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IACP Award: भारत के इन दो आईपीएस अफसरों को अमेरिका में मिलेगा IACP सम्मान
IACP Award: भारतीय पुलिस सेवा से जुड़े दो अधिकारियों को अमेरिका में आईएसीपी अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा...
IACP Award: भारतीय पुलिस सेवा से जुड़े दो अधिकारियों ने अपने देश की आन बान शान का तिरंगा अमेरिका में फहरा दिया है। ये दोनों ही आईपीएस अफसर उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं। इन दोनों अधिकारियों को अमेरिका में आईएसीपी अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले देश के इन दोनों आईपीएस को अमेरिका का यह सबसे प्रतिष्ठित सम्मान, अपराधियों पर नकेल कसने और कम्युनिटी पुलिसिंग की लगातार कोशिशो के चलते दिया जा रहा है। सम्मानित होने वाले इन दोनों की आईपीएस अधिकारीयों के नाम यूपी चन्दौली के एसपी अमित कुमार व छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस सन्तोष कुमार सिंह है। सन्तोष कुमार सिंह उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के रहने वाले हैं।आईएसीपी की अंडर 40 की उम्र की श्रेणी में इन दोनों का चयन हुआ है। ये अवार्ड आगामी अक्तूबर, 2022 में अमेरिका के टेक्सास में दिए जाएंगे।
कौन है एसपी अमित कुमार
आईपीएस अमित कुमार 2015 बैच के हैं।वर्तमान में यूपी के चन्दौली में एसपी के पद पर तैनात हैं।मूल रूप से यह दिल्ली के रहने वाले हैं।इनके पिता असिस्टेंट कमांडेंट के पद से रिटायर्ड हुए हैं।अमित कुमार के छोटे भाई भरतीय सेना में मेजर हैं।चन्दौली में एसपी के रूप में काम करते हुए पुलिस की गिरफ्त से बाहर रहने वाले कई फरार शातिर अपराधियों गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेजा है।आई पी एस अमित कुमार ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के साथ साथ आईआईएम,व अहमदाबाद से एमबीए करने के बाद वे कुछ महीनों के लिये अमेरिका के लॉस एंजिलिस की सोफ्टवेयर डेवलपमेंट कम्पनी में काम करने चले गए थे। लेकिन एक आईपीएस बनने के लिये अमित ने अच्छे वेतन विदेशी नोकरी को छोड़ दिया और भारतीय पुलिस सेवा की तैयारी कर आईपीएस बन गए।अमित कुमार की एक ट्रेनी आईपीएस के रूप में पहली पोस्टिंग अलीगढ़ में हुई।वह लंबे समय तक लखनऊ के एसपी ट्रांस गोमती,एडिशनल डीसीपी ईस्ट के पद पर भी रहे हैं।इस दौरान आईपीएस अमित कुमार ने एक वाहन चोर गिरोह का भी खुलासा किया था।जो करीब 100 करोड़ रुपये की कीमत के वाहनों की चोरियों को अंजाम दे चुका था।
ये है आईपीएस सन्तोष कुमार सिंह
आईपीएस सन्तोष कुमार सिंह उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के देवकली गाँव के रहने वाले हैं।इनके पिता अशोक सिंह कुशवाहा पत्रकार हैं।सन्तोष सिंह छत्तीसगढ़ कैडर के 2011बैच आईपीएस हैं। इनकी प्रारंभिक शिक्षा गाँव से ही शुरू हुई थी।इन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की शिक्षा हसिल की है। पोस्टग्रेजुएट में राजनीतिशास्त्र उनका विषय था।वह पोस्टग्रेजुएट में गोल्डमैडलिस्ट हैं। इन्होंने जेएनयू से इंटरनेशनल रिलेशन्स में एमफ़िल किया हैं।इनकी पहली पोस्टिंग दुर्ग में रही थी।इसके बाद इनकी तैनाती नक्सल प्रभावित सुकमा में एडिशनल एसपी नक्सल ऑपरेशन्स में हुई। ये नारायणपुर व महासमुंद में भी रहे। सन्तोष कुमार सिंह रायगढ़ में भी दो साल रहे। पुलिस कप्तान सन्तोष कुमार सिंह को पिछले आठ सालों में बेहतर पुलिसिंग और महकमे की छवि सुधारने के लिये यह एवार्ड दिया जा रहा है। उन्होंने महासमुंद पदस्थापना के दौरान लगभग एक लाख बच्चों को सेल्फ डिफेंस का प्रशिक्षण दिलाया था।जो विश्व रिकार्ड है।
क्या है आईएसीपी एवार्ड
इस एवार्ड का पूरा नाम इंटरनेशनल एशोसिएशन ऑफ चीफ ऑफ पुलिस है। यह एक अमेरिका की संस्था है।1893 से ये संस्था हर साल तमाम देशों के पुलिस कर्मियों को उनके अच्छे कार्यों के लिये सम्मानित करती है। इस बार अमेरिका, आस्ट्रेलिया, यूएई, समेत तमाम देशों के 40 पुलिस कर्मियों को सम्मान के लिये चयन इस संस्था ने किया है।जिनमे हमारे भारत देश के ये दोनों आईपीएस अफसर शामिल हैं।