत पड़ना लाजिमी है।
कोवावैक्स वैक्सीन(Covavax Vaccine) को अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स (Novavax) ने डेवलप किया है और भारत में इसका निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कर रहा है। इस वैक्सीन का बच्चों पर भी ट्रायल जारी है। वैसे, अमेरिका और मेक्सिको में किये गए ट्रायल में कोवावैक्स को कोरोना संक्रमण रोकने में 90 प्रतिशत प्रभावी पाया गया था।
कोर्बेवैक्स
Corbevax
जिस दूसरी वैक्सीन को मंजूरी दी गयी है उसका नाम कोर्बेवैक्स है। ये देश की पहली आरबीडी प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है और इसे हैदराबाद की बायोलॉजिकल-ई ने विकसित किया है। इस वैक्सीन का ट्रायल पांच से 18 साल के बच्चों पर भी हो रहा है। केंद्र सरकार जून में ही इस वैक्सीन की 30 करोड़ खुराकें ऑर्डर कर चुकी है। इस वैक्सीन को अमेरिका की कंपनी के सहयोग से डेवलप किया गया है।
ख़ास दवा
कोरोना के खिलाफ दवा मोलनुपिरावीर (Molnupiravir) को अमेरिकी कंपनी मर्क ने विकसित किया है और इसे कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में गेम चेंजिंग बताया जा रहा है। कुछ ही दिन पहले अमेरिका में इस दवा के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत दी गयी थी। इसके साथ साथ फाइजर की दवा को भी मंजूरी दी गयी है।
मर्क की दवा (merck medicine company) को ट्रायल में कोरोना संक्रमण से मौत और अस्पताल में भर्ती होने के खतरे को 50 प्रतिशत कम करने में कामयाब पाया गया था। इस दवाई का निर्माण भारत में 13 कंपनियां करेंगी। इन्हीं कंपनियों के एक समूह ने मोलनुपिरावीर के इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन किया था।
इन वैक्सीनों को मंजूरी
भारत में अभी तक कुल आठ वैक्सीनों को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है। कोवावैक्स (Covavax) और कोर्बेवैक्स (Corbevax) के अलावा सीरम इंस्टिट्यूट की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सिन, स्पूतनिक-5 और जायडस कैडिला, मॉडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीनों को मंजूरी मिल चुकी है।
अभी कुछ नेजल स्प्रे वैक्सीनों (Nasal Spray Vaccines) को आने वाले दिनों में मंजूरी मिलने की संभावना है इन दो वैक्सीनों और मोलनुपिरावीर(Molnupiravir) को ऐसे समय पर मंजूरी दी है जब देश में ओमीक्रान के कारण तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है।
देश में धीरे-धीरे इस वेरिएंट के मामले बढ़ रहे हैं। ओमीक्रान को रोकने के लिए सरकार ने 15 से 18 साल के बच्चों के वैक्सीनेशन और स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन कर्मचारियों को प्रीकॉशन खुराक लगाने का ऐलान किया है। ऐसे में देश को ज्यादा खुराकों की जरूरत पड़ना लाजिमी है