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कारगिल विजय दिवसः पाक के विश्वासघात और भारतीय सेना की बहादुरी की गौरव गाथा

Kargil Vijay Diwas : 26 जुलाई को कारगिल विजय के रूप में खत्म हुई थी। इस तारीख को 1999 में भारत ने सफलतापूर्वक उच्च चौकियों की कमान संभाल ली थी। इसलिए इस दिन को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।

Ramkrishna Vajpei
Written By Ramkrishna VajpeiPublished By Monika
Published on: 25 July 2021 4:05 PM IST
26 july  Kargil Vijay Diwas
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कारगिल विजय दिवस (फोटो : सोशल मीडिया )

Kargil Vijay Diwas: भारत और पाकिस्तान (India Pakistan) के बीच दुनिया की सबसे ऊंची चोटियों पर दो माह तक लड़ी गई जंग 26 जुलाई को कारगिल विजय (Kargil Vijay Diwas) के रूप में खत्म हुई थी। इस तारीख को 1999 में भारत ने सफलतापूर्वक उच्च चौकियों की कमान संभाल ली थी। इसलिए इस दिन को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। 26 मई को शुरू हुआ कारगिल युद्ध कुल 60 दिनों से अधिक समय तक लड़ा गया। यह जंग 26 जुलाई 1999 को समाप्त हुई।

इस संबंध में महत्वपूर्ण बात यह है कि कारगिल सेक्टर में लाइन ऑफ कंट्रोल पर जब भयंकर बर्फबारी होती है तो अग्रिम सीमा चौकी पर तैनात दोनों देशों के फौजी निचले स्थानों पर चले आते हैं और जब बर्फ पिघलती है तो फिर से अपने स्थानों पर पहुँच कर मोर्चे संभाल लेते है। लेकिन 1999 में ऐसा नहीं हुआ। आईएसआई और पाकिस्तानी फ़ौज ने मिलकर साजिश के तहत अपने फौजियों को मुजाहदीन के रूप में उन खाली चौकियों पर माकूल रसद और गोला बारूद के साथ तैनात कर दिया। ये काम इसी दौरान किया गया जब चौकियां खाली पड़ी थीं। ये बात इतनी ढकी छुपी थी कि किसी को कानों कान खबर नहीं हुई। इसका खुलासा तब हुआ जब एक चरवाहा उधर से निकला। उसने सीमा चौकियों पर पाकिस्तानी गतिविधियों को देखकर भारतीय सेना को सूचना दी। तब भारतीय सेना को 3 मई 1999 को पता चला की कि पाकिस्तान ने कारगिल की ऊँची पहाडि़यों पर 5,000 सैनिकों के साथ घुसपैठ कर कब्जा जमा लिया बै। इस बात की जानकारी जब भारत सरकार को मिली तो सेना ने पाक सैनिकों को खदेड़ने के लिए ऑपरेशन विजय चलाया।

भारतीय सेना (फोटो : सोशल मीडिया )

लदाख के प्रवेश द्वार पर दिखे पाकिस्तानी घुसपैठिये

इससे पहले 5 मई 1999 को भारतीय सेना की पेट्रोलिंग टीम जानकारी लेने कारगिल पहुँची तो पाकिस्तानी सेना ने उन्हें पकड़ लिया और उनमें से 5 की हत्या कर दी। इसके बाद नौ मई 1999 को पाकिस्तानियों ने गोलाबारी करके भारतीय सेना का कारगिल में मौजूद गोला बारूद का स्टोर नष्ट कर दिया। 10 मई को पहली बार लदाख का प्रवेश द्वार यानी द्रास, काकसार और मुश्कोह सेक्टर में पाकिस्तानी घुसपैठियों को देखा गया।

मई 1999 के मध्य में भारतीय फ़ौज को कश्मीर वैली से कारगिल सेक्टर के तरफ भेजा गया और 26 मई 1999 भारतीय वायुसेना को कार्यवाही के लिए आदेश दिया गया। तब तक सेना अपनी तैयारी पूरी कर चुकी थी। लेकिन दुश्मन इस बार पूरी तैयारी से आया था 27 मई को कार्यवाही में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ मिग-27 और मिग-29 का भी इस्तेमाल किया। शुरुआती कार्रवाई में पाकिस्तान भारी पड़ा और फ्लाइट लेफ्टिनेंट नचिकेता को बंदी बना लिया गया 28 मई को एक MI-17 हैलीकॉप्टर पाकिस्तान द्वारा मार गिराया गया और चार भारतीय फौजी शहीद हो गए।

युद्ध के दौरान भारतीय सेना के जवान (फोटो : सोशल मीडिया)

भारतीय फ़ौज ने द्रास सेक्टर में तोलिंग पर कब्ज़ा किया

एक जून को एनएच1ए पर पकिस्तान द्वारा भारी गोलाबारी की गई। पांच जून को तीन पाकिस्तानी सैनिकों से प्राप्त कागजातों को भारतीय सेना ने अखबारों के लिए जारी किया जिसमें इस घुसपैठ में पाक सेना का शामिल होना प्रमाणित होता था। 6 जून को भारतीय सेना ने जवाबी कार्यवाही पूरी ताकत से आरम्भ कर दी। 9 जून को बाल्टिक क्षेत्र की 2 अग्रिम चौकियों पर भारतीय सेना ने पुनः कब्जा कर लिया। इसके बाद भारत ने जनरल परवेज मुशर्रफ जब वह चीन में थे और आर्मी चीफ लेफ्टीनेंत जनरल अजीज खान जो रावल पिंडी में थे उनकी बातचीत का रिकॉर्डिंग जारी किया जिससे पता चलता था कि इस घुसपैंठ में आर्मी का हाथ है। 13 जून को भारतीय फ़ौज ने द्रास सेक्टर में तोलिंग पर पुनः कब्ज़ा किया।

भारतीय सेना के साथ अटल बिहारी वाजपेयी (फोटो : सोशल मीडिया )

11 घंटे में भारतीय फ़ौज ने टाइगर हिल को कब्जे में लिया

इसके बाद जून के मध्य में अमेरिकी प्रेसिडेंट बिल किलिंटन ने परवेज मुशर्रफ से फोन पर कहा कि वह अपनी फौजों को कारगिल सेक्टर से बाहर बुलाये। इस बीच 29 जून को भारतीय फ़ौज ने टाइगर हिल के नजदीक दो महत्त्वपूर्ण चौकियों Point 5060 और Point 5100 को पुनः कब्जे में ले लिया। भारतीय फ़ौज ने कारगिल पर तीन ओर से हमला किया। टाइगर हिल को पुनः कब्जे में लेने में भारतीय फ़ौज को 11 घंटे लगे। इसके बाद जैसे ही भारतीय फ़ौज ने द्रास सेक्टर पर पुनः कब्ज़ा किया पाकिस्तानी प्रधान मंत्री शरीफ ने तुरंत बिल क्लिंटन से कहा कि वह कारगिल से अपनी फ़ौज को हटा रहें है। सात जुलाई को भारतीय फ़ौज ने बाटलिक में स्थित जुबर हिल पर कब्ज़ा कर किया।

14 जुलाई को भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने आपरेशन विजय की जीत का ऐलान कर दिया और इसके साथ ही 26 जुलाई को विजय दिवस के रूप में मनाये जाने का ऐलान किया गया।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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