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Kedarnath Mein PM Modi: ऐतिहासिक होगा 5 नवंबर का दिन, पीएम मोदी ऐसे करेंगे इन 12 ज्योतिर्लिंगों का पूजन एक साथ

Kedarnath Mein PM Modi: 5 नवंबर को पूरे देश के लिए काफी बड़ा दिन साबित होने वाला है। जब पीएम मोदी तो केदारनाथ धाम में होंगें, लेकिन पूरे देश में शिव धामों में धूम-धाम से पूजा-अर्चना होगी।

Vidushi Mishra
Written By Vidushi Mishra
Published on: 3 Nov 2021 2:15 PM IST (Updated on: 3 Nov 2021 2:17 PM IST)
PM Narendra Modi
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केदारनाथ धाम में पीएम मोदी (फोटो- कांसेप्ट)

Kedarnath Mein PM Modi : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 नवंबर को केदारनाथ धाम जाएगें। केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने से एक दिन पहले पीएम मोदी का ये दौरा काफी ऐतिहासिक होने वाला है। ये वो अवसर होगा, जब देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में भाजपा के प्रमुख नेता एक साथ एक घड़ी में पूजा-अर्चना करेंगें। इस दिन एक ही समय पर केदारनाथ धाम से देश के अन्य 11 ज्योतिर्लिंगों को और उत्तराखंड के सभी शिव मंदिरों को ऑनलाइन जोड़ा जाएगा।

5 नवंबर को पूरे देश के लिए काफी बड़ा दिन साबित होने वाला है। जब पीएम मोदी तो केदारनाथ धाम में होंगें, लेकिन पूरे देश में शिव धामों में धूम-धाम से पूजा-अर्चना होगी।5 नवंबर को पूरे देश के लिए काफी बड़ा दिन साबित होने वाला है। जब पीएम मोदी तो केदारनाथ धाम में होंगें, लेकिन पूरे देश में शिव धामों में धूम-धाम से पूजा-अर्चना होगी। हर तरफ बम-बम भोले के जयकारों से पूरा देश झूम उठेगा।

जब पीएम मोदी में होंगे केदारनाथ में (PM Modi Visit In Kedarnath)

पीएम मोदी केदारनाथ में (फोटो- सोशल मीडिया)

बता दें, छह नवंबर को केदारनाथ धाम के कपाट (kedarnath closing date 2021) बंद होंगे। ऐसे में एक दिन पहले पीएम मोदी के आगमन पर स्वागत की तैयारियां तेजी से होने लगी है। राज्य सीएम पुष्कर सिंह धामी लगातार ऑनलाइन और दूरभाष के जरिए दिशा-निर्देश दे रहे हैं।

इस दौरान पुनर्निर्माण कार्यों से भव्य स्वरूप ले रही केदारनगरी का नजारा बहुत ही अद्भुत होगा। इस दौरान पीएम मोदी आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। जिसमें करीब 400 करोड़ से तैयार हुए पुनर्निर्माण कार्यों का भी लोकार्पण करेंगे।

कार्यक्रम के अनुसार, पीएम मोदी के केदारधाम पहुंचने पर सरकार के सभी मंत्री, पार्टी विधायक व पदाधिकारी बाबा के धाम नहीं जाना होगा। बल्कि जिस समय पीएम मोदी केदारनाथ में बाबा भोले के दर्शन कर रहे होंगे, बिल्कुल उसी समय देशभर में अन्य 11 ज्योतिर्गिलों और शिवालयों में पूजा अर्चना भाजपा के वरिष्ठ नेता करेंगे।

इस दौरान केदारनाथ धाम समेत देश की सभी दिशाओं उत्तर दक्षिण पूर्व पश्चिम में स्थापित 12 ज्योतिर्लिंगों (12 jyotirling kaun se hain) को भी ऑनलाइन जोड़ने की तैयारी है। ये हैं 12 ज्योतिर्लिंग-

सभी ज्योतिर्लिंग

1.केदारनाथ (उत्तराखंड)

2.सोमनाथ (गुजरात)

3. मल्लिकार्जुन (आंध्रप्रदेश)

4.महाकालेश्वर (मध्यप्रदेश)

5. ऊंकारेश्वर (मध्यप्रदेश)

6. भीम शंकर(महाराष्ट्र)

7. काशी विश्वनाथ (उत्तरप्रदेश)

8. त्रयम्बकेश्वर (महाराष्ट्र)

9. वैद्यनाथ (झारखंड)

10. नागेश्वर (गुजरात)

11. रामेश्वर (तमिलनाडु)

12. घृष्णेश्वर (महाराष्ट्र)

दीवाली के बाद पीएम नरेंद्र मोदी पांच नवंबर को केदारनाथ में होंगे। बता दें, पीएम मोदी का बीते एक महीने में यह उत्तराखंड का दूसरा दौरा है। लेकिन ये दौरा काफी यादगार और ऐतिहासिक होने वाला है। बाबा भोले में अटूट श्रद्धा रखने वाले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दौरे को हिंदुत्व कार्ड से जोड़कर देखा जा रहा है।

ज्योतिर्लिंग के बारे में (Jyotirlinga Ke Bare Mein)

केदारनाथ धाम, उत्तराखंड (Kedarnath Dham Yatra)

केदारनाथ धाम (फोटो- सोशल मीडिया)

उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग में केदारनाथ मंदिर है। शिव की भक्ति में लीन भक्त यहां बर्फ से ढकी ऊंची-ऊंची पहाड़ियों का पार करके बाबा के दर्शन करने आते हैं। उत्तराखंड में हिमालय पर्वत की गोद में केदारनाथ मन्दिर 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। इसके साथ ही चार धाम और पंच केदार में से भी एक है। यहां के वातावरण के हिसाब से ये मंदिर अप्रैल से नवंबर महीने में ही खुलता है।

सोमनाथ, गुजरात (Somnath Temple, Gujarat)

12 ज्योतिर्लिंगों में से एक गुजरात का सोमनाथ मंदिर है। जिसके चर्चे इतिहास में भी मिलते हैं। इस मंदिर में महमूद गजनवी ने 17 बार आक्रमण किया। मंदिर का सोना-चांदी संपत्ति लूट ले गया था। मंदिर परिसर को तकरीबन नष्ट ही कर दिया था। लेकिन बाबा की मूर्ति को कहीं न ले जा सका।

सोमनाथ मंदिर, गुजरात (फोटो-सोशल मीडिया)

गुजरात के सोमनाथ मंदिर के बारे में ऐसी कहावतें है कि सब कुछ लूटने के बाद जब महमूद गजनवी ने शिवलिंग पर कुल्हाड़ी मारी, तोड़ने के लिए, तो शिवलिंग से एकदम से खून बहना लगा। जिसे देखकर सभी पीछे हट गए, और उसके बाद से कभी हमला नहीं किया।

मल्लिकार्जुन, आंध्रप्रदेश (Mallikarjuna Temple)

मल्लिकार्जुन, आंध्रप्रदेश (फोटो-सोशल मीडिया)

बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक मल्लिकार्जुन मंदिर आंध्रप्रदेश के दक्षिणी भाग के कुर्नूल जिले में श्री शैलम पर्वत पर कृष्णा नदी के तट पर है।

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के बारे में शिव पुराण के मुताबिक, श्री शैल पर्वत पर भगवान शिव-पार्वती की पूजा अर्चना करने से अश्वमेध यज्ञ करने मनचाहा फल प्राप्त होता है। यहां भगवान के दर्शन से रोग और कष्ट दूर हो जाते हैं।

महाकालेश्वर (मध्यप्रदेश) (Mahakaleshwar Mandir)

उज्जैन (mahakaleshwar ujjain) में महाकालेश्वर मंदिर भारत में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। यहां महाकालेश्वर की मूर्ति दक्षिणमुखी होने की वजह से दक्षिणामूर्ति मानी जाती है। महाकाल के इस मंदिर के ऊपर गर्भगृह में ओंकारेश्वर शिव की मूर्ति है। जबकि गर्भगृह के पश्चिम, उत्तर और पूर्व में गणेश, पार्वती और कार्तिकेय जी हैं, वहीं दक्षिण में नंदी की प्रतिमा है। फिर तीसरी मंजिल पर नागचंद्रेश्वर की मूर्ति, जोकि सिर्फ नागपंचमी के दिन दर्शन के लिए खुलती है।

महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन (फोटो- सोशल मीडिया)

ओंकारेश्वर (मध्य प्रदेश) (Omkareshwar Temple)

ओंकारेश्वर मंदिर (फोटो- सोशल मीडिया)

ओंकारेश्वर मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। महादेव का ये मंदिर मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में है। जोकि नर्मदा नदी के बीच मन्धाता या शिवपुरी नामक द्वीप पर है। बताया जाता है कि ओंकारेश्वर(omkareshwar mahadev) का निर्माण नर्मदा नदी से स्वतः ही हुआ है। बता दें, यह नदी भारत की पवित्रतम नदियों में से एक है। यहां पर महादेव के दो मंदिर हैं- 1.ॐकारेश्वर 2.ममलेश्वर

भीम शंकर, महाराष्ट्र (Bhimashankar Jyotirlinga)

भीमाशंकर मंदिर (फोटो- सोशल मीडिया)

भीमाशंकर मंदिर महादेव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। बाबा का ये मंदिर महाराष्ट्र में पुणे से लगभग 100 किलोमीटर दूरी पर सह्याद्रि नामक पर्वत पर स्थित है। जबकि नासिक से ये मंदिर 120 मील दूर है। यहीं से भीमा नदी निकलती है। जोकि दक्षिण पश्चिम दिशा में बहती हुई रायचूर जिले में कृष्णा नदी से मिल जाती है।

काशी विश्वनाथ, उत्तरप्रदेश (Kashi Vishwanath Mandir)

काशी विश्वनाथ, उत्तरप्रदेश(फोटो-सोशल मीडिया)

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में महादेव का जयकारा स्टेशन से लगने लगता है। काशी विश्वनाथ मंदिर बाबा भोले के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। काशी में बाबा का ये मंदिर पवित्र नदी गंगा के पश्चिमी तट पर है। ये मंदिर आज भी प्राचीन शैली में ही बना हुआ है। बताया जाता है कि ये मंदिर मुख्य देवता विश्वनाथ या विश्वेश्वर नाम से जाना जाता है। जिसका अर्थ होता है ब्रह्मांड के शासक।

त्रयम्बकेश्वर, महाराष्ट्र (Trimbakeshwar Mandir)

त्रयम्बकेश्वर, महाराष्ट्र (फोटो- सोशल मीडिया)

बाबा के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक त्र्यम्बकेश्वर ज्योर्तिलिंग है। ये मन्दिर महाराष्ट्र-प्रांत के नासिक जिले में त्रयंबक गांव में हैं। इस मंदिर के पास से ब्रह्म गिरि नामक पर्वत से गोदावरी नदी का उद्गम है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव इस स्थान में वास करने की कृपा की और त्र्यम्बकेश्वर नाम से विख्यात हुआ। इस मंदिर के अंदर एक छोटे से गढ्ढे में तीन छोटे-छोटे लिंग है, ब्रह्मा, विष्णु और शिव। ये तीनों लिंग देवों के प्रतीक माने जाते हैं।

वहीं शिवपुराण के मुताबिक, ब्रह्मगिरि पर्वत के ऊपर जाने के लिये चौड़ी-चौड़ी सात सौ सीढ़ियाँ बनी हुई हैं। इन सीढ़ियों पर चढ़ाई करने पर 'रामकुण्ड' और 'लष्मणकुण्ड' मिलते हैं। तभी ऊपर चढ़ने पर शिखर से गोमुख से निकलती हुई भगवती गोदावरी के साक्षात् दर्शन होते हैं।

वैद्यनाथ, झारखंड (Baidyanath Temple)


बाबा में बारह ज्योतिर्लिंगों में झारखंड के देवघर में वैद्यनाथ मन्दिर एक है। महादेव का ये मंदिर जहाँ पर स्थित है उस स्थान को "देवघर" यानी देवताओं का घर कहते हैं। बाबा की ये एक सिद्धपीठ है। इस बारे में कहा जाता है कि यहाँ पर आने वालों की सारी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। इस वजह से इस लिंग को "कामना लिंग" भी कहा जाता हैं। यहां बैजनाथ अहिर ने सबसे पहले बाबा धाम की पूजा के बाद सिंहेश्वर बाबा की पूजा करना बहुत जरूरी है।

नागेश्वर, गुजरात (Nageshwar Mandir)

नागेश्वर मंदिर (फोटो- सोशल मीडिया)

नागेश्वर मन्दिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक प्रसिद्ध मंदिर है। ये मंदिर (nageshwar mandir jyotirlinga) द्वारका, गुजरात के बाहरी इलाके में है। इस मंदिर के बारे में हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, नागेश्वर अर्थात नागों का ईश्वर होता है। यह विष आदि से बचाव करता है। साथ ही रुद्र संहिता में इन भगवान को दारुकावने नागेशं कहा गया है

रामेश्वर, तमिलनाडु (Rameshwaram Temple)

रामेश्वरम मंदिर (फोटो- सोशल मीडिया)

रामेश्वरम में बाबा भोले का ये मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। रामेश्वर दक्षिण का बहुत पवित्र तीर्थ है। यहां बाबा का मंदिर तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में है। साथ ही यह तीर्थ हिन्दुओं के चार धामों में से एक है। इस मंदिर की वहीं मान्यता है जोकि भारत के उत्तर मे काशी की है।

घृष्णेश्वर, महाराष्ट्र (Grishneshwar Temple)

घृष्णेश्वर मंदिर (फोटो- सोशल मीडिया)

घृष्णेश्वर मंदिर महादेव के ज्योतिर्लिंगों में से एक है। ये महाराष्ट्र में औरंगाबाद के पास दौलताबाद से 11 किलोमीटर दूर स्थित है। इस मंदिर को कुछ लोग घुश्मेश्वर , , घुसृणेश्वर के नाम से भी जानते हैं। इस मंदिर के पास बौद्ध भिक्षुओं द्वारा निर्मित एलोरा की प्रसिद्ध गुफाएं हैं। बता दें, इस मंदिर का निर्माण देवी अहिल्याबाई होल्कर ने करवाया था। शहर से दूर स्थित यह मंदिर सादगी से परिपूर्ण है। द्वादश ज्योतिर्लिंगों में यह अंतिम ज्योतिर्लिंग है।


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