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Kashmir में साहस का अप्रतिम उदहारण, सेना ने दी दिव्यांगों को स्कीइंग की ट्रेनिंग

Kashmir: भारतीय सेना (Indian Army) के चिनार कॉर्प्स (Chinar Corps) ने कश्मीर के गुलमर्ग में बेहद खराब मौसम में 6 कश्मीरी दिव्यांग युवाओं को स्कीइंग का ट्रेनिंग दिया।

Bishwajeet Kumar
Published on: 29 March 2022 5:09 PM IST
Indian Army Chinar Corps gave skiing training to Kashmiri disabled youth
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कश्मीर के गुलमर्ग में स्कीइंग की ट्रेनिंग लेते युवा कश्मीरी दिव्यांग (तस्वीर साभार : भारतीय सेना, चिनार कॉर्प्स ट्विटर)

Kashmir : वैसे तो दिव्यांग व्यक्तियों को अपने जीवन में बहुत से कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। मगर कई बार यही दिव्यांग व्यक्ति किसी के थोड़े से मदद से ही अपने साहस के जरिए कुछ ऐसा कर गुजरते हैं जो सामान्य लोगों के लिए भी बेहद कठिन होता है। ऐसे ही साहस और इच्छाशक्ति का एक उदाहरण कश्मीर से सामने आया है। जहां कश्मीर के विकलांग युवाओं को भारतीय सेना (Indian Army) की चिनार कॉर्प्स (Chinar Corps) ने स्कीइंग का प्रशिक्षण (Skiing Training) दिया है।

गुलमर्ग में हुई दिव्यांगों की ट्रेनिंग

भारतीय सेना के चिनार कॉर्प्स ने गुलमर्ग के हाई एटीट्यूड वार फेयर स्कूल (High Attitude War Fair School) में 2 हफ्ते तक दिव्यांग युवाओं को कठोर स्कीइंग ट्रेनिंग दिया। सेना द्वारा दिए गए इस स्कीइंग ट्रेनिंग में दिव्यांग युवाओं को ग्लाइडिंग और फिसलने जैसी बुनियादी गुणों के बारे में सिखाया गया।

ट्रेनिंग कार्यक्रम का शुभारंभ 15वीं कोर के जिला मुख्यालय में जीओसी 130 सब एरिया ने हरी झंडी दिखाकर शुरू किया। साथ ही इस कार्यक्रम का मार्गदर्शन और निरीक्षण कमांडेंट तथा एचएडब्ल्यूएस ने किया।

बहुत से वॉलिंटियर्स ने दिखाई ट्रेनिंग में दिलचस्पी

भारतीय सेना द्वारा इस प्रशिक्षण के आयोजन में हिस्सा लेने के लिए देश के कई जगह के वॉलिंटियर्स ने भारतीय सेना से संपर्क किया था। इस ट्रेनिंग के लिए कृत्रिम अंग और विशेष सामान जयपुर के एक गैर सरकारी संगठन भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति की ओर से की गई थी। विषम मौसमी परिस्थितियों में दिव्यांग युवाओं ने यह ट्रेनिंग 14 दिनों में सफलतापूर्वक पूरा किया।

दिव्यांग सैनिक ने किया प्रशिक्षण दल का नेतृत्व

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सबसे दिलचस्प बात यह रही कि दिव्यांगों को स्कीइंग प्रशिक्षण देने वाले दल का नेतृत्व भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल धर्मदत्त गोयल (Lt Col Dharm dutt Goyal) कर रहे थे। बता दें लेफ्टिनेंट कर्नल धर्मदत्त गोयल युद्ध में घायल एक सैनिक हैं और वह अपने बाएं पैर से विकलांग हैं।

दिव्यांगों ने तय की 250 मीटर की दूरी

स्कीइंग के इस ट्रेनिंग में दिव्यांगों ने महज 2 हफ्ते के भीतर स्कीइंग की बुनियादी कौशलों को सीख लिया। प्रशिक्षण लेने वाले दिव्यांग युवाओं में कई ऐसे ही लोग भी थे जिनके पैर कृत्रिम पैर थे। इस तरह की कई कठिनाइयों के बाद भी इन दिव्यांगों ने अपने साहस और इच्छाशक्ति से 250 मीटर की दूरी तय की।



Bishwajeet Kumar

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