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EOS-03 launch: 'आई इन द स्काई' की लॉन्चिंग में नहीं मिली सफलता, ISRO ने कहा- मिशन फेल

इसरो ने सुबह 5.43 बजे EOS-3 सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च तो कर दिया। सारे स्टेज सही समय पर अलग भी होते चले गए। लेकिन क्रायोजेनिक इंजन से आंकड़ें नहीं मिल रहे थे।

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Newstrack NetworkPublished By Shashi kant gautam
Published on: 12 Aug 2021 1:39 AM GMT
ISRO successfully launched the EOS-3 satellite at 5.43 am. All the stages also got separated at the right time. But the data was not getting from the cryogenic engine.
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EOS-3 सैटेलाइट की लॉन्चिंग: फोटो- सोशल मीडिया 

EOS-03 Launch: भारत का भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) एक महान इतिहास रचने से चूक गया। इसरो गुरुवार सुबह 5.45 बजे EOS-3 सैटेलाइट की लॉन्चिंग करने वाला था। लेकिन वैज्ञानिकों ने बताया कि कुछ तकनीकी दिक्कतों के कारण यह मिशन फेल हो गया है। आपको बता दें कि यह सैटेलाइट देश के जमीनी विकास और आपदा प्रबंधन के लिए बेहद मददगार साबित होने वाला था। इसलिए इसे 'आई इन द स्काई' कहा जा रहा है। इसका मिशन पीरियड 10 साल का था।

बताया जा रहा है कि इसरो ने लॉन्चिंग सुबह 5.43 बजे सफलतापूर्वक की। सारे स्टेज अपने तय समय अलग होते चले गए। पूरी यात्रा 18.39 मिनट की थी। लेकिन आखिरी में EOS-3 के अलग होने से पहले क्रायोजेनिक इंजन में कुछ खराबी आई, जिसकी वजह से इसरो को आंकड़ें मिलने बंद हो गए।

वैज्ञानिक परेशान हो रहे थे। थोड़ी देर जांच करने के बाद मिशन कंट्रोल सेंटर में बैठे इसरो चीफ डॉ। के। सिवन को इसकी जानकारी दी गई। उसके बाद घोषणा की गई कि EOS-3 मिशन आंशिक रूप से विफल हो गया है। जिसके चलते लाइव प्रसारण बंद कर दिया गया।

EOS-3 सैटेलाइट: फोटो- सोशल मीडिया

इसरो ने कहा- मिशन फेल क्रायोजेनिक इंजन से नहीं मिल रहे थे आंकड़ें

इसरो ने सुबह 5.43 बजे इसरो ने EOS-3 सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च तो कर दिया। सारे स्टेज सही समय पर अलग भी होते चले गए। लेकिन क्रायोजेनिक इंजन से आंकड़ें नहीं मिल रहे थे। लाइव प्रसारण वैज्ञानिकों के चेहरे पर तनाव का माहौल साफ़ दिखाई दे रहा था। इसके लॉन्चिंग के लिए GSLV-MK2 रॉकेट का उपयोग किया जा रहा था।

क्या है सैटेलाइट EOS-3 सैटेलाइट

बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन- इसरो (ISRO) द्वारा सैटेलाइट EOS-3 लॉन्च करने की तैयारी थी लेकिन यह मिशन फेल हो गया। यह सैटेलाइट एक अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट है जिसकी नजर अंतरिक्ष से भारत की सीमाओं पर रहेगी। यही वजह है कि इसे 'आई इन द स्काई' कहा जा रहा है। सीमा सुरक्षा के काम में भी यह सैटेलाइट बेहद मददगार साबित होने वाली है।

प्राकृतिक आपदाओं और मौसम संबंधी रियल टाइम की जानकारी देने वाला सैटेलाइट था

इस जियो इमेजिंग सैटेलाइट का नाम EOS-3 (Earth Observation Satellite-3/Geosynchronous Satellite Launch Vehicle F10) है। इस रॉकेट को श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर पर मौजूद दूसरे लॉन्च पैड से छोड़ा जा रहा था। यह सैटेलाइट प्राकृतिक आपदाओं और मौसम संबंधी रियल टाइम की जानकारी देने वाला था। इसके जरिए जलीय स्रोतों, फसलों और जंगलों में हो रहे बदलावों के बारे भी जानकारी मिलने वाली थी लेकिन यह मिशन फेल हो गया।

Shashi kant gautam

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