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कांग्रेस में शामिल होंगे कन्हैया कुमार? जल्द ही राहुल गांधी से होगी मुलाकात
कन्हैया कुमार की कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें सामने आ रही हैं। कन्हैया जल्द ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात हो सकती है।
जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाकपा नेता कन्हैया कुमार की कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें सामने आ रही हैं। कन्हैया लगातार कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं और माना जा रहा है कि अब उनकी जल्द ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात हो सकती है। सूत्रों की मानें तो अगर सब कुछ ठीक रहा तो कन्हैया कुमार और राहुल गांधी के बीच जल्द ही बैठक हो सकती है और दोनों की मुलाकात के बाद भाकपा नेता कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। अगर कन्हैया कांग्रेस में शामिल होते हैं तो विपक्ष की राजनीत में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
बता दें कि कन्हैया कुमार ने 2019 लोकसभा के चुनाव में भाकपा के टिकट से चुनावी मैदान पर उतरे थे लेकिन भाजपा के दिग्गज नेता गिरिराज सिंह से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि तब कन्हैया की प्रोफाइल लो थी लेकिन अगर वे कांग्रेस का दामन थामते हैं तो यह उनकी राजनीतिक पारी की नई शुरुआत होगी।
शीर्ष स्तर पर विचार विमर्श जारी
सूत्रों के अनुसार कन्हैया को कांग्रेस में शामिल करने के लिए इस समय पार्टी के अंदर शीर्ष स्तर पर विचार विमर्श चल रहा है। फिलहाल अभी यह तय नहीं हो सका है कि वह पार्टी में कब और किस तरह से शामिल किए जा सकते हैं। पार्टी इस समय नेतृत्व संकट का सामना कर रही है। कन्हैया एक जाना पहचाना चेहरा हैं और युवाओं के बीच में उनकी पकड़ अच्छी है।
सूत्रों का कहना है कि बिहार विधानसभा के दौरान भी कन्हैया को कांग्रेस में शामिल करने की बातचीत हुई थी लेकिन किन्ही कारणों से उनको पार्टी में शामिल करने पर कोई नतीजा नहीं निकल सका था। अब एक बार फिर से कन्हैया को कांग्रेस में लाने की कवायद पार्टी के अंदर शुरू हो गई है। कांग्रेस कन्हैया के दम पर युवाओं को अपनी तरफ खीचने की कोशिश कर सकती है।
कौन हैं डॉ कन्हैया कुमार और क्या है उनकी राजनीति
ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन से अपनी छात्र राजनीति की शुरुआत करने वाले जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ कन्हैया कुमार उस वक्त मीडिया की सुर्खियों में आए जब 2016 में जेएनयू कैंपस के अंदर तथाकथित देश विरोधी नारे लगे थे। राजनीतिक विरोधियों और मीडिया का एक बड़ा तबका कन्हैया कुमार को देशद्रोही साबित करने में लगा रहा। इस दौरान कन्हैया कुमार को चाहने वालों की संख्या में भी अप्रत्याशित वृद्धि हुई थी और वह यूथ आईकॉन के रूप में जाने जाने लगे। देश के बड़े-बड़े जलसे, सभा और गोष्ठी में उनकी भाषण सुनने लोगों का भीड़ उमड़ने लगा।
बाद में वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ज्वाइन कर बेगूसराय लोकसभा चुनाव से लोकसभा का चुनाव लड़ा। यहां उनका मुकाबला भाजपा नेता गिरिराज सिंह से हुई और चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। बीते बिहार विधानसभा चुनाव में भी कन्हैया कुमार ने बतौर सीपीआई के स्टार प्रचारक बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और महागठबंधन के प्रत्याशियों के पक्ष में दर्जनों चुनावी सभा को संबोधित किया। इस वक्त में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं।