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Jammu and Kashmir News: मेहबूबा मुफ़्ती ने किया कृषि कानून वापसी का स्वागत, फैसला वापस करने की उठाई मांग
Jammu and Kashmir News: केंद्र सरकार द्वारा तीनों किसान बिल को वापस लेने के बाद पूर्व जम्मू-कश्मीर मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ़्ती ने सरकार की तारीफ़ करते हुए जम्मू कश्मीर को पुनः एक राज्य का दर्जा देने को लेकर बहाली की मांग की है।
Jammu and Kashmir News: केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा लागू किये गए तीन कृषि कानून (agricultural law) के विरोध में किसानों और उससे सम्बंधित संगठनों ने देश भर में व्यापक रूप और भारी तादाद के साथ आंदोलन और विरोध प्रदर्शन (Kisan Andolan) किया।
किसानों का आंदोलन रंग लाया और शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के सुअवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने तीनों कृषि कानूनों को वापस करने का बड़ा फैसला सुनाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस इस मौके पर देश के किसानों से माफी भी मांगी।
पूर्व जम्मू-कश्मीर मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ़्ती ने उठाई ये मांग
केंद्र के कृषि कानून वापसी (Farm law Repeal) के फैसले को एक बेहतरीन मौके के रूप में देखते हुए पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) प्रमुख और पूर्व जम्मू-कश्मीर मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ़्ती (Former Jammu and Kashmir Chief Minister Mehbooba Mufti) ने जम्मू-कश्मीर के लिए अनुच्छेद 370 (Article 370) को पुनः लागू करने और जम्मू कश्मीर को पुनः एक राज्य का दर्जा देने को लेकर बहाली की मांग की है।
इसके विपरीत मेहबूबा मुफ़्ती ने प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया करते हुए यह भी साफ कहा है कि प्रधानमंत्री का यह निर्णय आगामी विधानसभा चुनाव और बीते उपचुनाव में हार के मद्देनज़र आया है।
मौका देखकर मेहबूबा मुफ़्ती ने अपना पत्ता फेंका
मौके की नज़ाकत को समझते हुए देश के वर्तमान हालात को देखते हुए मेहबूबा मुफ़्ती ने अपना पत्ता फेंक दिया है और जम्मू-कश्मीर में पुनः अनुच्छेद 370 लागू करने की मांग की है। मेहबूबा मुफ़्ती का मानना है कि जम्मू-कश्मीर से हटाया गया अनुच्छेद 370 एक गैरकानूनी निर्णय है और इस ग़ैरकानूनी निर्णय को जल्द से जल्द खत्म कर देना चाहिए तथा जम्मू-कश्मीर को फिर पहले की भांति राज्य का प्राप्त हो।
भाजपा को अपने वोटबैंक की चिंता
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती (PDP chief Mehbooba Mufti) ने तीनों कृषि कानून की वापसी पर अपना रखते हुए तथा अपने विचार और मांग प्रस्तुत करते हुए ट्विटर पर लिखा कि-"कृषि कानूनों को निरस्त करने का निर्णय और किसानों से माफी एक स्वागत योग्य कदम है। यह निर्णय भले ही चुनाव में हार के डर से ही क्यों ना उपजा हो। विडंबना यह है कि जहां भाजपा को अपने वोटबैंक के लिए समूचे भारत में लोगों को खुश करने की जरूरत है, वहीं कश्मीर में लोगों को दंडित और अपमानित करना भाजपा के प्रमुख वोटबैंक को संतुष्ट करता है।
मुझे उम्मीद है कि अब सरकार जम्मू-कश्मीर पर भी सही निर्णय लेगी-महबूबा मुफ्ती
केवल अपने प्रमुख मतदाताओं को खुश करने के लिए जम्मू-कश्मीर को खंडित किया गया है। मुझे उम्मीद है कि अब सरकार जम्मू-कश्मीर पर भी सही निर्णय लेगी और अगस्त 2019 से जम्मू-कश्मीर में किए गए अवैध परिवर्तनों को खत्म करेगी।"