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Jammu and Kashmir News: कश्मीर में आतंकियों पर बड़े एक्शन की तैयारी, मनोज सिन्हा दिल्ली तलब, उच्चस्तरीय बैठक में बनेगी रणनीति

Jammu and Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में पिछले 48 घंटे में आतंकियों ने 5 आम नागरिकों को अपना निशाना बनाया हुआ है। लगातार हो रहे हमलों को लेकर दिल्ली में आज केंद्र ने उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Chitra Singh
Published on: 9 Oct 2021 2:56 AM GMT
Amit Shah-Manoj Sinha
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अमित शाह- मनोज सिंहा (फोटो- सोशल मीडिया)

Jammu and Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में हाल के दिनों में आतंकियों की ओर से आम नागरिकों को निशाना बनाए जाने की घटनाओं ने केंद्र सरकार की चिंता बढ़ा दी है। केंद्र सरकार की ओर से आज इस मामले पर चर्चा के लिए उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से बुलाई गई इस बैठक के लिए कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को भी तलब किया गया है। जानकारों के मुताबिक केंद्र सरकार की ओर से आतंकियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लेने की तैयारी है। बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की जा सकती है।

जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने हाल के दिनों में कई घटनाओं को अंजाम दिया है। आतंकियों ने पिछले 48 घंटे के दौरान पांच आम नागरिकों को निशाना बनाया है। कश्मीरी पंडितों में दहशत पैदा करने के लिए भी आतंकियों की ओर से बर्बर रवैया अपनाया गया है। आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर में दहशत पैदा करने के लिए अब नई रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि आज होने वाली उच्चस्तरीय बैठक में आतंकियों की रणनीति को नाकाम करने और उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लेने पर चर्चा की जाएगी।

आतंकियों ने बदली रणनीति

जम्मू-कश्मीर में इस वर्ष अभी तक आतंकियों की ओर से 28 आम लोगों को निशाना बनाया जा चुका है। सेना और खुफिया एजेंसियों के सख्त रवैये के कारण आतंकी बड़ी वारदात को अंजाम नहीं दे पा रहा हैं। इसलिए अब उन्होंने रणनीति बदलते हुए आम नागरिकों की हत्याओं का सिलसिला शुरू कर दिया है। पिछले दो दिनों में पांच आम लोग आतंकी घटनाओं का शिकार हुए हैं।

भारतीय सेना (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

आईजी विजय विजय कुमार का मानना है कि सुरक्षा एजेंसियों के चौकन्ना होने से कई आतंकी मारे जा चुके हैं और उनके मददगारों की कमर भी टूट चुकी है। सेना के सख्त रवैये से आतंकी संगठनों के आका भी घबराए हुए हैं। ऐसे में उन्होंने अपनी रणनीति बदलते हुए आम लोगों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। आतंकी संगठन पुलिस कर्मियों, राजनीति से जुड़े लोगों और अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखने वाले लोगों को निशाना बना रहे हैं। आतंकियों की ओर से इन घटनाओं में पिस्टल का इस्तेमाल किया जा रहा है।

अब छोटे हथियारों का कर रहे इस्तेमाल

श्रीनगर के ईदगाह इलाके में गुरुवार को आतंकवादियों ने एक स्कूल में घुसकर महिला प्रधानाध्यापिका समेत दो शिक्षकों की हत्या कर दी थी। पिछले 5 दिनों में घाटी में 7 आम लोगों की हत्या की गई है । इनमें से चार लोग अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े हुए हैं। सरकारी सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तानी आतंकी संगठनों की ओर से इन हमलों में हाइब्रिड या पार्ट टाइम आतंकियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

ऐसे आतंकी आम लोगों को छोटे हथियारों यानी पिस्टल से निशाना बना रहे हैं। हैरानी की बात यह भी है कि घटनाओं को अंजाम देने के बाद ऐसे आतंकी सामान्य लोगों का जीवन जीने लगते हैं। सुरक्षा एजेंसियों के सामने ऐसे चेहरों की पहचान करना बड़ी चुनौती साबित हो रहा है।

भारतीय सेना ( फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

बैठक में आज बनाई जाएगी रणनीति

आतंकियों की ओर से आम लोगों को निशाना बनाए जाने के बाद घाटी में बढ़ते आतंकवाद को लेकर गंभीर चिंता जताई जा रही है। यही कारण है कि केंद्र सरकार ने अब आतंकियों की इस रणनीति को नाकाम करने के लिए आज उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है जिसमें हिस्सा लेने के लिए एक कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को भी तलब किया गया है।

इस बैठक में सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े वरिष्ठ अफसर भी हिस्सा लेंगे और आतंकियों के खिलाफ कड़े एक्शन की रणनीति तैयार की जाएगी। सुरक्षा एजेंसियों के कड़े रुख के कारण घाटी में बड़ी आतंकी घटनाओं पर तो रोक जरूर लगी है मगर छिटपुट वारदातों में आम लोगों को निशाना बनाए जाने के बाद सरकार की चिंताएं बढ़ी हैं और इसी कारण अब आतंकियों के खिलाफ नई रणनीति पर चर्चा करने की तैयारी है।

अमित शाह-मनोज सिन्हा (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

लोगों में दहशत पैदा करना है मकसद

जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह का कहना है कि आम लोगों और विशेष तौर पर अल्पसंख्यकों की हत्या करके आतंकियों का मकसद भय और दहशत का माहौल पैदा करना और सदियों पुराने सांप्रदायिक सद्भाव की भावना को नुकसान पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि आतंकी पाकिस्तान के इशारे पर काम कर रहे हैं ताकि घाटी में शांति बहाली की प्रक्रिया को बाधित किया जा सके। मंगलवार को आतंकियों ने दहशत पैदा करने के लिए ही श्रीनगर के जाने-माने फार्मासिस्ट और कश्मीरी पंडित माखनलाल बिदरू की हत्या कर दी थी। इस घटना के कुछ मिनट बाद ही आतंकियों ने बिहार के रहने वाले चाट विक्रेता वीरेंद्र पासवान को निशाना बनाया था।

डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि इन घटनाओं के पीछे आतंकियों की सोची समझी रणनीति है। समाज के लिए काम करने वाले निर्दोष लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। इसलिए ऐसी घटनाओं पर लगाम कसने की पुख्ता तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में आतंकियों की दहशत का माहौल बनाने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सुरक्षा एजेंसियां इन मामलों पर गौर कर रही हैं और आतंकी संगठनों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी है।

Chitra Singh

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