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Eid ul-adha 2021: जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने ईद को लेकर जारी की गाइडलाइंस, जानिए क्या कहा

Eid ul-adha 2021: जमीयत-उलेमा-ए-हिंद (Jamiyat Ulema-e-Hind) के मौलाना अरशद मदनी (Maulana Arshad Madni) ग्रुप की ओर से कुर्बानी और ईद को लेकर गाइडलाइन जारी की गई है।

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Newstrack NetworkPublished By Satyabha
Published on: 17 July 2021 5:24 PM GMT
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ईद को लेकर गाइडलाइन जारी फोटो- सोशल मीडिया

Eid ul-adha 2021: देशभर में ईद-उल-अजहा यानी बकरीद का त्यौहार 21 जुलाई को मनाया जाएगा। जमीयत-उलेमा-ए-हिंद (Jamiyat Ulema-e-Hind) के मौलाना अरशद मदनी (Maulana Arshad Madni) ग्रुप की ओर से कुर्बानी और ईद को लेकर गाइडलाइन जारी की गई है।

जारी गाइडलाइन में मुसलमानों को स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के तहत ईद मनाने और प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी से बचने सहित कई अहम सलाह दी गई है। इसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस अभी खत्म नहीं हुआ है। इसलिये मस्जिदों या ईदगाहों में स्वास्थ्य मंत्रालय की जारी गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए ईद-उल-अजहा की नमाज अदा करें।

प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी से बचें

गाइडलाइन के मुताबिक, उत्तर प्रदेश सहित देश के कुछ अन्य राज्यों की परिस्थितियों को देखते हुए मुसलमानों को सलाह दी जाती है कि फिलहाल प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी से बचें। मजहब में इसके बदले में काले जानवरों की कुर्बानी जायज है, इसलिये किसी भी फितने से बचने के लिये इस पर संतोष करना उचित है। अगर किसी जगह उपद्रवी काले जानवरों की कुर्बानी से भी रोकते हैं तो कुछ समझदार और प्रभावशाली लोगों द्वारा प्रशासन को विश्वास में लेकर कुर्बानी की जाए। यदि फिर भी खुदा न करे मजहबी वाजिब को अदा करने का रास्ता न निकले तो जिस करीबी आबादी में कोई दिक्कत न हो वहीं कुर्बानी करा दी जाए। लेकिन जिस जगह कुर्बानी होती आई है और फिलहाल दिक्कत है तो वहां कम से कम बकरे की कुर्बानी अवश्य की जाए। इसे लेकर प्रशासन के कार्यालय में दर्ज भी कराया जाए, जिससे आगे कोई दिक्कत न हो।

परिस्थितियों का मुकाबला शांति, प्रेम और धैर्य से करें

गाइडलाइन के मुताबिक, परिस्थितियों से मुसलमानों को निराश नहीं होना चाहिये और परिस्थितियों का मुकाबला शांति, प्रेम और धैर्य ही से हर मोर्चे पर करना चाहिये। कोरोना वायरस जैसी महामारी से सुरक्षा के लिये मुसलमानों को अधिक से अधिक अल्लाह से दुआ करनी चाहिये और तौबा व इस्तिगफार का एहतेमाम भी करना चाहिये।

Satyabha

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