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महबूबा का पाक प्रेम फिर जागा, बोलीं-जब तालिबान से बातचीत संभव तो पड़ोसी देश से क्यों नहीं

Jammu Kashmir News : महबूबा मुफ्ती एक बार फिर पाकिस्तान का राग अलापने लगी हैं। पीएम के निमंत्रण पर चर्चा के लिए हुई गुपकार गठबंधन की बैठक के बाद महबूबा ने कहा कि सरकार को पाकिस्तान के साथ बातचीत में क्या दिक्कत है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shivani
Published on: 23 Jun 2021 4:43 AM GMT (Updated on: 23 Jun 2021 4:43 AM GMT)
महबूबा का पाक प्रेम फिर जागा, बोलीं-जब तालिबान से बातचीत संभव तो पड़ोसी देश से क्यों नहीं
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महबूबा मुफ्ती फाइल फोटो

Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक से पहले पीडीपी की चीफ (PDP Chief) और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mohbooba Mufti) एक बार फिर पाकिस्तान (Pakistan) का राग अलापने लगी हैं। पीएम के निमंत्रण पर चर्चा के लिए हुई गुपकार गठबंधन (Gupkar Alliance) की बैठक के बाद महबूबा ने कहा कि जब सरकार तालिबान के साथ बातचीत कर सकती है तो उसे पाकिस्तान के साथ बातचीत में क्या दिक्कत है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को विभिन्न मुद्दों पर पाकिस्तान के साथ भी बातचीत करनी चाहिए।

यह पहला मौका नहीं है जब महबूबा मुफ्ती का पाकिस्तान प्रेम जगा है। वे पहले भी पाकिस्तान से बातचीत करने की वकालत करती रही हैं। पाकिस्तान की ओर से आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाली कार्रवाई के बाद दोनों देशों के रिश्ते तनावपूर्ण हो चुके हैं और बातचीत के दरवाजे बंद हो चुके हैं।
भारत का साफ तौर पर कहना है कि जब तक पाकिस्तान घाटी में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देना बंद नहीं करता तब तक उसके साथ बातचीत नहीं की की जा सकती। इसके बावजूद पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।

पाक से बातचीत के लिए आगे आए केंद्र

श्रीनगर में गुपकार गठबंधन की बैठक के बाद महबूबा ने कहा कि सरकार की ओर से दोहा में तालिबान के साथ बातचीत की जा रही है। ऐसे में पाकिस्तान के साथ बातचीत क्यों नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत करके जम्मू-कश्मीर से जुड़े विभिन्न मुद्दों का समाधान किया जा सकता है मगर केंद्र सरकार की ओर से इस बात की कोई पहल नहीं की जा रही है। केंद्र सरकार को एक बार फिर पाकिस्तान से बातचीत के लिए आगे आना चाहिए।

जानकारों का कहना है कि महबूबा की यह मांग हैरान करने वाली नहीं है क्योंकि वे पहले भी पाकिस्तान से बातचीत की मांग करती रही हैं। हालांकि पाकिस्तान की ओर से आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के मुद्दे पर वे कुछ भी खुलकर बोलने से बचती रही हैं। पुलवामा आतंकी हमले के समय भी उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ कोई भी टिप्पणी करने से परहेज किया था।

पीएम की बैठक में भाग लेने का फैसला

नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला के घर हुई गुपकार गठबंधन की बैठक में पीएम की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने का फैसला लिया गया। बैठक के बाद डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री की ओर से जिन नेताओं को न्योता भेजा गया है, वे सभी 24 जून को होने वाली बैठक में हिस्सा लेंगे। जम्मू-कश्मीर के नेता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात करेंगे। गुपकार गठबंधन की इस बैठक में 6 दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया।

आर्टिकल 370 पर नहीं करेंगे समझौता

बैठक के दौरान गुपकार गठबंधन के सदस्य मुजफ्फर शाह ने कहा कि आर्टिकल 370 और 35ए को लेकर किसी भी प्रकार का कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम पहले की तरह ही इन्हें हटाए जाने का विरोध जारी रखेंगे।
गुपकार गठबंधन के प्रवक्ता युसूफ तारीगामी ने कहा कि हम जम्मू कश्मीर को लेकर होने वाली से बातचीत में शिरकत करेंगे। उन्होंने कहा कि हमें बातचीत का कोई एजेंडा नहीं मिला है और ऐसी स्थिति में सब नेता अपनी बात रखने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने कहा कि हम बैठक के दौरान आसमान के तारे नहीं मांगेंगे। हम केंद्र सरकार से जम्मू कश्मीर को लेकर ही मांग करेंगे।

उन्होंने कहा कि हम सरकार से वही मांगेंगे जो हमारा था और आगे भी हमारा ही रहना चाहिए। जानकारों के मुताबिक उनका इशारा आर्टिकल 370 की ओर था। गुपकार गठबंधन में शामिल सभी नेता जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के खिलाफ हैं।

बैठक को लेकर अटकलों का दौर

इस बीच प्रधानमंत्री की ओर से बुलाई गई बैठक के एजेंडे को लेकर अटकलों का दौर नहीं थम रहा है। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक के दौरान केंद्र शासित प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा देने पर भी चर्चा हो सकती है। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव पर भी बैठक में चर्चा होने की उम्मीद जताई जा रही है।
राज्य में 2018 से ही चुनाव लंबित हैं। उस समय महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी और भाजपा का गठबंधन टूट गया था। इसके बाद 2019 में केंद्र सरकार की ओर से संसद में बिल लाकर आर्टिकल 370 को समाप्त कर दिया गया था। केंद्र सरकार की ओर से उठाए गए इस कदम का जम्मू कश्मीर के सभी सियासी दलों की ओर से सख्त विरोध किया गया था।

सरकार की ओर से व्यापक तैयारियां

जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 को समाप्त किए जाने के बाद केंद्र सरकार की ओर से पहली बार बैठक बुलाई गई है। ऐसे में हर किसी की नजर इस बैठक पर लगी हुई है। बैठक से पहले केंद्र सरकार की ओर से जम्मू कश्मीर को लेकर काफी होमवर्क किया गया है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और शीर्ष अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की थी। माना जा रहा है कि यह बैठक में प्रधानमंत्री की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक की तैयारियों से जुड़ी हुई थी।
Shivani

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