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Kawad Yatra 2021: कांवड़ यात्रा पर संशय बरकरार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा फिर से विचार करे यूपी सरकार

Kawad Yatra 2021: सर्वाेच्च अदालत में अब ये मामला सोमवार को सुना जाएगा। यूपी सरकार को एक बार फिर सोमवार को अपना जवाब देना होगा।

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Newstrack NetworkPublished By Sushil Shukla
Published on: 16 July 2021 7:09 AM GMT
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सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

Kanwar Yatra 2021: कोरोना संकट (Corona Crisis) के बीच कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) को लेकर सस्पेंस अभी तक बना हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार से कांवड़ यात्रा पर फिर से विचार करने को कहा है। यूपी सरकार को एक बार फिर सोमवार को अपना जवाब देना होगा। इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में जानकारी दी कि प्रदेश में कांवड़ यात्रा पर पूरी तरह रोक नहीं रहेगी, सांकेतिक रूप से कांवड़ यात्रा जारी रहेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि ये हर किसी के लिए काफी अहम विषय है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी भी व्यक्ति का जीवन सबसे अहम हैं। धार्मिक और अन्य भावनाएं मौलिक अधिकार के अधीन ही हैं। अपने हलफनामे में यूपी सरकार ने कहा था कि प्रदेश में कांवड़ यात्रा पर पूरी तरह रोक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में यूपी सरकार ने कहा कि कांवड़ यात्रा सांकेतिक रूप से चलाई जाएगी। साथ ही सरकार द्वारा इसको लेकर गाइडलाइन्स बनाई जा सकती हैं।

वहीं, अदालत में केंद्र द्वारा जानकारी दी गई है कि राज्य सरकार को प्रोटोकॉल के तहत उचित निर्णय लेना चाहिए। केंद्र सरकार द्वारा सभी एडवाइजरी पहले ही जारी की जा चुकी हैं।

केंद्र की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि कांवड़ यात्रा को उत्तराखंड जाने की इजाजत नहीं देनी चाहिए, हालांकि गंगाजल को ऐसी जगह उपलब्ध करवाना चाहिए ताकि कांवड़ियें पास के शिव मंदिर में पूजा कर सकें।

आपको बता दें कि कोरोना संकट को देखते हुए इस बार उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी है। हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पूर्ण तरीके से रोक नहीं लगाई गई थी। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में स्वतः संज्ञान लिया गया था।

25 जुलाई से शुरू होनी है कांवड़ यात्रा

कांवड़ लेकर जाते कांवड़िये (फाइल फोटो)

आपको याद होगा कि योगी सरकार ने कोविड प्रोटोकॉल (Covid Protocol) के तहत 25 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू करने का फैसला किया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर 16 जुलाई तक कांवड़ यात्रा को लेकर जवाब दाखिल करने को कहा था। धार्मिक मामलों में सॉफ्ट कार्नर रखने वाली योगी सरकार कोरोना की संभावित तीसरी लहर के बीच भले ही कांवड़ यात्रा को इजाजत दी है, लेकिन मुख्यमंत्री ने अधिकारियों व कांवड़ यात्रा में भाग लेने वाले लोगों से कुछ बातों का ध्यान रखने के लिए कहा है। कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल (Covid Protocol) के साथ कांवड़ यात्रा को जारी रखने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि इस साल की कांवड़ यात्रा में कम संख्या में ही लोग भाग लें और कोविड प्रोटोकॉल का विशेष रूप से पालन किया जाना चाहिए। सामाजिक दूरी का विशेष रूप से ध्यान रखने का फरमान जारी किया गया है।

उत्तराखंड सरकार पहले ही रद कर चुकी कांवड़ यात्रा

उत्तराखंड सरकार कुंभ मेले में हुई किरकिरी को देखते हुए कांवड़ यात्रा रद्द करने का आदेश जारी कर चुकी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह फैसला करते हुए कहा कि लोगों की जान के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है। इसीलिए अधिकारियों के बात करके यात्रा को रद्द करने का फैसला लिया है। कांवड़ यात्रा को लेकर राज्य के बॉर्डर पर विशेष नजर रखी जाएगी और सख्ती से सरकार के फैसले का पालन कराया जाएगा।

पिछले साल नहीं हुई थी कांवड़ यात्रा

आपको याद होगा कि कोरोना की बीमारी के चलते पिछले साल भी कांवड़ की यात्रा नहीं हुई थी, लेकिन खतरे को देखते हुए कभी भी इतना हो हल्ला नहीं मचाया गया। न ही सरकार ने इसके आयोजन की जिद की और ना ही हिंदू संगठनों ने इस पर कोई ऐतराज जताया, लेकिन अबकी बार योगी सरकार ने जिस तरह से अपनी तैयारी करते हुए कांवड़ की यात्रा को हरी झंडी दी है, उस पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस भेज दिया है।

Sushil Shukla

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