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Jammu-Kashmir News: J-K प्रशासन ने पत्थरबाजों पर कसी नकेल, अब नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी, ना ही विदेश जाने की मंजूरी

Jammu-Kashmir News: जम्मू-कश्मीर प्रशानस ने पत्थरबाजों और देशद्रोहियों के खिलाफ एक सर्कुलर जारी किया है। जिसमें कहा गया कि पत्थरबाजियों को अब सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी।

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Newstrack NetworkPublished By Chitra Singh
Published on: 1 Aug 2021 8:54 AM GMT
Stone Pelters
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पत्थरबाज (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

Jammu-Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजों (Stone Pelters) और देशद्रोहियों (Anti-Nationals) पर नकेल कसने के लिए प्रशासन ने एक फैसला किया है। जम्मू-कश्मीर प्रशानस ने पत्थरबाजों और देशद्रोहियों के खिलाफ एक सर्कुलर जारी (Circular Issued) किया है, जिसमें कहा गया कि पत्थरबाजी और देशद्रोही जैसे गतिवधियों में शामिल होने वाले युवाओं को अब सरकारी नौकरी से वंचित रखा जाएगा। इतना ही नहीं, ऐसे युवाओं को पासपोर्ट वेरिफिकेशन (Passport verification) भी नही दिया जाएगा।

आपको बता दें कि पत्थरबाजों (Patharbaz) और देशद्रोहियों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर की सीआईडी (Kashmir CID) की स्पेशल ब्रांच ने एक सर्कुलर जारी किया है। इस सर्कुलर में कहा गया है कि पत्थरबाजी और देशद्रोही जैसे गतिवधियों में शामिल होने वाले लोगों को किसी भी प्रकार की सिक्योरिटी क्लियरेंस न दी जाए।

पत्थरबाजों और देशद्रोहियों को न दी जाए सिक्योरिटी क्लियरेंस

इस मामले पर सीआईडी के एसएसपी (CID SSP) ने कहा कि पत्थरबाजी और देशद्रोही में पाए जाने युवाओं को सरकारी नौकरी से वंचित रखा जाएगा, साथ ही उन्हें सभी सरकारी योजनाओ का भी लाभ नहीं दिया जाएगा। इतना ही नहीं ऐसे लोगों को विदेश जाने के लिए पासपोर्ट वेरिफिकेशन भी नहीं मिलेगा। एसएसपी ने अधिकारियों को आदेश देते हुए ऐसे लोगों की तुरंत रिपोर्ट तैयार की जाए, जो कानून-व्यवस्था भंग करने, पत्थरबाजी या देशद्रोही जैसे गतिविधियों में शामिल ना हो। इस दौरान कोई ऐसा शख्स मिलता है, तो उसे किसी भी प्रकार की सिक्योरिटी क्लियरेंस न दी जाए।

सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस से ली जाए मदद- सर्कुलर

वहीं एसएसपी ने इस सर्कुलर में यह भी कहा कि ऐसे लोगों की पहचान करने के लिए संबंधित पुलिस स्टेशन पर जाकर वहां जांच करे उनसे रिपोर्ट लें। इसके अलावा इस कार्य में पुलिस के साथ-साथ सुरक्षा एजेंसियों से भी मदद ली जाए, क्योंकि ऐसी लोगों की फोटोड वीडियोज ऑडियो जैसे कई कई सबूत होते हैं।

Chitra Singh

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