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Jairam Ramesh: कांग्रेस में घमासान: जयराम रमेश ने साधा सोनिया-राहुल पर निशाना, नेतृत्व को दुरुस्त करने पर जोर
Jairam Ramesh: जयराम रमेश ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की कार्यशैली और नेतृत्व पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।
Jairam Ramesh: पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। पंजाब और राजस्थान कांग्रेस में झगड़े के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की कार्यशैली और नेतृत्व पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।
उन्होंने कहा कि देश में पार्टी लगातार कमजोर होती जा रही है और कांग्रेस की मजबूती और विस्तार के लिए नेतृत्व को दुरुस्त करने की जरूरत है। हाल के दिनों में जयराम रमेश ऐसे दूसरे वरिष्ठ नेता हैं जिन्होंने इस तरह की मांग की है। रमेश से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भी पार्टी में व्यापक सुधार की जरूरत बताई थी। उनका कहना था कि भाजपा से मजबूती के साथ लड़ने के लिए कांग्रेस के संगठन में सभी स्तरों पर बदलाव किया जाना चाहिए।
जी-23 में शामिल रहे हैं रमेश
कांग्रेस के 23 नेताओं ने पिछले साल पार्टी को मजबूत बनाने के लिए जल्द से जल्द संगठन चुनाव कराने की मांग की थी। इन नेताओं ने राज्य इकाइयों को भी मजबूत बनाने की मांग की थी। उनका कहना था कि भाजपा से दो-दो हाथ करने के लिए पार्टी में व्यापक सुधार किए जाने की जरूरत है। सियासी हलकों में इन नेताओं को जी-23 का नाम दिया गया था। कांग्रेसी नेतृत्व को चिट्ठी लिखने वाले नेताओं में जितिन प्रसाद भी शामिल थे जिन्होंने हाल में ही कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है।
चुनावी हार के बाद घर को ठीक करना जरूरी
पार्टी के असंतुष्ट नेताओं में शुमार किए जाने वाले जयराम रमेश ने एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में कहा कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को बुरी हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में हमें अपने घर को ठीक करना होगा। इसके साथ ही पार्टी के नेतृत्व को भी दुरुस्त करना जरूरी है।
उन्होंने पार्टी में संवाद की प्रक्रिया शुरू करने पर जोर दिया। रमेश ने कहा कि किसी भी नेता के पास जादू की छड़ी नहीं है बल्कि टीम प्रयास से ही पार्टी में मजबूती लाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि अगले चुनावों से पहले पार्टी की मजबूती के लिए प्रयास किया जाना चाहिए। इस सिलसिले में पार्टी को समान विचारधारा वाले दलों के साथ जोड़ना होगा।
सिंधिया और जितिन पर भी साधा निशाना
वैसे रमेश ने हाल के दिनों में पार्टी छोड़ने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद पर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा कि जिन नौजवान नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दिया है वे जन्म से ही विशेषाधिकार प्राप्त लोग हैं। उन्हें पार्टी की ओर से अच्छे पद दिए गए मगर फिर भी ऐसे लोगों ने सियासी फायदे के लिए पार्टी को संकट की घड़ी में छोड़ दिया।।दूसरी और हजारों कांग्रेस कार्यकर्ता अभी भी पार्टी की मजबूती के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
सचिन पायलट की जमकर तारीफ
राजस्थान कांग्रेस में इन दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच घमासान का दौर चल रहा है। राजस्थान कांग्रेस के झगड़े का जिक्र करते हुए रमेश ने सचिन पायलट की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि सचिन कांग्रेस पार्टी के लिए किसी बड़ी संपत्ति से कम नहीं है। पार्टी में उनका भविष्य भी काफी अच्छा है।
सचिन पायलट ने हाल में कांग्रेस हाईकमान से मुलाकात के लिए कई दिनों तक दिल्ली में डेरा डाले रखा था मगर उनकी राहुल और प्रियंका से मुलाकात नहीं हो सकी थी। सचिन का खेमा कांग्रेस नेतृत्व की ओर से पिछले साल किए गए वादों पर अमल करने की मांग कर रहा है।
सिब्बल ने भी की थी सुधारों की मांग
जयराम रमेश के इस बयान से चार दिनों पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने भी पार्टी में व्यापक सुधार की जरूरत बताई थी। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि कोरोना महामारी के कारण टाले गए संगठन चुनाव जल्द ही कराए जाएंगे।
सिब्बल का कहना था कि मौजूदा समय में भाजपा का कोई मजबूत सियासी विकल्प नहीं दिख रहा है मगर देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति लोगों की नाराजगी बढ़ रही है। ऐसे में देश के मौजूदा रुख को देखते हुए कांग्रेस भाजपा का मजबूत विकल्प बन सकती है।
उनका यह भी कहना था कि चुनावों में हार की समीक्षा के लिए समितियों का गठन करना तो अच्छा है, लेकिन समितियों की ओर से सुझाए गए उपायों पर अमल करना भी जरूरी है। तभी पार्टी आगामी चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब हो पाएगी।
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