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Jahangirpuri Violence: हिंसा पर गृह मंत्रालय का सख्त एक्शन, दंगे में शामिल 5 आरोपियों पर लगा एनएसए

Jahangirpuri Violence Update: जहांगीरपुरी हिंसा मामले में शामिल पांच आरोपियों पर गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाया है।

Krishna Chaudhary
Report Krishna ChaudharyPublished By Shreya
Published on: 19 April 2022 2:44 PM GMT (Updated on: 19 April 2022 3:41 PM GMT)
Jahangirpuri Violence: जहांगीरपुरी हिंसा को लेकर गृह मंत्रालय की सख्ती, दंगे में शामिल पांच आरोपियों पर लगाया एनएसए
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(कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Jahangirpuri Violence Latest Update: हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) के मौके पर दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके (Jahangirpuri) में हुए भीषण सांप्रदायिक हिंसा को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय (Home Ministry) सख्त है। इस मामले में मंत्रालय ने आज एक बड़ा एक्शन लिया है। गृह मंत्रालय ने हिंसा में शामिल पांच आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाया है। बताया जा रहा है कि जहांगीरपुरी दंगों (Jahangirpuri Hinsa) के मुख्य आरोपी अंसार, असलम और सोनू शेख पर एनएसए लगाया जा सकता है।

एक्शन में दिल्ली पुलिस

जहांगीरपुरी हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस (Delhi Police) भी एक्शन में है। आरोपियों के धर पकड़ के लिए घटनास्थल की सीसीटीवी फुटेज (CCTV Footage) को खंगाला जा रहा है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर ही दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (Delhi Police Crime Branch) ने मंगलवार शाम को एक अन्य आरोपी गुलाम रसूल उर्फ गुल्ली को दबोचने में कामयाब रही।

गुल्ली पर आरोप है कि उसने शोभायात्रा (Firing On Shobha Yatra) पर फायरिंग के लिए सोनू शेख को हथियार मुहैया कराया था। सोनू शेख को रोहिणी कोर्ट ने चार दिन के पुलिस रिमांड (Police Remand) पर भेज दिया है। वहीं स्पेशल पुलिस कमिश्नर (लॉ-एंड-ऑर्डर) दीपेंद्र पाठक ने मंगलवार को कहा कि हिंसा के दौरान वीडियो में जो लोग भी हथियार के साथ दिखाई दे रहे थे, उन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

क्या है एनएसए?

राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) इसे रासुका भी कहा जाता है, एक ऐसा कानून है जिसके तहत किसी खास खतरे के चलते किसी शख्स को पुलिस हिरासत में लिया जा सकता है। यदि लोकल प्रशासन को किसी व्यक्ति से देश की सुरक्षा और सद्भाव पर खतरा महसूस होता है तो ऐसा होने से पहले ही उस व्यक्ति को वो अरेस्ट कर सकती है। इस कानून के तहत प्रशासन किसी भी शख्स को तीन माह तक जेल में रख सकती है।

बता दें कि दिल्ली पुलिस ने जहांगीरपुरी हिंसा मामले में प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के शामिल होने की भी जांच करने की बात कही है।

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