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INS Visakhapatnam: विशाखापत्तनम देगा नौसेना को अचूक मारक क्षमता, जानें खासियत

INS Visakhapatnam Destroyer: भारत में बने सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक आईएनएस विशाखापत्तनम युद्ध पोत को नौसेना में शामिल किया गया है, जो नौसेना को अचूक मारक क्षमता देगा।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Shreya
Published on: 21 Nov 2021 12:07 PM IST
INS Visakhapatnam: विशाखापत्तनम देगा नौसेना को अचूक मारक क्षमता, जानें खासियत
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आईएनएस विशाखापत्तनम (फोटो साभार- ट्विटर) 

INS Visakhapatnam Destroyer: हिन्द महासागर में चीन और पाकिस्तान की बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए भारतीय नौसेना (Indian Navy) अपनी मारक क्षमता और भी बढ़ा रही है। इसी क्रम में भारत में बने सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक आईएनएस विशाखापत्तनम युद्ध पोत (INS Visakhapatnam Ship) को नौसेना में शामिल किया गया है।

आत्मनिर्भर भारत योजना (Aatmnirbhar Bharat Yojana) के तहत मझगांव डॉक (Mazagon Dock) में निर्मित आईएनएस विशाखापत्तनम (INS Visakhapatnam) पनडुब्बी रोधी राकेटों (Anti Submarine Rockets), सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों (Missiles) और घातक हथियारों तथा सेंसर (Sensor) से लैस है। आईएनएस विशाखापत्तनम का निर्माण स्वदेशी स्टील डीएमआर 249ए का उपयोग करके किया गया है। इसकी कुल लंबाई 163 मीटर है और यह भारत में निर्मित सबसे बड़े विध्वंसक जहाजों में से एक है।

आईएनएस विशाखापत्तनम, 35,000 करोड़ रुपये की आत्मनिर्भर भारत परियोजना '15बी' का पहला विध्वंसक पोत (P15 Destroyer) है। इस परियोजना के तहत कुल चार युद्धपोत बनाए जा रहे हैं। इनमें 75 प्रतिशत स्वदेशी उपकरणों का इस्तेमाल किया गया है। आईएनएस विशाखापत्तनम के बाद 28 नवंबर को कलवरी क्लास की चौथी पनडुब्बी 'वेला' भी नौसेना में शामिल कर ली जाएगी।

खास बातें (INS Visakhapatnam Ki Khasiyat)

- आईएनएस विशाखापत्तनम में दो हेलीकॉप्टर उतर सकते हैं।

- यह देश का पहला स्टेल्थ डिस्ट्रॉयर है यानी ये पोत रडार को चकमा देने में सक्षम है और यह आसानी से दुश्मन को नजर नहीं आएगा।

- 7500 टन वजन और 30 नॉटिकल माइल्स की रफ्तार।

- ये पोत गैस प्रोपल्शन से चलता है।

- ब्रह्मोस-बराक जैसे विध्वंसक मिसाइल, एंटी सबमरीन रॉकेट, एडवांस इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर से लैस।

- विभिन्न भारतीय पोत कारखानों में 39 नौसैनिक जहाजों और पनडुब्बियों का निर्माण किया जा रहा है।

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