Kerala News: कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्र पर पीएम की तस्वीर, केरल हाई कोर्ट की यह टिप्पणी

Kerala News: केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने कहा है कि नागरिक इस हद तक असहिष्णु नहीं हो सकते कि वे एक प्रमाणपत्र पर प्रधानमंत्री (PM Nrendra Modi) की तस्वीर को सहन न करें।

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Newstrack NetworkPublished By Shashi kant gautam
Published on: 5 Feb 2022 5:45 PM GMT
Kerala News: कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्र पर पीएम की तस्वीर, केरल हाई कोर्ट की यह टिप्पणी
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Kerala News: कोविड टीकाकरण के बाद मिलने वाले प्रमाण पत्र पर छपे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर को लेकर काफी बावल मचा हुआ है। जिसमें कोविड टीकाकरण के प्रमाणपत्र (vaccination certificate) से प्रधानमंत्री की तस्वीर हटाने की मांग (Demand to remove PM's picture) की गई थी।

मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार और न्यायमूर्ति शाजी पी चाली (Chief Justice S Manikumar and Justice Shaji P Chali) की खंडपीठ द्वारा 25 जनवरी को जारी एक आदेश में यह टिप्पणी की गई।

एकल न्यायाधीश ने याचिका को अस्वीकार कर दिया

इसी को लेकर केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने कहा है कि नागरिक इस हद तक असहिष्णु नहीं हो सकते कि वे एक प्रमाणपत्र पर प्रधानमंत्री (PM Nrendra Modi) की तस्वीर को सहन न करें। पीठ ने एकल न्यायाधीश के एक आदेश के खिलाफ दायर की गई अपील को खारिज कर दिया। एकल न्यायाधीश ने उस याचिका को अस्वीकार कर दिया था।

कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्र पर पीएम की तस्वीर: Photo - Social Media

नागरिक इस हद तक असहिष्णु नहीं हो सकते

पीठ ने कहा कि तस्वीर को केवल भारत सरकार (India Government) द्वारा अपने दायित्वों, कर्तव्यों और कार्यों का निर्वहन किए जाने के प्रयास के रूप में देखा जा सकता है। इसने कहा कि नागरिक इस हद तक असहिष्णु नहीं हो सकते कि वे एक प्रमाणपत्र पर प्रधानमंत्री की तस्वीर को सहन न करें।

उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने पिछले साल 21 दिसंबर को पीटर मायलीपरम्पिल द्वारा दायर याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह 'गलत उद्देश्यों' , 'प्रचार पाने' के लिए दायर की गई है और याचिकाकर्ता का शायद 'राजनीतिक एजेंडा' है।

याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना

याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। बाद में, याचिकाकर्ता ने एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी। उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ ने हालांकि महामारी की स्थिति और समुदाय में उससे उपजे संकट को देखते हुए याचिकाकर्ता पर लगाए गए जुर्माने की राशि को घटाकर 25 हजार रुपये कर दिया।

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