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JNU Violence: जेएनयू विवाद पर केंद्र ने तलब की रिपोर्ट, वायरल वीडियो से की जाएगी छात्रों की पहचान
JNU Hinsa: जेएनयू हिंसा मामले में पुलिस सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो की मदद ले रही है। छात्रों की पहचान करने के लिए पुलिस ने जेएनयू के प्रशासन से मदद मांगी है।
JNU Hinsa: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में रामनवमी के दिन छात्रों के दो गुटों के बीच हुए विवाद और हिंसा के मामले में पुलिस ने दोनों पक्षों की ओर से केस दर्ज कर लिया है। दोषी छात्रों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो की मदद ले रही है। वीडियो में दिख रहे छात्रों की पहचान करने के लिए पुलिस ने जेएनयू के प्रशासन से मदद मांगी है।
इस बीच शिक्षा मंत्रालय ने इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। उधर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से दावा किया गया है कि नॉनवेज खाने को बेवजह मुद्दा बनाया जा रहा है। प्रशासन का कहना है कि नॉनवेज खाने की वजह से नहीं बल्कि पूजा का विरोध किए जाने की वजह से विवाद और हिंसा की घटना हुई।
केंद्र ने पूछा-सिर्फ एक छात्रावास में घटना क्यों
जेएनयू में छात्रों के दो गुटों के बीच मारपीट का मामला गरमाने के बाद अब शिक्षा मंत्रालय भी सक्रिय हो गया है। शिक्षा मंत्रालय की ओर से विश्वविद्यालय प्रशासन को भेजे गए पत्र में मारपीट की घटना की विस्तृत रिपोर्ट भेजने को कहा गया है। शिक्षा मंत्रालय ने विश्वविद्यालय प्रशासन से यह भी जानना चाहा है कि यह घटना विश्वविद्यालय के सिर्फ एक छात्रावास में ही क्यों हुई।
मालूम हो कि यह विवाद विश्वविद्यालय के कावेरी छात्रावास में हुआ था जिसके बाद छात्रों के दो गुट आपस में भिड़ गए थे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी इस मामले में सख्त तेवर अपना लिए हैं और जल्द ही केंद्र को रिपोर्ट भेजने की बात कही जा रही है।
पुलिस ने मांगी विश्वविद्यालय से मदद
इस बीच वसंतकुंज थाने में दोनों पक्षों की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पुलिस से मामले की गहराई से जांच पड़ताल करने में जुट गई है। पुलिस ने इस संबंध में थाने में शिकायत करने वाले छात्रों और विश्वविद्यालय प्रशासन से बातचीत की है। पुलिस सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के जरिए छात्रों की धरपकड़ में जुटी हुई है।
छात्रों की पहचान के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन से भी मदद मांगी गई है। वीडियो के जरिए अभी तक 30 छात्रों की पहचान की जा चुकी है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इनमें से कई छात्रों को जल्द ही पूछताछ के लिए तलब किया जाएगा।
पोस्टर की जांच पड़ताल में भी जुटी पुलिस
विश्वविद्यालय और छात्रावास में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज की भी मदद ली जा रही है। विश्वविद्यालय में रामनवमी के दिन पूजा न करने के संबंध में पोस्टर भी चस्पा किए गए थे। पुलिस इस मामले की भी जांच कर रही है कि यह पोस्टर कब और किसकी ओर से लगवाए गए। रविवार को हुई हिंसा के बाद विश्वविद्यालय में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। विश्वविद्यालय के हर गेट पर हम भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। विश्वविद्यालय के भीतर भी सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है।
नॉनवेज नहीं,पूजा के विरोध पर विवाद
अभी तक रामनवमी के दिन छात्रों के दो गुटों में नॉनवेज खाने को लेकर विवाद पैदा होने की बात कही जाती रही है। दूसरी ओर विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे पूरी तरह गलत करार दिया है। प्रशासन का कहना है कि नॉनवेज खाने को बेवजह मुद्दा बनाए जाने की कोशिश की जा रही है। विश्वविद्यालय के छात्रावासों में किसी भी प्रकार के खाने पर कोई रोक नहीं है।
प्रशासन का कहना है कि विवाद की असली वजह रामनवमी के दिन पूजा का विरोध किया जाना है। पूजा का विरोध किए जाने पर ही छात्रों के दो गुटों में विवाद पैदा हुआ और बाद में हिंसा की घटना हुई।
कुलपति ने किया छात्रावास का दौरा
विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर रविकेश ने कहा कि प्रशासन माहौल को शांतिपूर्ण बनाने की कोशिश में जुटा हुआ है। इसी सिलसिले में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर शांतिश्री पंडित ने कावेरी छात्रावास का दौरा किया। उन्होंने छात्रावास में रहने वाले कई छात्र-छात्राओं से बातचीत करके माहौल को शांतिपूर्ण बनाए रखने की अपील की। जेएनयू प्रशासन ने सख्त चेतावनी दी है कि हिंसा की किसी भी घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
वामपंथी छात्रों ने दी थी धमकी
उधर एबीवीपी का भी कहना है कि विश्वविद्यालय में पूजा का विरोध किए जाने की वजह से ही विवाद की शुरुआत हुई। एबीवीपी की जेएनयू इकाई के अध्यक्ष रोहित का कहना है कि रामनवमी के दिन पूजा करने का फैसला लिए जाने के बाद ही वामपंथी छात्रों की ओर से किसी भी कीमत पर पूजा न होने की धमकी दी जा रही थी। इसके लिए कावेरी छात्रावास के वार्डन के फर्जी पत्र का भी सहारा लिया गया।
उन्होंने कहा कि पूजा रोकने के लिए वामपंथी छात्र लाठी-डंडा, राड और पत्थर आदि से लैस होकर पहुंचे थे और उन्होंने पूजा के लिए लगाए गए झंडों को फाड़ दिया। उन्होंने कहा कि 10 दिन पहले ही रामनवमी के दिन नॉनवेज न बनने पर सहमति बनी थी मगर फिर भी रविवार को विश्वविद्यालय के सभी छात्रावासों में नॉनवेज खाना बनाया गया। उन्होंने कहा कि पूरी घटना के लिए वामपंथी संगठनों से जुड़े हुए छात्र ही जिम्मेदार हैं और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।