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LAC पर भारतीय सेना के आक्रामक रुख ने हिला ड्रैगन, पेट्रोलिंग का बदला तरीका

भारतीय सेना के आक्रामक रुख को देखते चीन ने अपनी पेट्रोलिंग के तरीके को बदल लिया है। इस बार चीनी सेनाएं तुन-जुन ला पास 100 के करीब सैनिकों के साथ गश्त की जोकि इससे पहले 20 से 25 ही हुआ करती थी।

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Newstrack NetworkPublished By Deepak Kumar
Published on: 4 Oct 2021 10:50 AM IST
Indian Army LAC chinese army stunned india aggressive stance on lac revenge patrol method
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LAC पर भारतीय सेना के आक्रामक रुख ने हिला ड्रैगन। (Social Media)

India and China LAC dispute:भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर विवाद जारी है। इस बीच भारतीय सेना के आक्रामक रुख ने ड्रैगन को हिला दिया है। चीन की नजर कई दशकों से भारतीय इलाकों पर जमी हुई है और सीमा निर्धारित न होने के चलते चीन पचास के दशक से ही भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की हजारों कोशिश कर चुका है।

सूत्रों के मुताबिक पिछले महीने भी एक ऐसा मामला आया था जब चीनी सेनाएं तुन-जुन ला पास को पार कर भारतीय इलाके में पेट्रोलिंग करते हुए 4 से 5 किलोमीटर तक अंदर आ पहुंची थीं। तुन-जुन ला LAC माना जाता है। इस बार ट्रांसग्रेशन पहले के मुकाबले अलग थी। इस बार चीनी सैनिकों की संख्या 100 के करीब थी जोकि इससे पहले 20 से 25 ही हुआ करती थी।

सूत्रों के मुताबिक चीन की इतनी बड़ी संख्या में पेट्रोलिंग करने के पीछे की सबसे बड़ी वजह ये है कि 17 महीने पहले पूर्वी लद्दाख में चीन के दुस्साहस का जवाब भारतीय सेना ने जिस आक्रामकता से दिया उससे उसकी सेना में खौफ भर गया है। चीन को लगता है कि अगर फिर से कोई संघर्ष जैसी स्थिति पैदा हुई तो उसकी 20 से 25 की छोटी संख्या वाले पेट्रोलिंग पार्टी को ज्यादा खतरा है क्योंकि भारतीय सेना ने पूरी एलएसी के तीनों सेक्टर में सेना की तैनाती जबरदस्त की हुई है।

सेंट्रल सेक्टर के बाराहोती की बात करें तो तुनजु ला पास से सेना और आईटीबीपी की रिमखिम पोस्ट महज आठ किलोमीटर दूर है और भारतीय सेना की नजर पूरे एलएसी पर रहती है तो वहीं इसी इलाके में चीन की पोस्ट एलएसी से 30 से 35 किलोमीटर दूर है। ऐसे में अगर विवाद संघर्ष में बदलता है तो उसे रीइनफोर्समेंट जल्दी से मिलना मुश्किल है। हांलाकि, चीन ने तुनजु ला पास तक रोड तैयार की हुई है लेकिन तुरंत चीनी सेना का पहुंचना संभव नहीं होगा और उसे नुकसान उठाना पड़ सकता है।

लिहाजा चीन ने अपने पेट्रोलिंग पैटर्न को बदल दिया है। सूत्रों की मानें तो चीनी सेना ज्यादा से ज्यादा गाड़ियों के जरिए ही पेट्रोलिंग करती है। सूत्रों की मानें तो तुम जुन ला पास पर पेट्रोलिंग के लिए तो गाड़ियों के जरिए पहले अपने घोड़े भेजता है उसके बाद उसकी पेट्रोलिंग पार्टी आती है और फिर उसकी पेट्रोलिंग शुरू होती है।

चूंकि अब सर्दियां आने को है और चीन की नापाक हरकत की आशंका भी जताई जा रही है। ऐसे में खुद थलसेना प्रमुख जन एम एम नरवणे ने अपने लद्दाख में अग्रिम इलाके के दौरे के बाद ये बयान दिया था कि चीन ने अपनी सेना की संख्या में इजाफा किया है और भारतीय सेना ने भी उसी के हिसाब से अपनी सेना तैनात किया है। चीनी विदेश मंत्रालय के बयान के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी बहुत कड़ा बयान जारी किया था। भारत और चीन के बीच एलएसी पर जारी विवाद तो कम करने के लिए बैठकों का दौर जारी है। खुद थलसेना प्रमुख ने इस बात की उम्मीद जताई है कि दोनों देशों के कोर कमांडरों के बीच 13वीं दौर की बातचीत अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में हो सकती है।

बहरहाल पिछले 17 महीने से लगातार भारतीय सेना पूरी एलएसी पर पूरी ताकत के साथ डटी हुई है। ड्रैगन ने अगर किसी भी तरह की कोई हरकत की तो उसका माकूल जवाब देने के लिए भारतीय सेना तैयार बैठी है।



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Deepak Kumar

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