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Kanwar Yatra 2021: हरियाणा- उत्तराखंड मे रोक, फिर योगी क्यों कराना चाहते थे कांवड़ यात्रा
Kanwar Yatra 2021: उत्तराखंड सरकार ने पहले ही कोरोना काल में कांवड़ यात्रा पर रोक लगाने के फैसले का ऐलान कर दिया था। वहां के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने योगी से बात भी की थी।
Kanwar Yatra 2021: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court )के आदेश पर कांवड़ यात्रा (kanwar yatra 2021) कराने पर अड़ी योगी आदित्यनाथ सरकार (yogi government) को आखिरकार बैकफुट पर आना पड़ा और कथित रूप से संघों से बात करके कांवड़ यात्रा को स्थगित (Kanwar Yatra postponed) करने का आदेश जारी किया गया। हालांकि इससे पहले ही शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए योगी सरकार की कांवड़ यात्रा को मंजूरी देने वाले फैसले पर निशाना साधा था। पार्टी ने अपने मुखपत्र के जरिये कोरोना काल (coronavirus ) में धार्मिक यात्रा (religious tours) से कोविड मामले बढ़ने और स्वास्थ्य सेवाएं बेहाल होने की आशंका जताई थी।
सामना में कहा गया था कि कांवड़ यात्रा हिंदुओं की श्रद्धा का विषय है, यह स्वीकार है लेकिन कुंभ मेले से लेकर कांवड़ यात्रा तक, भीड़ का जो सैलाब आता है, उसमें शव अंतत: भक्तों के ही बहते हैं।
गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार ने पहले ही कोरोना काल में कांवड़ यात्रा पर रोक (kanwar yatra ban in Uttarakhand) लगाने के फैसले का ऐलान कर दिया था। वहां के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने योगी से बात भी की थी। फिर भी योगी अड़े रहे। जबकि दोनों ही भारतीय जनता पार्टी शासित राज्य हैं।
भाजपा नेता करा रहे आंदोलन
सामना ने इस बहाने महाराष्ट्र के भाजपा नेताओं पर भी सवाल दागा है कि क्या वह इससे कुछ सीखेंगे? ये सवाल महाराष्ट्र की पंढरपुर की वारी यात्रा को लेकर किये गए हैं। भाजपा नेता चाहते हैं कि पंढरपुर की यात्रा को अनुमति दी जाए। शिवसेना का आरोप है कि भाजपा नेता वारकरी संप्रदाय के लोगों को उकसाकर 'वारी' के लिए आंदोलन करा रहे हैं। सामना ने वारी यात्रा की अनुमति न देने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए लिखा है कि यदि अनुमति दी होती तो सुप्रीम कोर्ट ने उस निर्णय पर भी आपत्ति जताई ही होती।
हरियाणा में भाजपा सरकार ने लगाई रोक
ध्यान देने की बात ये है कि योगी आदित्यनाथ कांवड़ यात्रा पर अपने साथी मुख्यमंत्रियों से आगे निकलना चाह रहे थे। जबकि हरियाणा में भाजपा सरकार ने भी कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर का यह फैसला तारीफ के योग्य है कि उन्होंने राज्य में हरिद्वार से गंगाजल लाकर हर जिले में पहुंचाने की सुविधा दी है।
केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में जो हलफनामा दिया उसमें हरियाणा माडल को ही आधार बनाया है। केंद्र सरकार ने कहा है कि राज्यों को पवित्र गंगाजल तय स्थानों पर टैंकरों के माध्यम से उपलब्ध कराने के लिए एक सिस्टम बनाना चाहिए ताकि भक्त गंगाजल वहां से ले सकें और निकटतम शिव मंदिर में अभिषेक कर सकें। टैंकर से जगह-जगह गंगाजल पहुचाना एक बेहतर विकल्प होगा।