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Kalicharan Maharaj: कौन हैं महात्मा गांधी को अपशब्द बोलने वाले कालीचरण महाराज, बयान से आए सुर्ख़ियों में

Kalicharan Maharaj Kaun Hain: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर का धर्म संसद (Raipur Dharm Sansad), जहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के लिए अपशब्द बोले गए। बापू को जिस शख्स ने गालियां दीं, उनका नाम है, कालीचरण महाराज।

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By aman
Published on: 29 Dec 2021 2:33 PM IST
Kalicharan Maharaj: कौन हैं महात्मा गांधी को अपशब्द बोलने वाले कालीचरण महाराज, बयान से आए सुर्ख़ियों में
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Kalicharan Maharaj Kaun Hain: देश के कई राज्यों के विभिन्न शहरों में अभी 'धर्म संसद' (Dharm Sansad) का आयोजन किया जा रहा है। इनमें से कुछ धर्म संसद तब सुर्ख़ियों में आए जब वहां विवादित बोल बोले गए। लेकिन, उनमें सबसे अधिक चर्चा में रहा छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर का धर्म संसद (Raipur Dharm Sansad), जहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के लिए अपशब्द बोले गए। बापू को जिस शख्स ने गालियां दीं, उनका नाम है, कालीचरण महाराज। कालीचरण महाराज के विवादित बोल की वजह से उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

लेकिन, आज बात कालीचरण महाराज (Kalicharan Maharaj) की। वो कौन हैं? कहां से संबंध रखते हैं आदि-आदि। कालीचरण महाराज (Kalicharan Maharaj) महाराष्ट्र के अकोला (Akola) के रहने वाले हैं। उनका मूल नाम अभिनीत धनंजय सराग है। बताया जाता है, कि वो भावसार समाज (bhavsar samaj) के हैं। अभिनीत धनंजय के पिता दवा की एक दुकान चलाते हैं। कालीचरण महाराज स्थानीय युवाओं में खासे लोकप्रिय माने जाते हैं।

शरारती कालीचरण को भेजा गया था मौसी के यहां

उन्हें जानने वाले बताते हैं कि अभिनीत धनंजय या अब कालीचरण महाराज को बचपन से ही पढ़ाई में ज्यादा रुचि नहीं थी। इस वजह से उन्होंने आठवीं कक्षा तक की ही पढ़ाई की। कालीचरण बचपन से ही नटखट और शरारती थे। उनकी दिनोंदिन बढ़ती बदमाशियों से तंग आकर उनके अभिभावक ने उन्हें उनकी मौसी के घर इंदौर भेज दिया था। यहीं बालक कालीचरण ने हिंदी बोलना सीखी। इससे पहले वो स्थानीय भाषा मराठी ही बोलते थे। इसके बाद कालीचरण, भय्यूजी महाराज के संपर्क में आए। वो उनके आश्रम में जाने-आने लगे।

राजनीति में बढ़ा रुझान

धीरे-धीरे समय बीतता गया और कालीचरण महाराज का रुझान राजनीति में बढ़ने लगा। उसके बाद उन्होंने राजनीति में भी हाथ आजमा की सोची। साल 2017 में अकोला नगर निकाय चुनाव में उन्होंने भी अपनी किस्मत आजमाई थी, मगर हार गए। इसके बाद साल 2019 के विधानसभा चुनाव में अकोला (पश्चिम ) विधानसभा सीट से वो प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरने की चर्चा थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

शिव तांडव स्त्रोत के पथ आए थे सुर्ख़ियों में

ये सब तो बाद की बातें हैं, इन सबसे पहले कालीचरण महाराज शिव तांडव स्त्रोत (Shiva Tandava Stotra) का पाठ कर सुर्ख़ियों में आए थे। यह आयोजन बीते साल जुलाई के महीने में रायसेन के शिव मंदिर में हुआ था। जहां उन्होंने (Shiva Tandava Stotra) इसका पाठ किया था।

खुद को मानते है मां काली के पुत्र

कालीचरण महाराज को जानने वाले बताते हैं कि वो खुद को 'काली पुत्र' बताते हैं। इसके पीछे एक कहानी है। दरअसल कालीचरण महाराज बचपन में एक हादसे का शिकार हो गए थे। इस दौरान उनका पैर 90 डिग्री तक घूम गया था। कालीचरण महाराज, दावा करते हैं कि उन्हें मां काली स्वयं दर्शन दिया था। जिसके बाद उनका पैर ठीक हो गया था। उसके बाद जब उन्हें डॉक्टर के पास ले जाया गया था। तब डॉक्टर ने हेयर लाइन इंजरी बताई थी। वो कहते हैं उनके सकुशल होने के पीछे मां काली की ही कृपा थी। कालीचरण महाराज आगे बताते हैं कि तब वो घर के लोगों को भी इस बारे में बताते थे। लेकिन कोई यकीन नहीं करता था। इसके बाद वो जोर देते हुए कहते हैं, मैं 'काली पुत्र हूं' और मां आज भी मुझे दर्शन देती हैं।

क्या कहा था गांधी जी पर

इसके बाद लौटते हैं छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुए दो दिवसीय धर्म संसद पर। यहां कालीचरण महाराज ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में अपशब्द कहे। उन्होंने कहा था, कि इस्लाम का मकसद राजनीति के जरिए राष्ट्र पर कब्जा करना है। वर्ष 1947 में हमने अपनी आंखों से देखा है कि कैसे पाकिस्तान और बांग्लादेश पर कब्जा किया गया था। महात्मा गांधी ने उस वक्त देश का सत्यानाश किया। कालीचरण महाराज ने मंच से नाथूराम गोडसे की प्रशंसा भी की। कहा, गांधी जी की हत्या के लिए उन्हें मार दिया गया।

26 दिसंबर की रात कांग्रेस पार्टी की तरफ से कालीचरण महाराज के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी। उनके खिलाफ टिकरापारा थाने में धारा 294 और 505 (2) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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