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Indo-Europe Relation: अगले महीने यूरोप की यात्रा पर जाएंगे पीएम मोदी, इन देशों का करेंगे दौरा
PM Modi Europe Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द यूरोप दौरे पर जाने वाले हैं। पीएम का यह दौरा काफी ज्यादा अहम माना जा रहा है।
Indo-Europe Relation: रूस-यूक्रेन युद्ध की आग में जल रहा यूरोप (Europe) इन दिनों द्वितीय विश्व युद्ध (Second World War) के बाद से सबसे भयानक संकट का सामना कर रहा है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) की आक्रमकता ने वेस्ट के देशों की नींद हराम कर रखी है। ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का यूरोप में अहम दौरा (PM Modi Europe Visit) होने जा रहा है। ये दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भारत यूरोपीय यूनियन (European Union) के उम्मीदों के विपरीत रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंधों में शामिल नहीं हो रहा है।
पीएम मोदी के यूरोप दौरे से ऐन पहले भारत दौरे पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (UK PM Boris Johnson) और यूरोपीय संघ की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन (Ursula von der Leyen) आ रही हैं। पीएम मोदी मई के पहले हफ्ते में यूरोप के तीन देशों की यात्रा पर होंगे। साल 2022 के अपने पहले विदेश दौरे पर पीएम मोदी जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की यात्रा पर जाएंगे। प्रधानमंत्री की इस यूरोप यात्रा के एजेंडा में द्विपक्षीय संबंधों से लेकर क्षेत्रीय समीकरणों और व्यापार-निवेश तक कई अहम मुद्दे हैं।
पीएम मोदी का यूरोप दौरा
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यूरोप दौरे को अंतिम रूप दिया जा रहा है। ऐसे में यदि दौरे में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ तो प्रधानमंत्री 1 से 5 मई तक तीन यूरोपीय देशों जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की यात्रा पर होंगे। जर्मनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए जर्मन चांसलर ओलोफ शुल्टज के साथ उच्च स्तरीय मुलाकात करेंगे। पूर्व चांसलर एजेंला मर्केल के हटने के बाद शुल्टज से उनकी पहली मुलाकात होगी। इसके बाद पीएम मोदी डेनमार्क की यात्रा पर जाएंगे। जहां वो राजधानी कोपनहेगन में रह रहे भारतीय मूल के लोगों के साथ संवाद भी करेंगे। इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में डेनमार्क की पीएम भारत यात्रा पर आई थीं।
यूरोप दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम की एक और बड़ी ताकत फ्रांस की यात्रा भी करेंगे। फ्रांस में इन दिनों राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासी माहौल गर्म है। ऐसे माहौल में पीएम मोदी का वहां संक्षिप्त दौरा बेहद माना जा रहा है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रों के कार्यकाल में दोनों देशों के बीच संबंध और प्रगाढ़ हुए हैं। माना जा रहा है कि इस दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को लेकर नए समझौते आकार ले सकते हैं।
यूरोप भारत के लिए अहम क्यों
दरअसल यूरोप के देशों को भारत अपने कृषि उत्पादों के लिए बड़े बाजार के तौर पर देख रहा है। प्रधानमंत्री की यूरोप यात्रा से पहले हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से मोटे धान का निर्यात शुरू किया गया है। यूरोप का बड़ा गेहूं उत्पादक देश यूक्रेन इन दिनों युद्ध के कारण संकट में घिरा हुआ है। भारत की कोशिश है कि दुनिया में उत्पन्न हो रहे खाद्य भंडार संकट की भरपाई अपने खाद्य भंडार से करे। बीते दिनों पीएम मोदी इस संबंध में एक चर्चित बयान भी दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत के किसानों ने पूरी दुनिया को खिलाने अनाज का उत्पादन कर लिया है।
दो बड़े यूरोपीय नेताओं का भारत दौरा
पीएम मोदी की यूरोप यात्रा से पहले अगले कुछ दिनों में यूरोप के दो अहम नेता भारत दौरे पर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्यौते पर ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन 21- 22 अप्रैल को भारत दौरे पर आ रहे हैं। वहीं यूरोपीय संघ की उर्सला वान डर लियां 24 – 25 अप्रैल को रायसीना डॉयलाग्स में बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने भारत आ रही हैं। इस दौरान उनकी प्रधानमंत्री मोदी से भी मुलाकात प्रस्तावित है। बता दें कि यूरोपीय संघ भारत का तीसरा सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार है। वहीं भारत भी यूरोपीय यूनियन के लिए बड़ा बाजार है।
यूरोपीय नेताओं के साथ प्रधानमंत्री मोदी की ये प्रमुख बैठकें इसलिए भी अहम है क्योंकि ये सभी देश रूस के खिलाफ अभियान छेड़े हुए हैं और भारत से भी रूस के खिलाफ लगातार सख्त रूप अपनाने की अपील कर रहे हैं।
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