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कोरोना की चपेट में कृषि आंदोलन, दो की मौत, कई किसानों में मिले लक्षण

कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन में 2 किसानों की मौत हो गई, जिसमें से एक की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है।

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Newstrack Network NetworkPublished By Shreya
Published on: 19 May 2021 10:27 AM GMT
कोरोना की चपेट में कृषि आंदोलन, दो की मौत, कई किसानों में मिले लक्षण
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किसान आंदोलन में जुटी भीड़ (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

सोनीपत: कोरोना वायरस महामारी (Corona Virus Pandemic) के बीच केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन (Kisan Aandolan) जारी है। किसानों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती, तब तक वो आंदोलन को खत्म नहीं करेंगे। लेकिन इस बीच अब आंदोलन में कोविड-19 संक्रमण ने दस्तक दे दी है।

सोनीपत कुंडली बॉर्डर (Sonipat Kundli Border) पर जारी किसानों के आंदोलन में कोरोना की दस्तक हो चुकी है। यही नहीं सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर दो किसानों की मौत हो गई है, जिसमें से एक किसान पटियाला, जबकि दूसरा लुधियाना का रहने वाला था। पटियाला के रहने वाले मृतक किसान बलबीर की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। हालांकि किसान नेताओं का कहना है कि सरकार द्वारा जानबूझकर किसानों की मौत की वजह को कोरोना बताया जा रहा है।

किसान नेताओं ने लगाया ये आरोप

किसानों नेताओं के मुताबिक, सरकार किसान आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। वहीं दूसरी ओर सोनीपत सिविल अस्पताल के पोस्टमार्टम अधिकारी डॉक्टर गिन्नी लंबा का कहना है कि किसानों का कोरोना टेस्ट पुलिस के कहने पर किया गया था। जिसमें बलबीर की रिपोर्ट कोविड-19 पॉजिटिव आई है। फिलहाल सोनीपत पुलिस मामले की जांच कर रही है।

किसान आंदोलन में शामिल लोग (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

कई किसानों में हैं कोरोना के लक्षण

मिली जानकारी के मुताबिक, जिस मृतक किसान की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है, उसे बीते काफी दिनों से बुखार आ रहा था। साथ ही उसमें कोरोना के लक्षण भी देखे जा रहे थे। यही नहीं बताया ये भी जा रहा है कि आंदोलन में ऐसे कई किसान हैं, जिसमें बीते काफी दिनों से बुखार है, लेकिन वो कोरोना की जांच नहीं करवा रहे हैं।

गौरतलब है कि कृषि कानूनों के खिलाफ बीते लंबे समय से दिल्ली की अलग अलग सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है। कोरोना के मामले बढ़ने पर किसानों से आंदोलन खत्म करने की भी अपील की गई थी, लेकिन किसानों ने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया। उनका कहना है कि ये उनका आंदोलन खत्म करने की साजिश है।

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