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Jhatka or Halal: हलाल हो या झटका मरता तो जानवर है, जानिए क्या है दोनों में अंतर

Jhatka or Halal: हलाल में जानवर की गर्दन और सांस नली काट दी जाती है। झटका के समर्थक कहते हैं इसमें जानवर को बेवजह दर्द नहीं होता। मारने से पहले उसे बेहोश भी किया जाता है।

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Newstrack NetworkPublished By Shashi kant gautam
Published on: 7 April 2022 7:06 PM IST
If it is halal or a blow dies, then it is an animal, know what is the difference between the two
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हलाल और झटका में अंतर: Photo - Social Media

Jhatka or Halal: हल्दीराम विवाद (Haldiram controversy) के बाद हलाल (halal) शब्द हवा में तैर रहा है। इसके बाद हमने इस हलाल शब्द की पड़ताल की तो जो जानकारी सामने आई वो आपके साथ साझा कर रहे हैं। हलाल एक अरबी शब्द (halal an arabic word) है। इसका हिंदी अर्थ होता है उचित, जायज धर्म के अनुकूल। हिंदी व्याकरण की बात करें तो ये विशेषण है।

क्या है हलाल मीट

इस्लाम में हलाल मीट पाने की एक प्रक्रिया होती है। इसमें जानवरों को धाबीहा किया जाता है। इसका अर्थ ये है कि उसके गले और श्वासनली को काटकर मारना होता है। मारते समय ध्यान दिया जाता है कि जानवर स्वस्थ हो। जानवर के जिस्म खून का अंतिम कतरा तक बहाया जाता है। इस दौरान आयतें पढ़ी जाती हैं जिसे तस्मिया/शाहदा कहते हैं।

हलाल फूड अथॉरिटी (food authority) की गाइडलाइन्स में कहा गया है कि जानवर को मारने के लिए उसे बेहोश नहीं जाए। स्लाटर हाउस हलाल के मुताबिक काम करें।

हलाल के कई हैं तरीके

इंग्लैंड में रॉयल सोसायटी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ क्रुएलिटी कहती है कि जानवर को बेहोश करके मारना चाहिए। वर्ष 2011 के यूके फूड स्टैंडर्ड एजेंसी के आंकड़े देखने पर पता चलता है कि 84 फिसद मवेशी, 81 फिसद भेड़ और 88 फिसद मुर्गियां हलाल मीट के लिए बेहोश की गई थीं। वर्ष 1979 से यूरोपीय देशों में जानवर को हलाल करने से पहले बेहोश करना अनिवार्य है। ब्रिटेन सरकार कहती है कि धार्मिक मामले में इसमें छूट दी जा सकती है।

इस्लाम मानने वालों के लिए खास ख्याल

ब्रिटेन में रेस्टोरेंट मुस्लिम आबादी को ध्यान में रखते हलाल प्रक्रिया का पालन करते हैं। उनका तर्क है कि ऐसा वो मुस्लिम ग्राहकों को बनाए रखने के लिए करते है।

हलाल और झटका में अंतर क्या है

हलाल हो या झटका दोनों में ही मीट पाने के लिए जानवर की जान जाती है। फर्क ये है कि मारने का तरीका बदल जाता है। झटका में जानवर की गर्दन पर तेज धार हथियार से एक ही वार किया जाता है ताकि फ़ौरन उसकी जान चली जाए। वहीं, हलाल में जानवर की गर्दन और सांस नली काट दी जाती है। झटका के समर्थक कहते हैं इसमें जानवर को बेवजह दर्द नहीं होता। मारने से पहले उसे बेहोश भी किया जाता है।

जबकि, हलाल के समर्थक तर्क देते हैं कि सांस नली कटने से जानवर कुछ सेकेंड में मर जाता है। हलाल प्रक्रिया में जानवर को मारने से पहले भर पेट खिलाया जाता है। जबकि झटका में उसे भूखा-प्यासा रखते हैं। इस्लाम (Islam) की बात करें तो उसमें हलाल के अलावा सभी मीट की मनाही है। उम्मीद है अब आप समझ गए होंगे हलाल और झटका में क्या अंतर है।

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Shashi kant gautam

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