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Indira Gandhi Death Anniversary: जानें देश की इकलौती महिला प्रधानमंत्री के जीवन से जुड़े तथ्य
Indira Gandhi Death Anniversary: इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर , 1917 को प्रयागराज में पंडित जवाहरलाल नेहरू तथा कमला नेहरू के घर हुआ था।
Indira Gandhi Death Anniversary: पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर आज के दिन पुण्यतिथि है। 31 अक्टूबर, 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या (Indira Gandhi ki hatya) उनके ही सिख अंगरक्षक (Sikh bodyguard) द्वारा कर दी गई। इस हत्या को अंजाम देने की वजह तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा खालीस्तानी आतंकियों (Khalistani aatankwadi) को मारने के लिए शुरू किया गया ऑपरेशन ब्लू स्टार (operation blue star) था।
देश की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनके अध्यक्षता में किये गए बैंकों का राष्ट्रीयकरण, 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध (Indo-Pakistani War of 1971) और ऑपरेशन ब्लू स्टार जैसी कई महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए जाना जाता है। आइए जानते हैं इंदिरा गांधी के जीवन (Indira Gandhi jeevan parichay) से जुड़े कुछ अहम तथ्य।
इंदिरा गांधी का जन्म (Indira Gandhi birthday) 19 नवंबर , 1917 को प्रयागराज में (Indira Gandhi father name Pandit Jawaharlal Nehru) पंडित जवाहरलाल नेहरू तथा कमला नेहरू (Indira Gandhi mother name Kamala Gandhi) के घर हुआ था। इंदिरा गांधी पंडित नेहरू की इकलौती संतान थीं। इसी वजह से इंदिरा गांधी का स्वतंत्रता संग्राम से बहुत ही गहरा नाता रहा। अपने बचपन में ही इंदिरा गांधी ने बच्चों का "एम समूह" बनाया था जिसका नाम उन्होनें 'बंदर ब्रिगेड' (Monkey Brigade) रखा, यह ब्रिगेड लोगों में भारतीय झंडे बांटता थे तथा अंग्रेज़ी पुलिस की जासूसी भी करता था।
इंदिरा गांधी ने अपनी शिक्षा-दीक्षा (Indira Gandhi Education)
विश्वभारती विश्वविद्यालय और सोमेरविले कॉलेज, ऑक्सफोर्ड से पूरी कर अपने पिता का साथ देते हुए पूरी तरह से राजनीति में उतर गईं । वह प्रधानमंत्री नेहरू की सहायक बन उनके साथ रहतीं। विदेश यात्राओं पर भी उनके साथ जाती थीं।
1959 में इंदिरा गांधी को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष चुना गया। सन 1964 में उनका राज्यसभा के सदस्य के तौर पर चयन हुआ। इसके पश्चात 1966 में तासकंद (Taskent) समझौते से वापस लौट रहे तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का विस्मय परिस्थितयों में आकस्मिक निधन के चलते इंदिरा गांधी को भारत की पहली महिला प्रधान मंत्री के रूप में चुना गया था।
प्रधानमंत्री बनने पूर्व इंदिरा गांधी ने 1964 में अपने पिता पंडित नेहरू की मृत्यु के समय से लेकर सन 1966 तक तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की कैबिनेट में सूचना और प्रसारण मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दी थी।
इंदिरा गांधी जनवरी 1966 से मार्च 1977 तक तथा जनवरी 1980 से अक्टूबर 1984 तक देश की दूसरी सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहीं।
1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारत की जीत सुनिश्चित करने तथा बांग्लादेश राष्ट्र निर्माण में एक अहम भूमिका निभाने के चलते इंदिरा गांधी को उसी वर्ष भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
इंदिरा गांधी के कार्यकाल का एक और सबसे अहम फैसला रहा उनके द्वारा 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण करना।
देश में आपातकाल की घोषणा
इंदिरा गांधी ने 1975 में देश में आपातकाल की घोषणा (declaration of emergency by indira gandhi) कर दी । जो बाद में उनके चुनाव हारने का कारण भी बना। इसके अलावा इंदिरा गांधी पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा एक मामले के चलते छह साल की अवधि के लिए राजनीति से प्रतिबंध लगा दिया गया था।
आपातकाल इंदिरा गांधी की सरकार के हार का कारण बना । लेकिन इसके बाद इंदिरा गांधी ने दोबारा लोगों का भरोसा जीता। जनता पार्टी सरकार के पतन के बाद 1980 में फिर से इंदिरा गांधी सरकार बहुमत से चुनी गई।
1984 में खालिस्तानी विद्रोह का मुकाबला करने के लिए इंदिरा गांधी ने ऑपरेशन ब्लू स्टार के तहत हरमंदिर साहिब पर सेना के आपरेशन का आदेश दे दिया था । जिसमें आतंकियों के अलावा कई अन्य सामान्य नागरिकों की भी जान चली गयी थी। इस घटना के चलते इंदिरा गांधी की भरपूर आलोचना की गई थी।
सिख अंगरक्षकों ने ही उनकी हत्या कर दी
सिखों के खिलाफ साबित हुए इस "ऑपेरशन ब्लू स्टार" के नतीजतन 31 अक्टूबर, 1984 को उनके सिख अंगरक्षकों ने ही उनकी हत्या कर दी थी। आधिकारिक पुष्टि के अनुसार अंगरक्षकों ने इंदिरा गांधी पर 31 गोलियां चलाई थीं।
मृत्यु के पश्चात भी इंदिरा गांधी की लोकप्रिय बनी रही । बीबीसी द्वारा आयोजित एक सर्वेक्षण में इंदिरा गांधी को 1999 में "वुमन ऑफ़ द मिलेनियम" (Women of the Millennium) घोषित किया गया था।