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The Kashmir Files: कश्मीर में बंद पड़े मंदिरों के कपाट जल्द खुलेंगे, काशी के पंडितों ने पीएम मोदी से मांगी अनोखी दक्षिणा

काशी विद्वत कर्मकांड परिषद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कश्मीर घाटी में बंद चल रहे मंदिरों के कपाट खोलने और वहां पूजन करने का आग्रह किया है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Deepak Kumar
Published on: 17 March 2022 1:25 PM GMT (Updated on: 17 March 2022 1:33 PM GMT)
PM Narendra Modi
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

The Kashmir Files: कश्मीर (Kashmir) में तीन दशक से बंद पड़े मंदिरों के कपाट जल्द खुल सकते हैं। देश की सांस्कृतिक राजधानी काशी के पंडितों ने इसके लिए बड़ी पहल की है। वे कश्मीर के मंदिरों में जल्द ही वेद मंत्रों, घंटा घड़ियाल और स्तुतियों की गूंज स्थापित करना चाहते हैं। उन्होंने इस बाबत काशी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र भी लिखा है। इस पत्र की प्रतिलिपि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) को भी भेजी गई है। काशी विद्वत कर्मकांड परिषद (Kashi Vidvat Ritual Council) ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कश्मीर घाटी में बंद चल रहे मंदिरों के कपाट खोलने और वहां पूजन करने का आग्रह किया है।

काशी (Kashi) के पंडितों की ओर से उठाए गए इस कदम को बड़ी पहल माना जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) काशी से ही सांसद हैं और माना जा रहा है कि वे जल्दी ही काशी के पंडितों के इस अनुरोध को पूरा करने की दिशा में कदम उठा सकते हैं। उल्लेखनीय है कि कश्मीर में करीब 100 से अधिक मंदिर 1990 से ही लगातार बंद चल रहे हैं और अब काशी के पंडितों ने इसके लिए बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है।ॉ

1990 से बंद पड़े हैं सौ से अधिक मंदिर

काशी विद्वत कर्मकांड परिषद (Kashi Vidvat Ritual Council) की वेद नारायण केंद्रम में हुई पहली बैठक में कश्मीर (Kashmir) में बंद पड़े मंदिरों का मुद्दा प्रमुखता से उठा। परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी (National President Acharya Ashok Dwivedi) ने बताया कि घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के बाद से कश्मीर के ढेर सारे मंदिरों में पूजा-पाठ और भोग पूरी तरह बंद चल रहा है।

1990 में कश्मीरी पंडितों के पलायन (Exodus of Kashmiri Pandits in 1990) के बाद घाटी के सौ से अधिक मंदिरों में धार्मिक क्रियाकलाप पूरी तरह ठप है। इन सभी मंदिरों में दोबारा पूजन शुरू करने के साथ ही इनके रखरखाव और जीर्णोद्धार की दिशा में कदम उठाया जाना जरूरी है।

विद्वत परिषद ने लिखा पीएम मोदी को पत्र

परिषद के अध्यक्ष और काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) के न्यास के पूर्व अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी (Former President Acharya Ashok Dwivedi) ने इस बाबत राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने अनुरोध किया है कि इन मंदिरों को फिर से खुलवाने की दिशा में कदम उठाया जाना जरूरी है। मंदिरों को खोलने की अनुमति मिलने के बाद काशी के विद्वान ब्राह्मण इन बंद पड़े मंदिरों के कपाट खोल कर धार्मिक क्रियाकलाप, भोग, पूजन और आरती की प्रक्रिया शुरू करेंगे। कश्मीर के बंद पड़े मंदिरों में पूजन की पूरी कार्ययोजना तैयार की जा चुकी है। पत्र में कहा गया है कि मंदिरों में सनातन संस्कृति को फिर से जीवंत किया जाना जरूरी है। काशी के पंडितों को पीएम मोदी की यही दक्षिणा होगी कि वे इन मंदिरों में पूजन की फिर से अनुमति प्रदान करें।

पीएम मोदी उठा सकते हैं बड़ा कदम

आचार्य अशोक द्विवेदी (Former President Acharya Ashok Dwivedi) ने दक्षिणा का जिक्र इसलिए भी किया है क्योंकि वे पीएम मोदी को कई बार काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) में पूजन करवा चुके हैं। उन्होंने दक्षिणा का जिक्र करके प्रधानमंत्री से भावुक अपील की है। काशी के पंडितों की इस पहल के बाद माना जा रहा है कि केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) इस दिशा में कोई बड़ा कदम उठा सकती है। काशी विद्वत कर्मकांड परिषद की इस बैठक में कई जाने-माने विद्वान भी मौजूद थे।

देश में हाल में द कश्मीर फाइल्स फिल्म (The Kashmir Files movie) रिलीज होने के बाद कश्मीरी पंडितों का मुद्दा एक बार फिर गरमाया हुआ है। सोशल मीडिया पर भी इन दिनों इस फिल्म की काफी चर्चा है और काफी संख्या में लोग इस फिल्म को देखने के लिए पहुंच रहे हैं। फिल्म को कई राज्यों में टैक्स फ्री किया जा चुका है। प्रधानमंत्री मोदी ने खुद इस फिल्म की तारीफ की है और कहां है कि सच उजागर होने के बाद कुछ लोगों को मिर्ची लग गई है और वे इस फिल्म का नाहक विरोध कर रहे हैं।

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Deepak Kumar

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