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Jitin Prasada: बैंक की नौकरी से राजनीति तक जितिन प्रसाद के बारे में जानिए सबकुछ
Jitin Prasada: जितिन के पिता दो पूर्व प्रधानमंत्रियों राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव के सलाहकार भी रहे थे।
Jitin Prasada: कांग्रेस (Congress) के बड़ा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद (Jitin Prasada) बुधवार को बीजेपी में शामिल हो गए। 29 नवंबर 1973 को एक राजनीतिक परिवार जितिन प्रसाद का जन्म हुआ था। जितिन के पिता भी जितेंद्र प्रसाद भी कांग्रेस के बड़े नेता थे। जितिन के पिता दो पूर्व प्रधानमंत्रियों राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव के सलाहकार भी रहे थे। इसके अलावा जितेंद्र प्रसाद कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी थे।
बता दें कि जितिन के पिता जितेंद्र प्रसाद (Jitendra Prasada) ने सोनिया गांधी के खिलाफ बगावत कर दी थी। जितेंद्र प्रसाद ने नवंबर 2000 में कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में सोनिया के खिलाफ खड़े हो गए थे, लेकिन उनकी हार हो गई थी। इसके बाद जनवरी 2001 में उन्होंने दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। जितिन प्रसाद के दादा ज्योति प्रसाद भी कांग्रेस नेता थे। जितिन की परनानी पूर्णिमा देवी रबिंद्रनाथ टैगोर के भाई हेमेंद्रनाथ टैगोर की बेटी थीं।
जितिन की स्कूली पढ़ाई
कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने वाले जितिन प्रसाद ने देहरादून स्थित दून स्कूल से पढ़ाई की। इसी स्कूल से राहुल गांधी ने भी पढ़े थे। इसके बाद जितिन दिल्ली पहुंच गए और श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बीकॉम ऑनर्स की पढ़ाई की। फिर दिल्ली से ही एमबीए की पढ़ाई की और बैंक में नौकरी लग गई। इसके बाद जितिन प्रसाद ने राजनीति करियर की शुरुआत 2001 में की। वह भारतीय युवा कांग्रेस के सेक्रेटरी बने।
राजनीतिक करियर
जितिन प्रसाद 2004 में शाहजहांपुर से पहली बार लोकसभा चुनाव और जीते। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली यूपीए सरकार में इस्पात राज्यमंत्री के पद पर कार्य किया। इसके बाद वह साल 2009 में धौरहरा सीट से चुनाव लड़े और जाती हासिल की। यूपीए-2 में पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस, सड़क परिवहन और राजमार्ग और मानव, संसाधन विकास राज्यमंत्री का पद मिला।
जितिन प्रसाद उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का बड़ा ब्राह्मण चेहरा बनकर सामने आए थे। जितिन प्रसाद 2014 के लोकसभा चुनाव में हार गए। इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में तिलहर सीट से हारे। 2019 लोकसभा चुनाव में भी धौरहरा से उनको हार का सामना करना पड़ा।
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