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Jammu Attack : आंतकियों के निशाने पर था MI-17, पढ़ें- चाक-चौबंद सुरक्षा के बावजूद कहां हुई चूक?
जम्मू कश्मीर में एयरफोर्स स्टेशन पर आतंकियों के निशाने पर सेना का युद्धक हेलीकॉप्टर था।
जम्मू कश्मीर में एयरफोर्स स्टेशन पर आतंकियों द्वारा ड्रोन से किए गए हमले के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। अब तक की जांच में ये पता चला है कि आतंकियों के निशाने पर भारतीय वायुसेना का चॉपर MI-17 है। MI-17 6000 मीटर की ऊंचाई तक उड़ान भरने में सक्षम है। इसकी रफ्तार 250 किमी प्रति घंटा है। बता दें इसका इस्तेमाल 26/11 के ऑपरेशन में किया गया था।
आतंकियों की मंशा इसी हेलीकॉप्टर को निशाना बनाने की थी हालांकि वे अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सके, लेकिन घाटी में आतंकियों ने पहली बार ड्रोन से टेरर अटैक किया। आतंकी हमले में 2 ड्रोन का इस्तेमाल हुआ था। Mi 17 लड़ाकू विमान के साथ उनके निशाने पर एयरबेस के ATC टॉवर भी था। फिलहाल इस मामले की जांच पुलिस और IAF के साथ अन्य एजेंसियां कर रही हैं।
पूरी घटना क्या है?
दरअसल शनिवार रात जम्मू एयर फोर्स स्टेशन पर पाकिस्तानी आतंकवादियों ने पहली बार ड्रोन से हमला किया, जिसकी वजह से यहां ब्लास्ट हुआ और एयर फोर्स के दो कर्मचारी मामूली रूप से घायल हुए हैं। रात करीब 1 बजकर 40 मिनट के आसपास पांच मिनट के अंदर ही दो ड्रोन से हमला हुआ। दूसरे ड्रोन से बम एयर फोर्स स्टेशन पर खड़े वायुसेना के हेलिकॉप्टर से कुछ दूरी पर ही गिरा और इस हमले में स्टेशन के टेक्निकल एरिया की एक बिल्डिंग को मामूली नुकसान पहुंचा। जिसमें दो वायुसैनिक भी घायल हुए हैं।
हमले में किसकी लापरवाही?
इस हमले को लेकर अब सवाल भी उठ रहे हैं कि जहां 24 घंटे सेना अलर्ट पर रहती हो, एयरफोर्स जैसे सेंसटिव जगह पर कोई ड्रोन से हमला कर दे और उसका पता हमले के बाद लगे तो सवाल उठना लाजमी है। ये हर कोई जानता है कि वायुसेना स्टेशन के आस पास परिंदा भी पर नहीं मार पाता है। वायुसेना के स्टेशन से पाकिस्तान सीमा की दूर 14 किलोमीटर है। ड्रोन से रिमोट की रेंज इतनी ज्यादा हो इस बात पर यकीन कर पाना बेहद मुश्किल है। ऐसे में रिमोट कंट्रोल करने वाला शख्स निश्चित तौर पर एक-दो किलोमीटर के दायरे में रहा होगा। इस पूरे वाकये को देखकर ये सवाल उठना तो लाजमी है कि क्या ये सुरक्षा एजेंसियों की लापरवाही का नतीजा नहीं है?
हमले में 2 संदिग्ध गिरफ्तार
एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन हमले के बाद आतंकी हमला मानते हुए केस दर्ज किया है। आतंकी हमले के बाद से एयरफोर्स के उच्च अधिकारियों की टीम, जम्मू कश्मीर पुलिस और सेना और CPRF के अधिकारी इस हमले की जांच कर रहे हैं। इस हमले में 2 संदिग्ध गिरफ्तार किए गए। बड़ी जानकारी ये भी सामने आई कि आतंकियों ने एयरफोर्स स्टेशन से सिर्फ पांच किलोमीटर दूर रहकर ड्रोन अटैक किया। ड्रोन से विस्फोटक को एयरफोर्स स्टेशन के अंदर गिराया। हालांकि इस बात की भी जांच हो रही है कि कहीं एयरबेस पर हमले के लिए ड्रोन का इस्तेमाल का सीमा पार से तो नहीं हुआ था? क्योंकि इस एयरफोर्स स्टेशन से पाकिस्तान की सीमा सिर्फ 14 किमी ही है।
एनआईए की जांच जारी
हमले की जांच भारतीय वायु सेना तो कर ही रही है साथ ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी की एक टीम भी मामले की जांच कर रही है। इसके साथ ही पुलिस भी मामले की जांच में जुटी है। वायु सेना स्टेशन पर हुआ हमला आतंकी हमला था, जम्मू- कश्मीर के पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने कहा कि पुलिस और अन्य एजेंसियां हमले के पीछे की साजिश का पर्दाफाश करने के लिए साथ मिलकर काम कर रही हैं।
IED के साथ आतंकी गिरफ्तार
जम्मू में आतंकी साजिशों का ये अंत नहीं था, एयरफोर्स स्टेशन पर हमले के बाद दिन में खबर ये भी आई कि जम्मू पुलिस ने शहर में 5 किलो IED बरामद किया। ये विस्फोटक लश्कर के एक संदिग्ध से मिला। संदिग्ध इसे किसी भीड़भाड़ वाले इलाके में प्लांट करने वाला था। पुलिस इस मामले में संदिग्ध आतंकी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
पठानकोट में भी हुआ था हमला
सीमा से इतने करीब एयरफोर्स पर आतंकी हमले का ये पहला मामला नहीं है। करीब साढ़े 5 साल पहले पाकिस्तान की सीमा के नजदीक पंजाब के पठानकोट एयरबेस पर 2 जनवरी 2016 को आतंकी हमला हुआ था। तब एयरफोर्स में आतंकी घुस गए थे, लेकिन इस बार जम्मू में आतंकियों ने एयरबेस में दाखिल होने की बजाए आसमान से ही हमला कर दिया। पिछले कुछ समय से सीमा पार बैठे आतंकवादी ड्रोन को हथियारों की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। पहले ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से पंजाब में नशीले पदार्थों की तस्करी होती थी। फिर धीरे-धीरे आतंकवादी ड्रोन के जरिए हथियारों और बम बारूद भी भारत की सीमा में भेजने लगे।
पिछले साल भी गिराए थे हथियार
बता दें पिछले साल भी कई बार पंजाब और जम्मू की सीमा से सटे इलाकों में पाकिस्तान की ओर से ड्रोन से हथियार गिराए थे, लेकिन हर बार उनके भेजे हथियार सुरक्षाबलों ने पकड़ लिए। लेकिन रविवार की रात आतंकवादियों ने ड्रोन से एयरफोर्स स्टेशन को निशाना बनाने की कोशिश की। एक नहीं बल्कि दो-दो ड्रोन के जरिए जम्मू एयरबेस पर हमला करने की बड़ी साजिश थी।