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Jammu-Kashmir: शोपियां में सेना से मुठभेड़ में दो आतंकी ढेर, साल भर में मारे गए ढेरों आतंकी
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों का आतंकियों के खिलाफ सफाई अभियान जारी है। इसी क्रम में आज शोपियां के चौगाम इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में दो अज्ञात आतंकवादी के ढेर होने की जानकारी मिल रही है।
Jammu-Kashmir Terrorists Encounter : जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों का आतंकियों के खिलाफ सफाई अभियान जारी है। इसी क्रम में आज शनिवार को जम्मू-कश्मीर के शोपियां के चौगाम इलाके में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के दो आतंकवादी मारे गए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मारे गए आतंकवादियों की पहचान ब्रारीपोरा के सज्जाद अहमद चेक, शोपियां और आचन पुलवामा के राजा बासित नजीर के रूप में हुई है।
इससे पहले पुलिस और सेना की संयुक्त टीम ने आज अलसुबह इलाके को घेर कर तलाशी अभियान शुरू कर दी थी। पुलिस की संयुक्त टीम जैसे ही उस ओर बढ़ी जहां दोनों आतंकी छुपे थे, उन्होंने सेना के जवानों पर गोलियां चला दीं। इसके बाद जवानों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दो आतंकियों को ढेर कर दिया।
हिजबुल का आतंकी हुआ था ढेर
बता दें ,कि इससे पहले शुक्रवार को ही सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच अनंतनाग के अरवानी इलाके में मुठभेड़ हुई थी। जिसमें सुरक्षाबलों ने एक आतंकवादी को ढेर कर दिया था। दरअसल, दक्षिण कश्मीर के अरवानी में दो आतंकी रिहायशी इलाकों घुस गए थे। जिसके बाद सुरक्षाबलों ने दोनों को घेर कार्रवाई तेज की। संयुक्त टीम गांव के पास पहुंची तो आतंकी ने सुरक्षाबलों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में एक आतंकी ढेर हो गया। आतंकवादी की पहचान कुलगाम के सहापुर निवासी शहजाद अहमद शाह के रूप में हुई। जानकारी के अनुसार, यह 20 सितंबर 2020 को आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन में भर्ती हुआ था। मुठभेड़ वाले जगह से हथियार और गोला-बारूद बरामद हुए थे।
कहर बनकर बरपे सुरक्षा बल
पुलिस अधिकारियों द्वारा दी जाने वाली जानकारी के मुताबिक, घाटी में जम्मू और कश्मीर पुलिस तथा सेना के साथ आतंकवादियों की मुठभेड़ में इस साल 24 नवंबर तक 148 आतंकवादी मारे गए थे। इनमें से 127 स्थानीय हैं, जबकि 21 विदेशी नागरिक थे। घाटी में करीब 65,000 सीआरपीएफ जवान तैनात हैं। इसके अलावा पिछले महीने घाटी में आम नागरिकों पर हमले के बाद सीआरपीएफ की अतिरिक्त 25 कंपनियां भी वहां तैनात की गई। सीआरपीएफ की ओर से दी गई सूचना के मुताबिक,इस साल आतंकवादियों से लोहा लेने में सीआरपीएफ के कुल 11 जवान शहीद हुए।