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Irfan Habib: कौन हैं प्रख्यात इतिहासकार इरफान हबीब, जानिए उनके बारे में सबकुछ
इरफान हबीब (Irfan Habib) भारत के प्रख्यात इतिहासकार हैं। उन्होंने अलीगढ़ यूनिवर्सिटी और ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। इसके अलावा अलीगढ़ यूनिवर्सिटी (Aligarh University) के इतिहास विभाग में प्रफेसर रहे।
Irfan Habib Biography : इरफान हबीब (Irfan Habib) भारत के प्रख्यात इतिहासकार हैं। उन्होंने अलीगढ़ यूनिवर्सिटी और ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। इसके अलावा अलीगढ़ यूनिवर्सिटी (Aligarh University) के इतिहास विभाग में प्रफेसर रहे। AMU का हिस्ट्री डिपार्टमेंट इरफान हबीब के नाम से जाना जाता है।
करीब 90 साल के इरफान हबीब अब भी कई विश्वविद्यालयों में लेक्चर देने के लिए बुलाये जाते हैं। इतना ही नहीं अगर आपको मध्यकालीन भारत का इतिहास (Medieval India) पढ़ना है, तो इरफान हबीब को पढ़ना ही पढ़ना होगा। उन्हें पढ़े बिना आपका सिलेबस ही पूरा नहीं हो सकता। ये रही उनके बारे में समरी, आईये डिटेल में जानते हैं इरफान हबीब के बारे में-
इरफान हबीब के बारे में (Irfan Habib Biography in Hindi)
प्रख्यात इतिहासकार इरफान हबीब का जन्म साल 1931 में हुआ था। इरफान हबीब मिडिवल और एन्सियेंट भारत के प्रख्यात इतिहासकार हैं। इरफान हबीब पद्म भूषण (Padma Bhushan) से सम्मानित हैं। इरफान हबीब हिंदुत्व और मुस्लिम सांप्रदायिकता के खिलाफ कड़े रुख के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने 1556-1707 एग्रेरियन सिस्टम ऑफ मुगल इंडिया (Agrarian System of Mughal India) सहित कई किताबें लिखी हैं।
इरफान हबीब का परिवार (Irfan Habib ka Parivar)
इरफान हबीब (Irfan Habib Family) का जन्म भारतीय मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके पिता मोहम्मद हबीब (Mohammad Habib) मार्क्सवादी इतिहासकार और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के विचारक थे। इरफान हबीब की पत्नी सायरा हबीब अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (Aligarh Muslim University, AMU) में अर्थशास्त्र की प्रोफेसर थीं। वहीं इरफान के दादा मोहम्मद नसीम बैरिस्टर और कांग्रेस पार्टी के सदस्य थे। इरफान हबीब के तीन बेटे और एक बेटी है।
इरफान हबीब का करियर (Irfan Habib's career)
इरफान हबीब ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford University) से पढ़ाई की। वहां से लौटकर AMU में प्रोफेसर बन गए। इरफान साल 1969-91 तक अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में इतिहास के प्रोफेसर थे। इतना ही नहीं उन्होंने साल 1991 में ऑक्सफोर्ड में राधाकृष्णन व्याख्यान दिया था।
इरफान हबीब के प्रमुख लेखन (Irfan Habib ke Pramukh Lekhan)
प्रख्यात इतिहासकार इरफान हबीब ने प्राचीन भारत के ऐतिहासिक भूगोल, भारतीय प्रौद्योगिकी के इतिहास, मध्यकालीन प्रशासनिक और आर्थिक इतिहास, उपनिवेशवाद और भारत पर इसके प्रभाव और इतिहास लेखन पर काम किया है।
आपको बता दें कि अमिया कुमार बागची (Amiya Kumar Bagchi) ने इरफान हबीब को "भारत के दो सबसे प्रमुख मार्क्सवादी इतिहासकारों में से एक" के रूप में वर्णित किया है। सिर्फ यही नहीं ''बारहवीं और अठारहवीं शताब्दी के बीच भारत के सबसे महान जीवित मार्क्सवादी इतिहासकारों में से एक'' कहा है।
इरफान हबीब विचारधारा
विचारधारा के तौर पर कहिए, तो इरफान हबीब मार्क्ससिस्ट (Marxist) हैं। इरफान हबीब ने कट्टर हिंदुत्व और कट्टर इस्लाम, दोनों का हमेशा विरोध किया है।
इरफान हबीब को मिले हैं ये सम्मान
साल 1968 में छह जवाहरलाल नेहरू फेलोशिप
साल 1982 में वातुमुल पुरस्कार (संयुक्त रूप से तपन राय चौधरी के साथ)
साल 2005 में पद्म भूषण
साल 2016 में यश भारती
इरफान हबीब से जुड़ा प्रमुख विवाद
इरफान हबीब अक्सर मोदी सरकार की नीतिओं का खुलकर विरोध करते हैं। चाहे वो किसान बिल हो या फिर CAA, NRC से जुड़ा मुद्दा। साल 2019 में इरफान हबीब केरल के राज्यपाल आरिफ मुहम्मद खान से जुड़े विवाद को लेकर काफी चर्चा में थे।