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Jammu Kashmir News: घाटी में आतंक फैलाने की फिराक में सैकड़ों आतंकी, सीमा पर बढ़ा खतरा
Jammu Kashmir News: घाटी में शांति भंग करने और आतंक फैलाने के उद्देश्य से सैकड़ों आतंकवादी घुसपैठ की फिराक में लगे हुए हैं। लाइन ऑफ कंट्रोल(LOC) के पार मौजूद शिविरों में इन आतंकियों का जत्था इकट्टा है।
Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर से आतंकी गतिविधियों (Terrorist) को लेकर बड़ी खबर है। घाटी में शांति भंग करने और आतंक फैलाने के उद्देश्य से सैकड़ों आतंकवादी घुसपैठ की फिराक में लगे हुए हैं। लाइन ऑफ कंट्रोल(LOC) के पार मौजूद शिविरों में इन आतंकियों का जत्था इकट्टा है। जो नियंत्रण रेखा से जल्द से जल्द घुसने की योजना बना रहे हैं। इस बारे में ये जानकारी एक वरिष्ठ सेना के अधिकारी ने दी।
आतंकियों की इस नापाक हरकत का खुलासा करते हुए सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संघर्षविराम समझौता पाकिस्तान के लिए अधिक महत्वपूर्ण था क्योंकि वह वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) की 'ग्रे सूची' से बाहर आने की कोशिश कर रहा है।
घुसपैठ के इंतजार में आतंकी
सेना के अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर ये भी जानकारी दी कि इस्लामाबाद की ईमानदारी का तब आकलन किया जा सकता था यदि उन्होंने आतंकी ढांचे को नष्ट कर दिया होता। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
घाटी में घुसपैठ की फिराक में आतंकियों की योजना पर अधिकारी ने कहा कि सेना नियंत्रण रेखा के पार आतंकी शिविरों में लगभग 140 आतंकवादियों की मौजूदगी को देख रही है, जो संभवतः जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन मजबूत घुसपैठ रोधी ढांचे ने उन्हें अब तक सफल नहीं होने दिया है।
आगे उन्होंने कहा, ''उन्होंने अतीत में इसकी कोशिश की लेकिन सतर्क जवानों ने उनके सभी नापाक मंसूबों को नाकाम कर दिया जिसके बाद उन्हें वापस लौटना पड़ा।'' इन हालातों में हर समय लाइन ऑफ कंट्रोल पर सतर्क रहने की बहुत जरूरत है।
आतंकी कमजोर परिवार के बच्चों को बनाते कट्टर
वहीं अधिकारी ने ये भी बताया कि पाकिस्तान संघर्षविराम का उपयोग नियंत्रण रेखा के साथ लगे अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कर रहा है, जो बीते साल नियंत्रण रेखा के भारतीय क्षेत्र में नागरिक क्षेत्रों में उनके सैनिकों की गोलीबारी के जवाब में सीमा पार से की गई गोलाबारी में क्षतिग्रस्त हो गया था।
आतंकियों के परिवारों को निशाना बनाने के बारे में उन्होंने कहा, सेना लगातार उन परिवारों से संपर्क कर रही है जिनके बच्चों को कट्टर बनाए जानें की आशंका है और सेना उनसे इसके खिलाफ उचित सावधानी बरतने को कह रही है।
इस पर उन्होंने कहा कि इसके परिणाम सामने आए हैं क्योंकि शिक्षित परिवारों के सक्रिय दृष्टिकोण के कारण अब तक कई लोगों की जान बचाई गई है और उनके बच्चों को आतंकी गुटों में शामिल होने से रोका जा सका है। वो कमजोर परिवार के बच्चों पर अपना निशाना साधते हैं।