TRENDING TAGS :
उमर अब्दुल्ला ने लगाया बड़ा आरोप, बोले-इफ्तार और सहरी के दौरान ही बिजली कटौती पीएम मोदी की साजिश
Omar Abdullah : 'रमजान का महीना पाक होता है। इस महीने में जरूरी समय पर बिजली नहीं काटी जाए। मगर, पहली बार ऐसा हो रहा है कि जब बिजली की इतनी किल्लत देखी जा रही है।
Omar Abdullah News : नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और घाटी के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने एक बार फिर केंद्र सरकार हमला बोला। पहले की ही तरह उन्होंने केंद्र पर भेदभाव का आरोप लगाया। दरअसल, उनका गुस्सा रमजान (Ramadan 2022) के दौरान बिजली कटौती को लेकर था। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने बिजली कटौती को जानबूझकर की जा रही साजिश करार दिया।
उमर अब्दुल्ला ने ये बातें एक खबरिया टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कही। जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने बातचीत में कहा, कि ऐसा पहली बार ऐसा हो रहा है जब रमजान के दौरान इतनी बिजली कटौती हो रही है। बता दें कि, उमर अब्दुल्ला ने देश में चल रहे कई और गंभीर मुद्दों को भी उठाया।
इफ्तार-सहरी के दौरान ही बिजली कैसे गुल हो रही?
उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah News) टीवी चैनल से बातचीत में कहा, 'रमजान का महीना पाक होता है। इस महीने में जरूरी समय पर बिजली नहीं काटी जाए। मगर, पहली बार ऐसा हो रहा है कि जब बिजली की इतनी किल्लत देखी जा रही है। ये सब रमजान में हो रहा है।' आवेश में उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'या तो बिजली आपूर्ति में लापरवाही बरती जा रही है या जानबूझकर ऐसा किया जा रहा है। उन्होंने कहा, दिनभर तो बिजली रहती है, मगर इफ्तार (iftar) और सहरी (Sehri) के दौरान ही बिजली कैसे गुल हो जाती है? ये समझ से परे है।
'देश का मुसलमान डरा है'
अपनी बातचीत में उमर अब्दुल्ला कहते हैं कि, आज देश में मुस्लिम डरा महसूस कर रहा है। कश्मीर में मुसलमान बहुसंख्यक हैं, इसलिए माहौल बेहतर है। मगर, जम्मू-कश्मीर के बाहर मुसलमानों में डर है। उन्हें विश्वास दिलाने की जरूरत है।
सबको साथ लेकर चले केंद्र
उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर एक बार फिर हमलावर रुख अख्तियार किया। उन्होंने कहा, केंद्र अपना मैनिफेस्टो (Manifesto) लागू करे। वो हिंदुओं के लिए कुछ करे। हमें कोई दिक्कत नहीं है।' इसके बाद 'राम मंदिर' का उदाहरण देते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) के नेता बोले, राम मंदिर बनाने की इजाजत कोर्ट ने दी। उस पर हमने कोई शोर नहीं मचाया। लेकिन, प्रधानमंत्री को सबको साथ लेकर चलना होगा। नवरात्रि के दौरान मीट की दुकान बंद करा दी जाती है। ऐसा क्यों? अगर बहुसंख्यक का ध्यान रखकर ऐसा हो रहा है, तो कश्मीर में हम भी बहुसंख्यक हैं। लेकिन, हम ऐसा नहीं करते। आजकल हमारा रोजा चल रहा है। अब भी टूरिस्ट के लिए कश्मीर में सब कुछ खुला है।'
हमारे जज्बातों की कद्र क्यों नहीं?
घाटी के पूर्व सीएम ने कहा, 'लग रहा है कि हमें जानबूझकर छेड़ा जा रहा है। हमारे जज्बातों से खेला और हमें दबाया जा रहा है। हम किसी हुकूमत को हटाकर ही किसी समस्या का समाधान क्यों चाहते हैं? जब प्रधानमंत्री ने कहा, कि वो सबके पीएम हैं, किसी खास धर्म के नहीं, तो फिर हमारे जज्बातों की कद्र क्यों नहीं हो रही।'
'जो यहां हैं वो ठीक से रहें'
हालांकि, इस दौरान उमर अब्दुल्ला ने पाकिस्तान के मुद्दे पर भी अपनी बात रखी। उमर बोले, 'पड़ोसी देश मेरा दोस्त नहीं है। मैं अपने देश के लिए बात करता हूं। मुझे दिक्कत अपने देश के लोगों को हो रही तकलीफ से है।' आखिर में उमर अब्दुल्ला कहते हैं, मैं चाहता हूं कि जो यहां हैं वो ठीक से रहें।'
अतिक्रमण पर क्या बोले उमर?
हाल के महीने में देश हिंसक झड़प और आरोपियों के घरों पर चले बुलडोजर पर भी उमर अब्दुल्ला ने अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, 'जहांगीरपुरी में हिंदू-मुसलमान के बीच दंगे हुए। मगर, अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई सिर्फ जहांगीरपुरी में ही हुई। क्या, दिल्ली में सिर्फ यहीं पर अवैध अतिक्रमण हैं? उन्होंने आगे कहा, मस्जिदों के पास से जुलूस निकलता है तो कहा जाता है कि इस देश में रहना है तो 'जय श्री राम' कहना है। इस तरह के नारे पर कार्रवाई क्यों नहीं होती है? देश में मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है।